संविधान संशोधन (भारतीय राजव्यवस्था एवं शासन)

Total Questions: 50

1. कथन (A): अनुच्छेद 368 के अंतर्गत संसद संविधान के किसी भी भाग में संशोधन कर सकती है। [U.P.P.C.S. (Pre) 2015]

कारण (R) : संसद, भारत की जनता द्वारा निर्वाचित उच्चतम विधायी संस्था है।

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग करते हुए सही उत्तर चुनिए :

 

Correct Answer: (a) (A) तथा (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है।
Solution:अनुच्छेद 368 के अनुसार, इस संविधान में किसी बात के होते हुए भी, संसद अपनी संविधायी शक्ति का प्रयोग करते हुए इस संविधान के किसी उपबंध का परिवर्धन, परिवर्तन या निरसन के रूप में संशोधन इस अनुच्छेद में अधिकथित प्रक्रिया के अनुसार कर सकेगी। संसद, भारत की जनता द्वारा निर्वाचित उच्चतम विधायी संस्था है, इसी कारण संविधान में संशोधन का यह अधिकार संसद को प्राप्त है। अतः कथन एवं कारण दोनों सही हैं तथा कारण, कथन की स्पष्ट व्याख्या है। अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।

2. निम्न विधेयकों में से किस एक का भारतीय संसद के दोनों सदनों द्वारा अलग-अलग विशेष बहुमत से पारित होना आवश्यक है- [I.A.S. (Pre) 2003 U.P.P.C.S. (Mains) 2007]

Correct Answer: (d) संविधान संशोधन विधेयक
Solution:संसद की संविधान संशोधन की शक्ति और उसके लिए प्रक्रिया संविधान के अनुच्छेद 368 में वर्णित है। अनुच्छेद 368 के अनुसार, संविधान संशोधन विधेयक का भारतीय संसद के दोनों सदनों द्वारा अलग-अलग विशेष बहुमत से पारित होना आवश्यक है अर्थात कुल सदस्यों के आधे से अधिक और उपस्थित एवं मतदान करने वाले सदस्यों के 2/3 बहुमत से इसका पारित होना आवश्यक है।

3. भारतीय संविधान में किस अनुच्छेद के प्रावधानों के अंतर्गत संशोधन किया जा सकता है? [U.P.P.C.S. (Mains) 2008]

Correct Answer: (a) अनुच्छेद 368
Solution:संसद की संविधान संशोधन की शक्ति और उसके लिए प्रक्रिया संविधान के अनुच्छेद 368 में वर्णित है। अनुच्छेद 368 के अनुसार, संविधान संशोधन विधेयक का भारतीय संसद के दोनों सदनों द्वारा अलग-अलग विशेष बहुमत से पारित होना आवश्यक है अर्थात कुल सदस्यों के आधे से अधिक और उपस्थित एवं मतदान करने वाले सदस्यों के 2/3 बहुमत से इसका पारित होना आवश्यक है।

4. भारत के संविधान के किस अनुच्छेद में उसके संशोधन की प्रक्रिया दी गई है? [U.P.P.S.C.(GIC) 2010]

Correct Answer: (c) 368
Solution:संसद की संविधान संशोधन की शक्ति और उसके लिए प्रक्रिया संविधान के अनुच्छेद 368 में वर्णित है। अनुच्छेद 368 के अनुसार, संविधान संशोधन विधेयक का भारतीय संसद के दोनों सदनों द्वारा अलग-अलग विशेष बहुमत से पारित होना आवश्यक है अर्थात कुल सदस्यों के आधे से अधिक और उपस्थित एवं मतदान करने वाले सदस्यों के 2/3 बहुमत से इसका पारित होना आवश्यक है।

5. संविधान में संशोधन की पहल की जा सकती है- [U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2013]

Correct Answer: (d) संसद के किसी एक सदन में
Solution:भारत के संविधान में संशोधन की प्रक्रिया को संसद के किसी भी एक सदन (राज्य सभा या लोक सभा) में इस प्रयोजन के लिए विधेयक पुरःस्थापित करके प्रारंभ किया जा सकता है। इसका उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 368(2) में किया गया है, किंतु संशोधन के लिए प्रत्येक सदन के सदस्यों के विशेष बहुमत की आवश्यकता होती है। भारत के संविधान में संशोधन की प्रक्रिया को दक्षिण अफ्रीका के संविधान से लिया गया है।

6. भारतीय संविधान में संशोधन के लिए विधेयक लाया जा सकता है- [38th B.P.S.C. (Pre) 1992]

Correct Answer: (c) या तो लोक सभा में या राज्य सभा में
Solution:भारत के संविधान में संशोधन की प्रक्रिया को संसद के किसी भी एक सदन (राज्य सभा या लोक सभा) में इस प्रयोजन के लिए विधेयक पुरःस्थापित करके प्रारंभ किया जा सकता है। इसका उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 368(2) में किया गया है, किंतु संशोधन के लिए प्रत्येक सदन के सदस्यों के विशेष बहुमत की आवश्यकता होती है। भारत के संविधान में संशोधन की प्रक्रिया को दक्षिण अफ्रीका के संविधान से लिया गया है।

7. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए, [I.A.S. (Pre) 1999]

भारतीय संविधान में कोई संशोधन लाने का उपक्रमण किया जा सकता है-

1. लोक सभा द्वारा

2. राज्य सभा द्वारा

3. राज्य विधानमंडलों द्वारा

उक्त कथनों में कौन-सा/से सही हैं?

 

Correct Answer: (d) 1 और 2
Solution:भारत के संविधान में संशोधन की प्रक्रिया को संसद के किसी भी एक सदन (राज्य सभा या लोक सभा) में इस प्रयोजन के लिए विधेयक पुरःस्थापित करके प्रारंभ किया जा सकता है। इसका उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 368(2) में किया गया है, किंतु संशोधन के लिए प्रत्येक सदन के सदस्यों के विशेष बहुमत की आवश्यकता होती है। भारत के संविधान में संशोधन की प्रक्रिया को दक्षिण अफ्रीका के संविधान से लिया गया है।

8. भारत के संविधान के अनुच्छेद 368(2) के उपबंधों के तहत यदि कोई विधेयक भारत की संसद द्वारा पारित होने के पश्चात राजस्थान विधानसभा के पास संकल्प द्वारा अनुसमर्थन के लिए आता है, तो- [R.A.S./R.T.S. (Pre) 2018]

(A) विधानसभा संकल्प पारित कर सकती है।

(B) विधानसभा संकल्प अस्वीकार कर सकती है।

(C) ऐसे संकल्प में कोई संशोधन प्रस्तावित नहीं किया जा सकता है।

सही उत्तर का चयन नीचे दिए गए कूट से कीजिए -

Correct Answer: (d) (A), (B) और (C)
Solution:भारत के संविधान के अनुच्छेद 368 (2) के परंतुक के उपबंधों के तहत वर्णित संविधान के कतिपय प्रावधानों में संशोधन करने हेतु विधेयक के भारत की संसद के प्रत्येक सदन द्वारा अपेक्षित बहुमत से पारित होने के पश्चात उसे राष्ट्रपति की अनुमति के लिए प्रस्तुत किए जाने से पूर्व यह आवश्यक है कि कम-से-कम आधे राज्य विधानमंडलों द्वारा उस विधेयक को अनुसमर्थित किया जाए। आधे राज्य यदि विधेयक को अपनी संस्तुति देते हैं, तो औपचारिकता पूरी हो जाती है। राजस्थान विधानसभा समेत कोई भी विधानसभा संकल्प को पारित कर सकती है या अस्वीकार कर सकती है। ऐसे संकल्प में विधानसभा द्वारा कोई संशोधन प्रस्तावित नहीं किया जा सकता है।

9. भारतीय संविधान के अनुसार, निम्न विषयों पर संवैधानिक संशोधन के लिए कम-से-कम आधे राज्यों के विधानमंडल द्वारा सम्पुष्टि आवश्यक है- [U.P. Lower Sub. (Pre) 2004]

1. संविधान के संघीय प्रावधान

2. सर्वोच्च न्यायालय के अधिकार

3. संविधान संशोधन की प्रक्रिया

4. नए राज्यों का निर्माण अथवा राज्यों की सीमाओं तथा नामों में परिवर्तन

 

Correct Answer: (a) 1,2,3
Solution:भारतीय संविधान नम्य एवं परिवर्तनशील है। इसमें आवश्यकतानुसार संविधान के अनुच्छेद 368 में दी गई प्रक्रिया के अनुसार संशोधन किया जा सकता है। भारतीय संविधान में तीन प्रकार से संशोधन किया जा सकता है-

1. साधारण बहुमत द्वारा-संविधान में कुछ प्रावधान हैं, जिन्हें संसद साधारण बहुमत से संशोधित कर सकती है। इस प्रकार के संशोधन को अनुच्छेद 368 के प्रयोजनों के तहत संविधान का संशोधन नहीं माना जाता। यथा-राज्यों के नामों तथा सीमाओं में परिवर्तन करने अथवा नए राज्यों का निर्माण करने, राज्यों में विधान परिषदों को सृजित करने या समाप्त करने, राष्ट्रपति, राज्यपालों, उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के वेतनों में वृद्धि या कमी करने वाले संशोधन आदि साधारण बहुमत से किए जाते हैं।

2. विशेष बहुमत द्वारा - अनुच्छेद 368 (2) की प्रक्रिया के तहत संसद अपने प्रत्येक सदन के विशेष बहुमत (कुल सदस्य संख्या के बहुमत और उपस्थित एवं मत देने वाले सदस्यों के दो-तिहाई बहुमत) से विधेयक पारित कर संविधान के अधिकांश अनुच्छेदों में संशोधन कर सकती है।

3. विशेष बहुमत तथा राज्यों के अनुमोदन से - अनुच्छेद 368(2) के परंतुक के अनुसार, संविधान में कतिपय प्रावधान ऐसे हैं, जिनमें संशोधन करने के लिए संसद के विशेष बहुमत के साथ कम-से-कम आधे राज्यों के विधानमंडलों का अनुमोदन प्राप्त करना आवश्यक है। यथा-राष्ट्रपति का निर्वाचन एवं उसकी प्रक्रिया, संघ तथा राज्यों की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार, उच्चतम न्यायालय तथा उच्च न्यायालय संबंधी प्रावधान, संसद में राज्यों का प्रतिनिधित्व, संविधान संशोधन की संसद की शक्ति और उसकी प्रक्रिया, संघ और राज्यों के मध्य विधायी शक्तियों का विभाजन तथा सातवीं सूची में वर्णित सूचियों की प्रविष्टि, माल और सेवा कर (जीएसटी) परिषद संबंधी प्रावधान (अनु. 279A) आदि।

10. निम्नलिखित में से कौन-कौन से विषय हैं, जिन पर कम-से-कम आधे राज्यों के विधानमंडलों के अनुसमर्थन से ही सांविधानिक संशोधन संभव है? [I.A.S. (Pre) 1995]

1. राष्ट्रपति का निर्वाचन

2. संसद में राज्यों का प्रतिनिधित्व

3. सातवीं अनुसूची में कोई भी सूची

4. किसी राज्य की विधान परिषद की समाप्ति

नीचे दिए हुए कूटों से सही उत्तर का चयन कीजिए-

 

Correct Answer: (a) 1, 2 और 3
Solution:भारतीय संविधान नम्य एवं परिवर्तनशील है। इसमें आवश्यकतानुसार संविधान के अनुच्छेद 368 में दी गई प्रक्रिया के अनुसार संशोधन किया जा सकता है। भारतीय संविधान में तीन प्रकार से संशोधन किया जा सकता है-

1. साधारण बहुमत द्वारा-संविधान में कुछ प्रावधान हैं, जिन्हें संसद साधारण बहुमत से संशोधित कर सकती है। इस प्रकार के संशोधन को अनुच्छेद 368 के प्रयोजनों के तहत संविधान का संशोधन नहीं माना जाता। यथा-राज्यों के नामों तथा सीमाओं में परिवर्तन करने अथवा नए राज्यों का निर्माण करने, राज्यों में विधान परिषदों को सृजित करने या समाप्त करने, राष्ट्रपति, राज्यपालों, उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के वेतनों में वृद्धि या कमी करने वाले संशोधन आदि साधारण बहुमत से किए जाते हैं।

2. विशेष बहुमत द्वारा - अनुच्छेद 368 (2) की प्रक्रिया के तहत संसद अपने प्रत्येक सदन के विशेष बहुमत (कुल सदस्य संख्या के बहुमत और उपस्थित एवं मत देने वाले सदस्यों के दो-तिहाई बहुमत) से विधेयक पारित कर संविधान के अधिकांश अनुच्छेदों में संशोधन कर सकती है।

3. विशेष बहुमत तथा राज्यों के अनुमोदन से - अनुच्छेद 368(2) के परंतुक के अनुसार, संविधान में कतिपय प्रावधान ऐसे हैं, जिनमें संशोधन करने के लिए संसद के विशेष बहुमत के साथ कम-से-कम आधे राज्यों के विधानमंडलों का अनुमोदन प्राप्त करना आवश्यक है। यथा-राष्ट्रपति का निर्वाचन एवं उसकी प्रक्रिया, संघ तथा राज्यों की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार, उच्चतम न्यायालय तथा उच्च न्यायालय संबंधी प्रावधान, संसद में राज्यों का प्रतिनिधित्व, संविधान संशोधन की संसद की शक्ति और उसकी प्रक्रिया, संघ और राज्यों के मध्य विधायी शक्तियों का विभाजन तथा सातवीं सूची में वर्णित सूचियों की प्रविष्टि, माल और सेवा कर (जीएसटी) परिषद संबंधी प्रावधान (अनु. 279A) आदि।