सर्वोच्च न्यायालय (भाग – 2) (भारतीय राजव्यवस्था एवं शासन)

Total Questions: 49

41. निम्नलिखित में से कौन-सा वाद जमींदारी व्यवस्था से संबंधित है? [Jharkhand P.C.S. (Pre) 2021]

1. कामेश्वर सिंह बनाम बिहार राज्य

2. रोमेश थापर बनाम मद्रास राज्य

3. मोतीलाल बनाम उत्तर प्रदेश राज्य

4. पश्चिम बंगाल राज्य बनाम सुबोध गोपाल

 

Correct Answer: (e) इनमे से कोई भी नहीं
Solution:प्रश्नगत वादों में से कामेश्वर सिंह बनाम बिहार राज्य वाद तथा पश्चिम बंगाल राज्य बनाम सुबोध गोपाल वाद जमींदारी व्यवस्था तथा भूमि सुधार कानूनों से संबंधित हैं। प्रश्नगत विकल्पों में सही उत्तर प्राप्त न होने के कारण झारखंड लोक सेवा आयोग ने अपनी संशोधित उत्तर कुंजी में इस प्रश्न के सभी विकल्पों को गलत माना है।

42. इंद्रा साहनी बनाम भारत संघ मुकदमे में सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय किस विषय से संबंधित है? [66th B.P.S.C. (Pre) (Re-Exam) 2020]

Correct Answer: (a) सरकारी नौकरियों में अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण
Solution:इंद्रा साहनी बनाम भारत संघ वाद (1992) में सर्वोच्च न्यायालय की 9- सदस्यीय संविधान पीठ का निर्णय सरकारी नौकरियों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBCs) को आरक्षण से संबंधित है। इस ऐतिहासिक निर्णय में सर्वोच्च न्यायालय ने मंडल आयोग की रिपोर्ट के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के सरकार के निर्णय को बरकरार रखा, किंतु साथ ही यह भी निर्णय दिया कि अन्य पिछड़ा वर्ग के क्रीमी लेयर या आर्थिक रूप से सशक्त भाग को इसके दायरे से बाहर रखा जाना चाहिए। इसके साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी निर्धारित किया कि अनुच्छेद 15(4) और 16(4) के तहत प्रदत्त कुल आरक्षण 50 प्रतिशत की सीमा से अधिक नहीं होना चाहिए।

43. हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने प्रवासी पंचाट निर्धारण अधिनियम 1983 को संविधान के किस अनुच्छेद के अंतर्गत केंद्र के पावन कर्तव्य के उल्लंघन पर असवैधानिक घोषित किया है? [U.P.P.C.S. (Pre) 2002]

Correct Answer: (a) अनुच्छेद 355
Solution:उच्चतम न्यायालय ने 13 जुलाई, 2005 को सर्बानंद सोनोवाल बनाम भारत संघ वाद में दिए अपने फैसले के तहत प्रवासी पंचाट निर्धारण अधिनियम, 1983 को संविधान के अनुच्छेद 355 के उल्लंघन के आधार पर असंवैधानिक घोषित कर दिया। उच्चतम न्यायालय के अनुसार प्रवासी पंचाट अधिनियम, 1983 अवैध रूप से भारत में घुसपैठ को बढ़ावा दे रहा था। इस कानून के रहते केंद्र अनुच्छेद 355 के तहत देश की सुरक्षा एवं संरक्षा के अपने उत्तरदायित्व को नहीं निभा पा रहा था। उच्चतम न्यायालय ने यह फैसला असम में भारी संख्या में बांग्लादेशियों की अवैध घुसपैठ के संदर्भ में दिया था। अनुच्छेद 355 में उपबंधित है कि संघ का यह कर्तव्य होगा कि वह बाह्य आक्रमण एवं आंतरिक अशांति से प्रत्येक राज्य की संरक्षा करे और प्रत्येक राज्य की सरकार का इस संविधान के उपबंधों के अनुसार चलाया जाना सुनिश्चित करे।

44. टी.डी.एस.ए.टी. के निर्णयों को चुनौती दी जा सकती है : [U.P. P.C.S. (Mains) 2003]

Correct Answer: (c) हाई कोर्ट तथा सुप्रीम कोर्ट में
Solution:टेलिकॉम डिस्प्यूट्स सेटलमेंट एंड अपीलेट ट्रिब्यूनल (TDSAT) की स्थापना 1997 के भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) अधिनियम में वर्ष 2000 में किए गए संशोधन के द्वारा की गई थी। इसका उद्देश्य दूरसंचार क्षेत्र में किसी भी विवाद का न्यायिक समाधान करना है। दूरसंचार, ब्रॉडकास्टिंग और एयरपोर्ट टैरिफ संबंधी मामलों में इसके निर्णयों के विरुद्ध केवल सुप्रीम कोर्ट में अपील की जा सकती है, जबकि साइबर मामलों में इसके निर्णय के विरुद्ध हाईकोर्ट में अपील की जा सकती है।

45. सबसे कम अवधि के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश कौन थे? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2021]

Correct Answer: (d) कमल नारायण सिंह
Solution:प्रश्नगत भारत के मुख्य न्यायाधीशों का कार्यकाल निम्नवत हैः

गोपाल बल्लव पटनायक             -        8-11-2002   -  18-12-2002

राजेंद्र मल लोढ़ा                         -        27-04-2014  -  27-09-2014

एस. राजेंद्र बाबू                          -      2-05-2004     -  31-05-2004

कमल नारायण सिंह                   -      25-11-1991     -   12-12-1991

वस्तुतः अब तक के भारत के सभी मुख्य न्यायाधीशों में न्यायमूर्ति कमल नारायण सिंह का कार्यकाल न्यूनतम रहा है।

46. भारत के उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति का सही क्रम है- [R.A.S./R.T.S. (Pre) 2021]

Correct Answer: (d) एच.एल. दत्तु, टी.एस. ठाकुर, जगदीश सिंह खेहर
Solution:भारत के उच्चतम न्यायालय के प्रश्नगत मुख्य न्यायमूर्तियों का कार्यकाल इस प्रकार है : जस्टिस बी.पी. सिन्हा (1.10.1959 से 31.1.1964), जस्टिस पी.बी. गजेन्द्रगडकर (1.2.1964 से 15.3.1966), जस्टिस एस.आर. दास (1.2.1956 से 30.9.1959); जस्टिस के.जी. बालकृष्णन (14.1.2007 से 11.5.2010), जस्टिस एस.एच. कापड़िया (12.5.2010 से 28.9.2012), जस्टिस एच.एल. दत्तु (28.9.2014 से 2.12.2015), जस्टिस रंजन गोगोई (3.10.2018 से 17.11.2019), जस्टिस एन.वी. रमण (24.4.2021 से अब तक), जस्टिस दीपक मिश्रा (28.8.2017 से 2.10.2018); जस्टिस टी. एस. ठाकुर (3.12.2015 से 3.1.2017), जस्टिस जगदीश सिंह खेहर (4.1.2017 से 27.8.2017)। इस प्रकार स्पष्ट है कि सही निरंतर क्रम विकल्प (d) में प्राप्त हो रहा है।

47. भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ के संबंध में कौन-सा/कौन-से कथन सही है/हैं? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2021]

कथन- I : वे भारत के 16 वें मुख्य न्यायाधीश थे।

कथन- II : वे अब तक सबसे लंबी अवधि तक मुख्य न्यायाधीश के पद पर रहने वाले व्यक्ति हैं।

कथन III: उनकी नियुक्ति नीलम संजीव रेड्डी ने की थी।

उपर्युक्त में से कौन-सा/कौन-से कथन सही है / हैं?

Correct Answer: (a) I, II और III
Solution:न्यायमूर्ति यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ को तत्कालीन राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी द्वारा भारत का 16वां मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। वे 22 फरवरी, 1978 को भारत के मुख्य न्यायाधीश बने तथा 11 जुलाई, 1985 तक इस पद पर रहे। 7 वर्ष 4 माह से कुछ अधिक के कार्य काल के साथ वे भारत के अब तक की सबसे लंबी अवधि तक पद पर रहने वाले मुख्य न्यायाधीश रहे। 1978 में उल्लेखनीय है कि उनके पुत्र न्यायमूर्ति धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ 9 नवंबर, 2022 को भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश बने हैं।

48. ए.एस. आनंद 1990 के दशक के अंत में किस पद पर कार्यरत थे? [67th B.P.S.C. (Pre) 2022]

Correct Answer: (b) भारत के मुख्य न्यायाधीश
Solution:न्यायमूर्ति आदर्श सेन आनंद (ए.एस. आनंद) 1990 के दशक के अंत में भारत के 29वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत थे। मुख्य न्यायाधीश के रूप में इनका कार्यकाल 10 अक्टूबर, 1998 से 31 अक्टूबर, 2001 तक था।

49. फातिमा बीवी जिनका हाल ही में निधन हो गया, वह भारत की पहली महिला हैं- [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2023]

Correct Answer: (b) सर्वोच्च न्यायालय की प्रथम महिला न्यायाधीश
Solution:जस्टिस एम. फातिमा बीवी का निधन 23 नवंबर, 2023 को हुआ। वे 1989 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय की प्रथम महिला न्यायाधीश बनी थीं। वर्ष 1992 में सर्वोच्च न्यायालय से सेवानिवृत्ति के पश्चात वे वर्ष 1993-97 के दौरान राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की सदस्या तथा वर्ष 1997 से 2001 के मध्य तमिलनाडु की राज्यपाल भी रहीं।