सहायक समीक्षा अधिकारी (प्री) परीक्षा, 2017 सामान्य अध्ययन (Part-I)

Total Questions: 70

1. सूची-1 को सूची-II से सुमेलित कीजिए और सूचियों के नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए-

सूची-I (आचार्य)सूची-II (सिद्धान्त)
A. लकुलीश1. आजीवक
B. नागार्जुन2. शून्यवाद
C. भद्रबाहु3. पाशुपत
D. गोसाल4. जैन

 

ABCD
(a)2341
(b)3241
(c)1234
(d)3124

 

Correct Answer: (b)
Solution:सही सुमेल इस प्रकार है-
सूची-1 (आचार्य)सूची-II (सिद्धान्त)
लकुलीशपाशुपत
नागार्जुनशून्यवाद
भद्रबाहुजैन
गोसालआजीवक

2. बौद्ध धर्म में 'त्रिरत्न' का क्या अभिप्राय है?

Correct Answer: (b) बुद्ध, धम्म, संघ
Solution:व्याख्या- बौद्ध धर्म में त्रिरत्न और त्रिपिटक का विशेष महत्व है। त्रिपिटक में सुत्त पिटक, विनय पिटक और अभिधम्म पिटक आते हैं जबकि त्रिरत्न में बुद्ध, धम्म एवं संघ शामिल हैं। हालांकि त्रिरत्न जैन धर्म से भी संबंधित है, जिसके अन्तर्गत सम्यक दर्शन, सम्यक ज्ञान और सम्यक चरित्र आते हैं।

3. निम्नलिखित में से कौन-सा युग्म सही सुमेलित नहीं है?

Correct Answer: (c) भितरी - पुलकेशिन द्वितीय
Solution:सही सुमेल इस प्रकार है-
अभिलेखशासक
ऐहोलपुलकेशिन द्वितीय
नासिकगौतमीपुत्र
हाथीगुम्फाखारवेल
भितरीस्कंदगुप्त
गिरनाररुद्रदामन प्रथम

4. निम्नलिखित में से किस शासक ने विक्रमशिला विश्वविद्यालय की स्थापना की थी?

Correct Answer: (d) धर्मपाल
Solution:व्याख्या- पालवंश के गोपाल प्रथम के पुत्र और योग्यतम उत्तराधिकारी धर्मपाल ने 770-810 ई. के मध्य शासन किया। बौद्ध धर्म के अनुयायी और 'परम सौगात' की उपाधि धारण करने वाले धर्मपाल ने बिहार में विक्रमशिला विश्वविद्यालय की स्थापना करवायी और नालंदा विश्वविद्यालय के खर्च हेतु 200 गाँवों को दान में दिया था। 11वीं शताब्दी के कवि सोड्ढल ने 'उदय सुन्दरी कथा' में उसे 'उत्तरापथ स्वामी' कहा है।

5. निम्नलिखित शासकों के नाम सही कालक्रमानुसार संयोजित कर अपना उत्तर नीचे दिए गए कूट से चयन कीजिए-

1. विद्याधर

2. धग

3. यशोवर्मा

4. कीर्तिवर्मा

Correct Answer: (a) 3, 2, 1,4
Solution:व्याख्या - प्रश्न में उल्लिखित सभी शासक चंदेल वंश से सम्बन्धित हैं तथा उनका कालानुक्रम संयोजन इस प्रकार है- यशोवर्मा (925-950 ई.) - धंग (950-999 ई.) विद्याधर - (1003-1035 ई.) - कीर्तिवर्मा (1060-1100ई.)

6. गुर्जर प्रतिहार शासकों में से किसकी उपाधि 'आदि वराह' थी?

Correct Answer: (c) मिहिरभोज
Solution:व्याख्या- गुर्जर प्रतिहार वंश के सर्वाधिक प्रतापी एवं महान शासक भोज प्रथम अथवा मिहिरभोज ने लगभग 50 वर्ष (836- 885ई.) तक शासन किया। वैष्णव उपासक भोज प्रथम ने अपने सिक्कों पर 'आदिवराह' की उपाधि का अंकन करवाया था। अरब यात्री सुलेमान ने अपने यात्रावृत्तान्त में मिहिरभोज को इस्लाम का सबसे बड़ा शत्रु बताया था।

7. निम्नलिखित घटनाओं पर विचार कीजिए तथा इन्हें कालक्रमानुसार व्यवस्थित कीजिए-

1. मुहम्मद-बिन-तुगलक द्वारा राजधानी का स्थानान्तरण

2. अफ़गानपुर षड्यंत्र

3. जलालुद्दीन खिलजी की हत्या

4. तराइन का द्वितीय युद्ध

नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए-

Correct Answer: (a) 4, 3, 2, 1
Solution:व्याख्या - सही कालानुक्रम इस प्रकार है- तराइन का द्वितीय युद्ध हत्या - - 1192ई. जलालुद्दीन खिलजी कौ 1296ई. - अफगानपुर षड्यंत्र 1325ई. मुहम्मद - तुगलक द्वारा राजधानी का स्थानांतरण - 1327ई.।

8. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए-

सूची-Iसूची-II
A. रणथम्भौर1. कर्णदेव
B. चित्तौड़2. राजा राय रामचन्द्र
C. देवगिरि3.हमीरदेव
D. गुजरात4. राणा रतन सिंह

 

ABCD
(a)4321
(b)1432
(c)2413
(d)3421

 

Correct Answer: (d)
Solution:व्याख्या - सही सुमेल इस प्रकार है-
सूची-Iसूची-II
रणथम्भौरहमीरदेव
चित्तौड़राणा रतन सिंह
देवगिरिराजा राय रामचन्द्र
गुजरातकर्णदेव

9. निम्नलिखित में से कौन-सा युग्म सही सुमलित नहीं है?

यात्रीगृह देश
(a) इब्नबतूतामोरक्को
(b) मार्को पोलोइटली
(c) अब्दुर रज्जाकतुर्की
(d) नूनिजपुर्तगाल

 

Correct Answer: (c)
Solution:व्याख्या - सही सुमेल इस प्रकार है-
यात्रीदेश
इब्नबतूतामोरक्को
मार्को पोलोइटली
अब्दुर रज्जाकईरान
नूनिजपुर्तगाल

10. निम्नलिखित में से किस शासक ने 'दीवान-ए-अमीर- कोही' विभाग की स्थापना की थी?

Correct Answer: (c) मुहम्मद-बिन-तुगलक
Solution:व्याख्या- कृषकों को प्रत्यक्ष सहायता देकर कृषि के प्रोत्साहन हेतु, मुहम्मद-बिन-तुगलक ने पृथक कृषि विभाग की स्थापना 'दीवान-ए-अमीर-कोही' के नाम से की थी। इसने सांकेतिक मुद्रा का प्रचलन भी करवाया था। मुहम्मद बिन तुगलक को उलूग खां की उपाधि दी गई थी। राजमुंदरी के एक अभिलेख में मुहम्मद- बिन-तुगलक को दुनिया का खान कहा गया है। यह मध्यकालीन सुल्तानों में यह सबसे शिक्षित विद्वान एवं योग्य व्यक्ति था। इसे स्वप्नशील, पागल एवं रक्त पिपासु कहा गया है।