सहायक समीक्षा अधिकारी (मुख्य) परीक्षा 2017 सामान्य अध्ययन(Part-II)

Total Questions: 60

11. इनमें से कौन विषाणु जनित रोग नहीं है?

Correct Answer: (d) क्षय रोग
Solution:व्याख्या- विकल्प में दिये गये रोगों में क्षय रोग विषाणु जनित रोग नहीं है। क्षय रोग या तपेदिक जिसे आम भाषा में टीबी के रोग के नाम से जाना जाता है। इस रोग के उत्पन्न होने का सबसे बड़ा कारण माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक जीवाणु है।
जीवाणु से होने वाले रोगविषाणु से होने वाले रोग
क्षय रोग, डिप्थीरिया,पोलियो, जुकाम,
हैजा, पेचिश, तपेदिक,इन्फ्लुएन्जा, खसरा
निमोनिया, टाइफाइड आदिरैबीज, पोलियो आदि

12. निम्न में से कौन-सा एक विटामिन सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में त्वचा में बनता है?

Correct Answer: (b) विटामिन D
Solution:व्याख्या- विटामिन-D ऐसा विटामिन है जो सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में त्वचा में बनता है। विटामिन-A पत्तेदार सब्जियों, गाजर, मछली इत्यादि के द्वारा शरीर को प्राप्त होता है, वहीं विटामिन E की प्राप्ति के स्त्रोत मेवे, फल व सब्जियाँ, विभिन्न प्रकार के बीज तथा उनसे प्राप्त तेल है। विटामिन-K पत्तेदार सब्जियों और अण्डे इत्यादि से प्राप्त होता है।

13. नीचे दो वक्तव्य दिये गये हैं, जिसमें एक को अभिकथन (a) व दूसरे को कारण (R) कहा गया है-

कथन (a) : जीवमण्डल एक खुला (विवृत) तंत्र का उदाहरण है।

कारण (R) : जीवमण्डल में पदार्थ के प्रारम्भिक निवेश के बाद पुनः नये पदार्थों का निवेश नहीं हो सकता, परन्तु ऊर्जा के निवेश एवं बर्हिगमन पर कोई प्रतिबन्ध नहीं होता है।

अधोलिखित कूटों में से सही उत्तर चुनिये-

Correct Answer: (c) (a) सही है तथा (R) गलत है।
Solution:जीवमण्डल एक खुलें तंत्र (सिस्टम) का उदाहरण है क्योंकि यह मौलिक रूप से संघटकों से निर्मित है- (1) जैविक संघटक (2) अजैविक संघटक तथा (3) ऊर्जा संघटक। ये तीनों संघटक आपस में एक-दूसरे पर आधारित हैं तथा ये संघटक परम्परावलम्बित हैं तथा वृहदस्तरीय चक्रीय क्रियाविधियों (जैव भूरसायन चक्र) द्वारा एक-दूसरे से अन्तर्सम्बन्धित हैं। वृहदस्तरीय जैव भूरसायन चक्रों के माध्यम से जीव-मण्डलीय तंत्र में ऊर्जा तथा पदार्थों के निवेश एवं बहिर्गमन की प्रक्रियाओं का चालन होता रहता है। जीवमण्डल एक खुला या विवृत तंत्र (Open System) का भी उदाहरण है, क्योंकि इसमें ऊर्जा का सतत निवेश या आगमन तथा पदार्थों का सतत बहिर्गमन होता रहता है। अतः कथन (a) सही है। उल्लेखनीय है कि जब तक इस जीवमण्डलीय तंत्र में ऊर्जा तथा पदार्थों का निवेश तथा पदार्थों के तंत्र से बाहर गमन में सन्तुलन बना रहता है तब तक जीवमण्डलीय तंत्र संतुलित दशा में बना रहता है परन्तु जब यह नाजुक संतुलन विक्षुब्ध हो जाता है तो जीवमण्डलीय तंत्र की संतुलन की रक्षा बिगड़ जाती है तथा इस असंतुलन के कारण कई प्रकार की पर्यावरणीय समस्याओं का सूत्रपात हो जाता है। अतः कथन (R) गलत है। इस प्रकार स्पष्ट है कि विकल्प (c) सही है।

14. जैविक एवं अजैविक संघटकों के मध्य बिचौलिया का कार्य करते हैं-

Correct Answer: (c) उत्पादक
Solution:व्याख्या- जैविक व अजैविक घटक आपस में सम्बन्धित होते हुए एक दूसरे से परस्पर क्रियाकलाप करते हैं एवं एक दूसरे को प्रभावित करते हुए प्रकृति एवं खाद्य श्रृंखला में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। उत्पादक जैविक एवं अजैविक जगत के संघटकों के मध्य बिचौलिया होते है, क्योंकि ये प्रकाश संश्लेषण विधि से ऊर्जा प्राप्त करते हैं तथा भोज्य पदार्थ बनाते हैं एवं अपनी जड़ों द्वारा अजैविक पदार्थ ग्रहण करते हैं एवं उपभोक्ताओं (शाकाहारी, माँसाहारी व सर्वाहारी जीवों) के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भोजन के स्त्रोत के रूप में विद्यमान होते हैं।

15. ऊपरी वायुमंडल की ओजोन परत का क्षरण निम्नलिखित में से किससे हो रहा है?

Correct Answer: (c) क्लोरोफ्ल्यूरोकार्बन
Solution:व्याख्या-ऊपरी वायुमंडल में ओजोन परत का क्षरण क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFC) से हो रहा है। सीएफसी एक कार्बनिक यौगिक है जो केवल कार्बन, क्लोरीन, हाइड्रोजन और फ्लोरीन परमाणुओं के मिलने से बना है। इसका उपयोग पहले फ्रिज, रेफ्रिजरेटर के बनाने में किया जाता था। इससे निकलने वाले क्लोरीन गैस से ओजोन का काफी क्षय होता था तो क्रमबद्ध रूप से इन उपकरणों में सुधार किया गया। उल्लेखनीय है कि मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल, ओजोन परत को क्षीण करने वाले पदार्थों के बारे में अन्तर्राष्ट्रीय संधि है जो ओजोन परत को संरक्षित करने के लिए चरणबद्ध तरीके से उन पदार्थों का उत्सर्जन रोकने के लिए बनाई गयी है, जिन्हें ओजोन परत को क्षीण करने के लिए उत्तरदायी माना जाता है।

16. निम्नलिखित में कौन एक हरित गृह गैस नहीं है?

Correct Answer: (a) ऑक्सीजन
Solution:व्याख्या- हरित गृह गैसें (ग्रीन हाउस गैसें) वातावरण में वैश्विक ऊष्मन के लिए उत्तरदायी गैसें हैं जिनमें प्रमुख गैसों के रूप में कार्बन डाई-ऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड, क्लोरोफ्लोरोकार्बन्स, मीथेन, जलवाष्प, ओजोन शामिल हैं। ऑक्सीजन इन हरित गृहँ गैसों में सम्मिलित नहीं है। अतः विकल्प (a) उचित उत्तर होगा।

17. भारत सरकार द्वारा शुरू किये गये प्रोजेक्ट एलिफेंट से सम्बन्धित निम्न में से कौन-सा कथन गलत है?

Correct Answer: (c) यह केवल जंगली हाथियों के कल्याण पर केन्द्रित है
Solution:व्याख्या- प्रोजेक्ट ऐलिफेंट भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा 1992 ई. में एशियाई जंगली हाथियों के वन्यजीव संरक्षण प्रदान करने के लिए केन्द्र प्रायोजित योजना के रूप में आरम्भ की गयी थी। यह प्रोजेक्ट मानव एवं हाथी के टकराव की कमी हेतु विभिन्न दिशा निर्देश भी जारी करता है।

18. भारत सरकार ने नार्वे सरकार के साथ मिलकर एक जैव विविधता नीति एवं कानून के केन्द्र की स्थापना की है-

Correct Answer: (b) चेन्नई में
Solution:व्याख्या- भारत सरकार ने नार्वे सरकार के साथ मिलकर जैव विविधता नीति और कानून के केन्द्र की स्थापना चेन्नई में की थी जिसका मुख्य उद्देश्य जैव विविधता नीति और कानून के सन्दर्भ में व्यवसायिक दक्षता और सामर्थ्य अर्जित करना है।

19. लखनऊ महानगर के सम्बन्ध में निम्न कथनों पर विचार कीजिए-

1. 18वीं सदी के उत्तरार्ध में नवाब आसफुद्दौला ने नगर को नियोजित तरीके से विकसित किया।

2. ब्रिटिश काल में सर हरकोर्ट बटलर ने इसके सुगठित विकास पर ध्यान दिया।

3. महानगर की कुल भूमि के 23% भाग पर रिहायशी क्षेत्र पाया जाता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?

Correct Answer: (b) 1 और 2
Solution:व्याख्या- लखनऊ के वर्तमान स्वरूप की स्थापना नवाब आसफुद्दौला ने वर्ष 1775 में की थी। अवध के शासकों ने लखनऊ को अपनी राजधानी बनाकर इसे समृद्ध किया। कालान्तर में ब्रिटिश रेजीडेंट हरकोर्ट बटलर ने भी इसके सुगठित विकास में योगदान दिया। लखनऊ नगर निगम 'City Development Plan' के अनुसार महानगर के 55% से अधिक भूमि पर रिहायशी क्षेत्र विस्तृत है।

20. उत्तर प्रदेश की कौन-सी निम्नलिखित जनजाति दीपावली को शोक के रूप में मनाती है?

Correct Answer: (d) थारु
Solution:व्याख्या- थारू जनजाति दीपावली को शोक के रूप में मनाते हैं। इस दिन ये अपने पूर्वजों को भेट आदि प्रदान करते हैं जिसे रोटी कहा जाता है। थारू जनजाति के लोग प्रदेश के तराई क्षेत्र के 5 जिलों (महराजगंज, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती, बहराइच व लखीमपुर) के उत्तरी भागों में निवास करते हैं। ये किरात वंश के हैं तथा कई उपजातियों में विभाजित हैं। ये लोग राजपुताना के थार मरुस्थल से आकर यहाँ बसे है अतः ये थारू कहलाते हैं।