सांप्रदायिक पंचाट एवं पूना पैक्ट (1932) (UPPCS)

Total Questions: 24

1. निम्नलिखित में से किसने 'सांप्रदायिक अधिनिर्णय' घोषित किया? [U.P. P.C.S. (Pre) 1999]

Correct Answer: (a) रैम्जे मैक्डोनॉल्ड
Solution:द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में विभिन्न संप्रदायों एवं दलित वर्गों के लिए पृथक निर्वाचक मंडल के विषय पर कोई सहमति नहीं बन पाई थी। अतः सम्मेलन ने इस समस्या के निदान के लिए ब्रिटिश प्रधानमंत्री रैम्जे मैक्डोनॉल्ड को प्राधिकृत किया। तदनुसार 16 अगस्त, 1932 को रैम्जे मैक्डोनॉल्ड ने अपने सांप्रदायिक अधिनिर्णय की घोषणा की, जिसे सांप्रदायिक पंचाट (कम्युनल अवॉर्ड) कहा गया।

2. अगस्त, 1932 के रैम्जे मैक्डोनॉल्ड के सांप्रदायिक पंचाट के द्वारा पहली बार एक पृथक निर्वाचक समूह बनाया गया- [42nd B.P.S.C. (Pre) 1997]

Correct Answer: (d) अछूतों के लिए
Solution:ब्रिटिश प्रधानमंत्री रैम्जे मैक्डोनॉल्ड ने 16 अगस्त, 1932 को सांप्रदायिक पंचाट प्रस्तुत किया। जिसके अंतर्गत प्रत्येक अल्पसंख्यक समुदाय के लिए विधानमंडलों में कुछ सीटें सुरक्षित कर दी गईं, जिनके सदस्यों का चुनाव पृथक निर्वाचक मंडलों द्वारा किया जाना था। मुसलमान और सिख तो पहले से ही अल्पसंख्यक माने जाते थे। अब इस नए कानून के अंतर्गत दलित वर्ग को भी अल्पसंख्यक मानकर हिंदुओं से अलग कर दिया गया।

3. कथन (A): ब्रिटिश सरकार ने अगस्त, 1932 में सांप्रदायिक पुरस्कार की घोषणा की। [U.P. R.O/A.R.O. (Mains) 2018]

कारण (R) : इसके तहत प्रत्येक अल्पसंख्यक समुदाय के लिए विधानमंडलों में कुछ सीटें सुरक्षित की गई थीं, जिसके लिए सदस्यों का चुनाव पृथक निर्वाचन मंडलों से होता था।

नीचे दिए गए कूट का उपयोग कर सही उत्तर चुनिए -

कूट :

Correct Answer: (a) (A) तथा (R) दोनों सही हैं और (A) का सही स्पष्टीकरण (R) है।
Solution:ब्रिटिश प्रधानमंत्री रैम्जे मैक्डोनॉल्ड ने 16 अगस्त, 1932 को सांप्रदायिक पंचाट प्रस्तुत किया। जिसके अंतर्गत प्रत्येक अल्पसंख्यक समुदाय के लिए विधानमंडलों में कुछ सीटें सुरक्षित कर दी गईं, जिनके सदस्यों का चुनाव पृथक निर्वाचक मंडलों द्वारा किया जाना था। मुसलमान और सिख तो पहले से ही अल्पसंख्यक माने जाते थे। अब इस नए कानून के अंतर्गत दलित वर्ग को भी अल्पसंख्यक मानकर हिंदुओं से अलग कर दिया गया।

4. मैक्डोनॉल्ड के सांप्रदायिक पंचाट (Communal Award) ने किसे. पृथक चुनाव क्षेत्र एवं आरक्षित सीटें आवंटित नहीं की थीं? [U.P. P.C.S. (Pre) 2001]

Correct Answer: (d) बौद्धों को
Solution:16 अगस्त, 1932 को ब्रिटिश प्रधानमंत्री रैम्जे मैक्डोनॉल्ड ने सांप्रदायिक पंचाट की घोषणा की। इसमें पृथक निर्वाचक पद्धति को न केवल मुसलमानों के लिए जारी रखा गया, अपितु इसे दलित वर्गों पर भी लागू किया गया। इसके तहत मुसलमानों, ईसाइयों, सिक्खों, आंग्ल-भारतीयों तथा अन्य के लिए पृथक निर्वाचन पद्धति की सुविधा प्रदान की गई, जो केवल प्रांतीय विधानमंडलों पर ही लागू थी। अतः स्पष्ट है कि बौद्धों को पृथक चुनाव क्षेत्र एवं आरक्षित सीटें इसके तहत आवंटित नहीं की गईं।

5. महात्मा गांधी ने पहला आमरण अनशन कब प्रारंभ किया था? [Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2010]

Correct Answer: (a) कम्युनल अवॉर्ड के समय
Solution:गांधी जी ने अपना पहला आमरण अनशन (Fast Unto Death) 20 सितंबर, 1932 को यरवदा जेल में रहते हुए ब्रिटिश प्रधानमंत्री रैम्जे मैक्डोनॉल्ड के 'सांप्रदायिक निर्णय' (Communal Award) के विरुद्ध प्रारंभ किया था जो कि 24 सितंबर, 1932 को अम्बेडकर और गांधीजी के अनुयायियों के मध्य पूना समझौता हुआ। इस समझौते को ब्रिटिश सरकार द्वारा सम्मति प्रदान किए जाने के बाद 26 सितंबर, 1932 को गांधी जी ने अनशन तोड़ा।

6. अगस्त, 1932 में ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने दलितों के प्रतिनिधित्व संबंधी योजना की घोषणा की। इसे कम्युनल अवॉर्ड के नाम से जाना जाता है। गांधीजी ने इस योजना के विरोध में किस जेल में आमरण अनशन आरंभ कर दिया? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2022]

Correct Answer: (c) यरवदा जेल
Solution:गांधी जी ने अपना पहला आमरण अनशन (Fast Unto Death) 20 सितंबर, 1932 को यरवदा जेल में रहते हुए ब्रिटिश प्रधानमंत्री रैम्जे मैक्डोनॉल्ड के 'सांप्रदायिक निर्णय' (Communal Award) के विरुद्ध प्रारंभ किया था जो कि 24 सितंबर, 1932 को अम्बेडकर और गांधीजी के अनुयायियों के मध्य पूना समझौता हुआ। इस समझौते को ब्रिटिश सरकार द्वारा सम्मति प्रदान किए जाने के बाद 26 सितंबर, 1932 को गांधी जी ने अनशन तोड़ा।

7. वर्ष 1932 में महात्मा गांधी ने मरणपर्यंत उपवास प्रधानतया इसलिए किया कि [I.A.S. (Pre) 2012]

Correct Answer: (c) रैम्जे मैकडोनॉल्ड ने सांप्रदायिक अधिनिर्णय (कम्युनल अवॉर्ड) की घोषणा की।
Solution:गांधी जी ने अपना पहला आमरण अनशन (Fast Unto Death) 20 सितंबर, 1932 को यरवदा जेल में रहते हुए ब्रिटिश प्रधानमंत्री रैम्जे मैक्डोनॉल्ड के 'सांप्रदायिक निर्णय' (Communal Award) के विरुद्ध प्रारंभ किया था जो कि 24 सितंबर, 1932 को अम्बेडकर और गांधीजी के अनुयायियों के मध्य पूना समझौता हुआ। इस समझौते को ब्रिटिश सरकार द्वारा सम्मति प्रदान किए जाने के बाद 26 सितंबर, 1932 को गांधी जी ने अनशन तोड़ा।

8. सांप्रदायिक अवॉर्ड एवं पूना पैक्ट में क्रमशः दलित वर्ग के लिए कितनी सीटें दी गईं? [47th B.P.S.C. (Pre) 2005]

Correct Answer: (b) क्रमशः 71 व 147
Solution:सांप्रदायिक अवॉर्ड में प्रांतीय विधानमंडलों में दलितों के लिए सुरक्षित सीटों की संख्या 71 थी, जिसे पूना पैक्ट में बढ़ाकर 148 (मद्रास-30, सिंध सहित बंबई-15, पंजाब-8, बिहार और उड़ीसा 18, मध्य प्रांत-20, असम-7, बंगाल 30 एवं संयुक्त प्रांत-20) कर दिया गया। कुछ पुस्तकों में यद्यपि यह संख्या 147 मिलती है। साथ ही केंद्रीय विधानमंडल में सामान्य वर्ग की सीटों में से 18 प्रतिशत सीटें दलित वर्गों के लिए आरक्षित की गईं।

9. पूना पैक्ट संबंधित था- [U.P. P.C.S. (Pre) 1996, U.P. P.C.S. (Pre) 2007, U.P. Lower Sub. (Pre) 2008]

Correct Answer: (a) दलित वर्ग से
Solution:सांप्रदायिक अवॉर्ड में प्रांतीय विधानमंडलों में दलितों के लिए सुरक्षित सीटों की संख्या 71 थी, जिसे पूना पैक्ट में बढ़ाकर 148 (मद्रास-30, सिंध सहित बंबई-15, पंजाब-8, बिहार और उड़ीसा 18, मध्य प्रांत-20, असम-7, बंगाल 30 एवं संयुक्त प्रांत-20) कर दिया गया। कुछ पुस्तकों में यद्यपि यह संख्या 147 मिलती है। साथ ही केंद्रीय विधानमंडल में सामान्य वर्ग की सीटों में से 18 प्रतिशत सीटें दलित वर्गों के लिए आरक्षित की गईं।

10. पूना समझौते का उद्देश्य था- [46th B.P.S.C. (Pre) 2004, U.P. P.C.S. (Pre) 1997]

Correct Answer: (b) दलित वर्ग को प्रतिनिधित्व देना
Solution:सांप्रदायिक अवॉर्ड में प्रांतीय विधानमंडलों में दलितों के लिए सुरक्षित सीटों की संख्या 71 थी, जिसे पूना पैक्ट में बढ़ाकर 148 (मद्रास-30, सिंध सहित बंबई-15, पंजाब-8, बिहार और उड़ीसा 18, मध्य प्रांत-20, असम-7, बंगाल 30 एवं संयुक्त प्रांत-20) कर दिया गया। कुछ पुस्तकों में यद्यपि यह संख्या 147 मिलती है। साथ ही केंद्रीय विधानमंडल में सामान्य वर्ग की सीटों में से 18 प्रतिशत सीटें दलित वर्गों के लिए आरक्षित की गईं।