सांप्रदायिक पंचाट एवं पूना पैक्ट (1932) (UPPCS)

Total Questions: 24

11. कथन (A): पूना पैक्ट ने कम्युनल अवॉर्ड के उद्देश्य को धराशायी कर दिया। [U.P. P.C.S. (Mains) 2005]

कारण (R) : उसके माध्यम से संसद एवं विधानसभाओं में अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों के सीट आरक्षण का मार्ग प्रशस्त हो गया।

नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए-

कूट :

Correct Answer: (a) (A) तथा (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है।
Solution:16 अगस्त, 1932 को रैम्जे मैक्डोनॉल्ड ने अपने सांप्रदायिक निर्णय (कम्युनल अवॉर्ड) की घोषणा की। इस अधिनिर्णय के तहत मुसलमानों, यूरोपियों, भारतीय ईसाईयों तथा सिक्खों के साथ-साथ दलित वर्गों आदि के लिए भी पृथक निर्वाचन-मंडल का प्रावधान था। इसके विरोध में गांधीजी 20 सितंबर को आमरण अनशन पर बैठ गए। अंततः 24 सितंबर, 1932 को पूना में एक समझौता हुआ, जिसमें दो शर्तों के आधार पर संयुक्त निर्वाचन-मंडल बनाए जाने के संबंध में सहमति हुई। ये दो शर्तें थी प्रथमतः विभिन्न प्रांतीय विधानमंडलों में दलित वर्गों के लिए 148 सीटें आरक्षित की गईं, जबकि सांप्रदायिक अधिनिर्णय में केवल 71 सीटों की व्यवस्था थी। दूसरे केंद्रीय विधानमंडल में सामान्य वर्ग की सीटों में से 18 प्रतिशत सीटें दलित वर्गों के लिए आरक्षित की गईं। इस प्रकार कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है। अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।

12. श्री बी.आर. अम्बेडकर व गांधीजी के बीच एक समझौता हुआ था, जो कहलाता है- [Uttarakhand P.C.S. (Mains) 2002, Uttarakhand U.D.A./L.D.A. (Pre) 2007]

Correct Answer: (c) पूना समझौता
Solution:16 अगस्त, 1932 को रैम्जे मैक्डोनॉल्ड ने अपने सांप्रदायिक निर्णय (कम्युनल अवॉर्ड) की घोषणा की। इस अधिनिर्णय के तहत मुसलमानों, यूरोपियों, भारतीय ईसाईयों तथा सिक्खों के साथ-साथ दलित वर्गों आदि के लिए भी पृथक निर्वाचन-मंडल का प्रावधान था। इसके विरोध में गांधीजी 20 सितंबर को आमरण अनशन पर बैठ गए। अंततः 24 सितंबर, 1932 को पूना में एक समझौता हुआ, जिसमें दो शर्तों के आधार पर संयुक्त निर्वाचन-मंडल बनाए जाने के संबंध में सहमति हुई। ये दो शर्तें थी प्रथमतः विभिन्न प्रांतीय विधानमंडलों में दलित वर्गों के लिए 148 सीटें आरक्षित की गईं, जबकि सांप्रदायिक अधिनिर्णय में केवल 71 सीटों की व्यवस्था थी। दूसरे केंद्रीय विधानमंडल में सामान्य वर्ग की सीटों में से 18 प्रतिशत सीटें दलित वर्गों के लिए आरक्षित की गईं। इस प्रकार कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।

13. पूना पैक्ट पर हस्ताक्षर किए थे- [U.P. P.C.S. (Pre) 2004]

Correct Answer: (d) गांधी जी एवं अम्बेडकर ने
Solution:सांप्रदायिक अधिनिर्णय के विरुद्ध गांधीजी के आमरण अनशन के बाद पूना समझौता 24 सितंबर, 1932 को हस्ताक्षरित हुआ। इस समझौते पर गांधीजी के समर्थक एवं अम्बेडकर ने हस्ताक्षर किए थे।

14. 'सांप्रदायिक अधिनिर्णय' की घोषणा के पश्चात निम्नलिखित में से किसे संपादित किया गया? [U.P. U.D.A./L.D.A. (Spl) (Mains) 2010]

Correct Answer: (d) पूना समझौता
Solution:सांप्रदायिक अधिनिर्णय के विरुद्ध गांधीजी के आमरण अनशन के बाद पूना समझौता 24 सितंबर, 1932 को हस्ताक्षरित हुआ। इस समझौते पर गांधीजी के समर्थक एवं अम्बेडकर ने हस्ताक्षर किए थे।

15. निम्नलिखित में से किसने ऐतिहासिक 1932 के पूना समझौता पर हस्ताक्षर नहीं किए थे? [U.P. P.C.S. (Pre) 2001]

Correct Answer: (d) एम. के. गांधी
Solution:24 सितंबर, 1932, दिन शनिवार को सायं 5 बजे पूना समझौता हस्ताक्षरित हुआ.. चित वर्ग की ओर से डॉ. अम्बेडकर ने तथा हिंदू जाति की ओर से पं. मदन्न नाहन मालवीय ने इस पर हस्ताक्षर किए। एम.एम. जयकर, देवदास गांधी, विश्वास, राज भोज, पी. बालू, गवई, ठक्कर, सोलंकी, तेज बहादुर सप्रू, जी.डी. बिड़ला, राजगोपालाचारी, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, रावबहादुर श्रीनिवासन, एम.सी. राजा, सी.वी. मेहता, बाखले एवं कॉमत अन्य हस्ताक्षरकर्ता थे। बंबई में अन्य अनेक लोगों ने इस पर हस्ताक्षर किए। राजगोपालाचारी ने इस समझौते पर हस्ताक्षर के बाद डॉ. अम्बेडकर से अपनी कलम बदल ली।

16. वर्ष 1932 में पूना पैक्ट के बाद हरिजन सेवक संघ की स्थापना हुई। इसके अध्यक्ष- [U.P. P.C.S. (Pre) 1994, U.P. P.C.S. (Mains) 2011]

Correct Answer: (b) घनश्याम दास बिड़ला थे
Solution:पूना समझौते (1932) के बाद महात्मा गांधी की रुचि सविनय अवज्ञा आंदोलन में नहीं रही, अब वह पूरी तरह अस्पृश्यता विरोधी आंदोलन में रुचि लेने लगे तथा इस प्रकार 'अखिल भारतीय अस्पृश्यता विरोधी लीग' की स्थापना हुई, जिसका नाम परिवर्तित कर 'हरिजन सेवक संघ' कर दिया गया। घनश्याम दास बिड़ला (जी.डी. बिड़ला) इसके प्रथम अध्यक्ष थे।

17. ऑल इंडिया अनटचेबिलिटी लीग, बाद में जिसका नाम बदलकर 'हरिजन सेवक संघ' हुआ, इसके प्रथम अध्यक्ष निम्नलिखित में से थे- [U.P.P.C.S. (Mains) 2006]

Correct Answer: (b) जी.डी. बिड़ला
Solution:पूना समझौते (1932) के बाद महात्मा गांधी की रुचि सविनय अवज्ञा आंदोलन में नहीं रही, अब वह पूरी तरह अस्पृश्यता विरोधी आंदोलन में रुचि लेने लगे तथा इस प्रकार 'अखिल भारतीय अस्पृश्यता विरोधी लीग' की स्थापना हुई, जिसका नाम परिवर्तित कर 'हरिजन सेवक संघ' कर दिया गया। घनश्याम दास बिड़ला (जी.डी. बिड़ला) इसके प्रथम अध्यक्ष थे।

18. वर्ष 1932 में स्थापित अखिल भारतीय अछूत-विरोधी लीग के प्रथम प्रेसीडेंट थे- [U.P. P.S.C. (GIC) 2010]

Correct Answer: (c) जी.डी. बिड़ला
Solution:पूना समझौते (1932) के बाद महात्मा गांधी की रुचि सविनय अवज्ञा आंदोलन में नहीं रही, अब वह पूरी तरह अस्पृश्यता विरोधी आंदोलन में रुचि लेने लगे तथा इस प्रकार 'अखिल भारतीय अस्पृश्यता विरोधी लीग' की स्थापना हुई, जिसका नाम परिवर्तित कर 'हरिजन सेवक संघ' कर दिया गया। घनश्याम दास बिड़ला (जी.डी. बिड़ला) इसके प्रथम अध्यक्ष थे।

19. अखिल भारतीय हरिजन संघ की स्थापना किसने की थी? [Uttarakhand P.C.S. (Mains) 2006, Uttarakhand U.D.A./L.D.A. (Pre) 2007]

Correct Answer: (a) महात्मा गांधी
Solution:राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अखिल भारतीय हरिजन संघ (या हरिजन सेवक संघ) की स्थापना वर्ष 1932 में की थी। वर्ष 1933 में उन्होंने साप्ताहिक 'हरिजन' नामक पत्रिका का प्रकाशन भी प्रारंभ किया था। अखिल भारतीय हरिजन संघ का अध्यक्ष गांधीजी ने घनश्याम दास बिड़ला को बनाया था।

20. 'हरिजन सेवक संघ' का पूर्व नाम था- [U.P.P.C.S. (Mains) 2014]

Correct Answer: (a) ऑल इंडिया एंटी अनटचेबिलिटी लीग
Solution:महात्मा गांधी ने 30 सितंबर, 1932 को समाज से अस्पृश्यता मिटाने हेतु 'ऑल इंडिया एंटी अनटचेबिलिटी लीग' की स्थापना की, जिसका नाम आगे चलकर 'हरिजन सेवक संघ' पड़ा।