सिख संप्रदाय

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1. निम्न में से किस सिख गुरु ने तरन तारन साहिब की स्थापना की थी? [CGL (T-I) 20 अगस्त, 2021 (III-पाली)]

Correct Answer: (c) गुरु अर्जन देव
Solution:तरन तारन साहिब की स्थापना गुरु अर्जन देव  ने की थी। वह सिखों के पाँचवें गुरु थे। उन्होंने 1590 ईस्वी के आस-पास इस पवित्र शहर की नींव रखी और यहाँ श्री तरन तारन साहिब गुरुद्वारे का निर्माण करवाया। यह गुरुद्वारा एक बड़े पवित्र सरोवर (सरोवर) के लिए प्रसिद्ध है,

जिसके बारे में यह माना जाता है कि इसमें कुष्ठ रोग (Leprosy) से पीड़ित लोगों को ठीक करने की शक्ति है। तरन तारन का शाब्दिक अर्थ है 'नदी के पार तैरना' या 'तारने वाला'। यह स्थान सिख धर्म में विशेष महत्व रखता है और सिख समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। गुरु अर्जन देव ने सिख धर्म में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए, जिनमें स्वर्ण मंदिर का निर्माण और आदि ग्रंथ (गुरु ग्रंथ साहिब का प्रारंभिक संकलन) का संकलन शामिल है।

2. निम्नलिखित सिख आध्यात्मिक गुरुओं में से किसके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने जहांगीर के विद्रोही पुत्र खुसरो को सहायता प्रदान की थी? [MTS (T-I) 22 अक्टूबर, 2021 (I-पाली)]

Correct Answer: (b) गुरु अर्जुन देव
Solution:सिख आध्यात्मिक गुरुओं में से गुरु अर्जुन देव के बारे में यह कहा जाता है कि उन्होंने मुगल सम्राट जहांगीर के विद्रोही पुत्र खुसरो मिर्ज़ा को सहायता प्रदान की थी। 1606 ईस्वी में जब खुसरो अपने पिता जहांगीर के खिलाफ विद्रोह करके भाग रहा था, तो उसने पंजाब में गुरु अर्जुन देव से मुलाकात की थी।

गुरु ने कथित तौर पर खुसरो को आशीर्वाद दिया और कुछ वित्तीय सहायता प्रदान की थी। जहांगीर ने इसे राजद्रोह माना और गुरु अर्जन देव को गिरफ्तार करने का आदेश दिया। इसी घटना के कारण जहांगीर ने 1606 ईस्वी में गुरु अर्जन देव को यातना देकर शहीद कर दिया था। यह घटना सिख इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई, जिसने सिखों को सैन्य शक्ति में बदलने की प्रेरणा दी।

3. सिक्खों का प्रसिद्ध तीर्थस्थल, श्री हरमंदिर साहिब कहां स्थित है? [CGL (T-I) 13 अगस्त, 2021 (III-पाली)]

Correct Answer: (d) अमृतसर
Solution:सिक्खों का प्रसिद्ध तीर्थस्थल, श्री हरमंदिर साहिब (जिसे स्वर्ण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है) अमृतसर , पंजाब में स्थित है। अमृतसर शहर की स्थापना सिखों के चौथे गुरु गुरु राम दास ने की थी। हरमंदिर साहिब का निर्माण सिखों के पाँचवें गुरु गुरु अर्जन देव ने शुरू करवाया था और इसमें सिखों की पवित्र पुस्तक गुरु ग्रंथ साहिब की स्थापना की गई थी।

बाद में, महाराजा रणजीत सिंह ने इसकी ऊपरी मंजिलों को सोने की परत से ढकवा दिया, जिसके कारण इसे 'स्वर्ण मंदिर' कहा जाने लगा। यह न केवल एक धार्मिक केंद्र है, बल्कि यह सिखों की एकता, सहिष्णुता और आध्यात्मिक स्वतंत्रता का प्रतीक भी है। यह दुनिया भर के सिखों के लिए सबसे पवित्र स्थान माना जाता है।

4. पंजाब में निरंकार (निराकार) भगवान की पूजा करने पर किसने जोर दिया? [CHSL (T-I) 14 मार्च, 2023 (II-पाली)]

Correct Answer: (a) बाबा दयाल दास
Solution:पंजाब में निरंकार (निराकार) भगवान की पूजा करने पर बाबा दयाल दास ने जोर दिया था। उन्होंने 19वीं शताब्दी की शुरुआत में निरंकारी आंदोलन की स्थापना की थी। इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य सिख धर्म में आ रही रूढ़िवादिता और कर्मकांडों को दूर करना और सिखों को ईश्वर के मूल निराकार स्वरूप की पूजा की ओर वापस लाना था।

'निरंकार' का अर्थ है 'निराकार' या बिना रूप का ईश्वर, जो सिख धर्म के मूलभूत सिद्धांतों में से एक है। बाबा दयाल दास ने मूर्ति पूजा, तीर्थ यात्रा और अन्य रीति-रिवाजों का विरोध किया, और उन्होंने गुरुबानी और सच्चे नाम (ईश्वर के नाम) के ध्यान पर अधिक बल दिया। यह आंदोलन सिख समाज के भीतर एक महत्वपूर्ण सुधारवादी आंदोलन था।

5. सिक्ख धर्म के निम्नलिखित गुरुओं में से कौन अंतिम गुरु थे? [दिल्ली पुलिस कांस्टेबिल 17 नवंबर, 2023 (II-पाली)]

Correct Answer: (c) गुरु गोबिंद सिंह
Solution:सिक्ख धर्म के अंतिम गुरु गुरु गोबिंद सिंह थे। वह सिखों के दसवें गुरु थे। उनका गुरुकाल 1675 से 1708 ईस्वी तक रहा। उन्होंने 1699 ईस्वी में खालसा पंथ की स्थापना की, जिसने सिख धर्म को एक संगठित, सैन्य और आध्यात्मिक समुदाय का स्वरूप दिया।

1708 ईस्वी में अपनी मृत्यु से पहले, उन्होंने घोषणा की कि उनके बाद कोई मानव गुरु नहीं होगा। उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब को सिखों का शाश्वत और अंतिम गुरु घोषित किया। इस प्रकार, उन्होंने ग्रंथ साहिब को सिखों के लिए पवित्र आध्यात्मिक मार्गदर्शक और अंतिम गुरु का दर्जा दिया, जिससे गुरु ग्रंथ साहिब सिख धर्म का केंद्रीय धार्मिक ग्रंथ बन गया और गुरुओं की वंशावली समाप्त हो गई।