हर्ष और उसका काल

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11. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :-

कथन (i) फा-शिएन या फाह्यान पांचवीं शताब्दी ई. में भारत आने वाला एक चीनी यात्री था।

कथन (ii) श्वैन- त्सांग या ह्वेनसांग एक अरबी यात्री था, जिसने सातवीं शताब्दी ई. में भारत की यात्रा की थी।

उपर्युक्त में से कौन-सा/से असत्य है/हैं?

Correct Answer: (b) केवल (2)
Solution:फाह्यान और ह्वेनसांग दोनों चीनी यात्री थे। फाह्यान चंद्रगुप्त द्वितीय और ह्वेनसांग हर्षवर्धन के समय भारत की यात्रा पर आया था। अतः विकल्प (b) सही उत्तर है।

12. किस शासक ने 'हर्षवर्धन' को नर्मदा नदी के तट पर परास्त कर उसे दक्षिण की ओर आगे बढ़ने से रोक दिया था?

Correct Answer: (b) पुलकेशिन द्वितीय
Solution:हर्षवर्धन को चालुक्य वंशी शासक पुलकेशिन द्वितीय ने नर्मदा नदी के तट पर पर हराकर दक्षिण की ओर बढ़ने से रोक दिया था। पुलकेशिन द्वितीय की राजधानी 'एहोल' थी। इस विजय की सूचना एहोल अभिलेख से प्राप्त होती है।

13. एहोल अभिलेख (प्रशस्ति) किस विद्वान द्वारा लिखा गया था।

Correct Answer: (c) रविकीर्ति
Solution:एहोल अभिलेख में वर्णित प्रशस्ति की रचना पुलकेशिन-II के दरबारी कवि रविकीर्ति ने की थी। इस अभिलेख में रविकीर्ति ने अपनी तुलना भारवि और कालिदास से की।

14. ह्वेनसांग किस मार्ग से चीन वापस लौटा -

Correct Answer: (a) भूमि-मार्ग
Solution:ह्वेनसांग हर्षवर्धन के शासनकाल (606-647 ई.) में भारत आया था। वह भू-मार्ग से (उत्तर-पश्चिम और मध्य एशिया होकर) चीन वापस लौटा। उसने सोने, चांदी और चन्दन की लकड़ी की बनी बुद्ध की मूर्तियां तथा 600 से भी ज्यादा पाण्डुलिपियां एकत्र की थीं। इन्हें वह लगभग 20 घोड़ों पर लादकर ले गया।

15. हर्षवर्धन के दरबारी कवि थे-

Correct Answer: (b) वाणभट्ट
Solution:बाणभट्ट हर्षवर्धन के दरबारी कवि थे। बाणभट्ट ने संस्कृत में उनकी जीवनी 'हर्षचरित' लिखी है। इसमें हर्षवर्धन की वंशावली का परिचय देते हुए उनके राजा बनने तक का वर्णन है।