हवाएं

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1. 'तूफानी चालीसा' (Roaring Forties) के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए- [I.A.S. (Pre) 2000]

1. ये उत्तरी और दक्षिणी गोलार्दों में निर्बाध बहती हैं।

2. ये बड़ी शक्ति और स्थिरता से बहती हैं।

3. इनकी दिशा सामान्य तौर पर दक्षिणी गोलार्द्ध में उत्तर-पश्चिम से पूर्व की ओर होती है।

4. मेधाच्छन्न आकाश, वर्षा और खराब मौसम इनके साथ सामान्य तौर पर संबंधित रहते हैं। इनमें से कौन-कौन से कथन सही हैं?

Correct Answer: (b) 2, 3 और 4
Solution:तूफानी चालीसा (Roaring Forties) पछुआ हवाएं होती हैं, जो केवल 40° अक्षांशों के आस-पास दक्षिणी गोलार्द्ध में महासागरीय क्षेत्र में प्रवाहित होती हैं। इनके साथ प्रचंड झंझावात भी चलते हैं। प्रचंडता के कारण ही इन्हें गरजती चालीसा या लंबी चालीसा कहा जाता है। इनकी दिशा सामान्य तौर पर उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व की ओर होती है। अतः कथन (2), (3) एवं (4) सही हैं।

2. विश्व के किस समुद्री क्षेत्र में 'लंबी चालीसा' पवनें प्रवाहित होती हैं? [R.A.S./R.T.S. (Pre) 1993]

Correct Answer: (b) हिंद महासागर
Solution:तूफानी चालीसा (Roaring Forties) पछुआ हवाएं होती हैं, जो केवल 40° अक्षांशों के आस-पास दक्षिणी गोलार्द्ध में महासागरीय क्षेत्र में प्रवाहित होती हैं। इनके साथ प्रचंड झंझावात भी चलते हैं। प्रचंडता के कारण ही इन्हें गरजती चालीसा या लंबी चालीसा कहा जाता है। इनकी दिशा सामान्य तौर पर उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व की ओर होती है। अतः कथन (2), (3) एवं (4) सही हैं।

3. 'रोरिंग फोर्टीज' शब्द प्रयुक्त होता है, इनके लिए- [R.A.S./R.T.S. (Pre) 1993]

Correct Answer: (a) सशक्त समुद्री हवाएं 40° से 60° दक्षिणांश के मध्य
Solution:तूफानी चालीसा (Roaring Forties) पछुआ हवाएं होती हैं, जो केवल 40° अक्षांशों के आस-पास दक्षिणी गोलार्द्ध में महासागरीय क्षेत्र में प्रवाहित होती हैं। इनके साथ प्रचंड झंझावात भी चलते हैं। प्रचंडता के कारण ही इन्हें गरजती चालीसा या लंबी चालीसा कहा जाता है। इनकी दिशा सामान्य तौर पर उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व की ओर होती है। अतः कथन (2), (3) एवं (4) सही हैं।

4. दक्षिणी गोलार्द्ध में पवन के बाईं ओर विचलन का क्या कारण है? [I.A.S. (Pre) 2010]

Correct Answer: (c) पृथ्वी का घूर्णन
Solution:दक्षिणी गोलार्द्ध में पवन के बाईं ओर तथा उत्तरी गोलार्द्ध में पवन के दाहिनी ओर विचलन कोरिऑलिस बल के कारण होता है। कोरिऑलिस बल पृथ्वी के घूर्णन के कारण उत्पन्न होने वाला एक बल है।

5. उच्च दाब क्षेत्र से भूमध्य सागर की ओर चलने वाली पवनें होती हैं- [U.P.P.C.S. (Pre) 1992]

Correct Answer: (a) पछुवा हवाएं
Solution:भूमध्य सागर उत्तरी गोलार्द्ध में लगभग 30°-40° अक्षांशों के मध्य स्थित है। यह क्षेत्र उपोष्ण उच्च वायुदाब पेटी के अंतर्गत आता है। यह पेटी गतिजन्य होती है। ग्रीष्मकाल में इन अक्षांशों में व्यापारिक हवाएं तथा शीतकाल में पछुवा हवाएं चलती हैं।

6. पवनों का मौसमी उत्क्रमण किसका प्ररूपी अमिलवाण है? [I.A.S. (Pre) 2014]

Correct Answer: (c) मानसून जलवायु
Solution:मानसून पवनें वे पवनें हैं, जिनकी दिशा ऋतु के अनुसार बिल्कुल उलट जाती है। ये पवनें ग्रीष्म ऋतु के छः माह में समुद्र से स्थल की ओर तथा शीत ऋतु के छः माह में स्थल से समुद्र की ओर चलती हैं। डॉ. रामा शास्त्री के अनुसार, "मानसून बड़े पैमाने पर विस्तृत क्षेत्र में चलने वाली मौसमी पवनें हैं, जिनकी दिशा में मौसम में परिवर्तन के साथ उत्क्रमण हो जाता है।"

7. चिनूक पवनों का संयुक्त राज्य अमेरिका के मध्यवर्ती मैदानों पर क्या प्रभाव पड़ता है? [Jharkhand P.C.S. (Pre) 2013]

Correct Answer: (a) शीतकालीन तापमान बढ़ जाता है
Solution:चिनूक का अर्थ है 'बर्फ खाने वाला। उत्तर में कोलोराडो (यूएसए) से ब्रिटिश कोलंबिया (कनाडा) में रॉकी पर्वत के पूर्वी ढलानों पर उतरती है। सर्दियों और शुरूआती वसंत के दौरान चिनूक हवाएं सबसे आम हैं। चिनूक एक गर्म हवा है जो सर्दियों में चलती है और इसलिए थोड़े समय में तापमान बढ़ा देती है। तापमान में वृद्धि के कारण बर्फ पिघलने लगती है जिससे पशुओं के चरने हेतु चारागाह की भूमि उपलब्ध हो जाती है।

8. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए- [I.A.S. (Pre) 2021]

1. उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में, व्यापारिक पवन के प्रभाव के कारण पूर्ण खंडों की तुलना में महासागरों के पश्चिमी खंड अधिक उष्ण होते हैं।

2. शीतोष्ण क्षेत्र में, पश्चिमी पवन पश्चिमी खंडों की तुलना में महासागरों के पूर्वी खंडों को अधिक उष्ण बनाता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/कौन-से सही है/हैं?

Correct Answer: (c) 1 और 2 दोनों
Solution:उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में व्यापारिक पवनों की दिशा पूर्व से पश्चिम की ओर होती है, इस कारण गर्म स्थलीय पवन जब स्थलखंड के पूर्वी भाग को पार कर स्थलखंड के पश्चिमी तट पर अवस्थित सागर पर पहुंचती है, तो उन महासागर / सागर का तापमान बढ़ा देती है। शीतोष्ण क्षेत्र में पछुवा पवन पश्चिम से पूर्व की ओर बहती है, जिससे महासागरों के पूर्वी खंड अधिक उष्ण हो जाते हैं। अतः दोनों कथन सही है।

9. कथन : [I.A.S. (Pre) 2005]

कथन (A): उत्तरी गोलार्द्ध में प प्रतिरूप दक्षिणावर्त तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में पवन प्रतिरूप वामावर्त होता है।

कारण (R): उत्तरी तथा दक्षिणी गोलाद्धों में पवन-प्रतिरूपों की दिशाओं का निर्धारण कोरिऑलिस प्रभाव से होता है।

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए-

Correct Answer: (a) (A) और (R) दोनों सही हैं और (R ), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
Solution:धरातल पर प्रवाहित हवाओं की दिशा वायुदाब तथा पृथ्वी की घूर्णन गति द्वारा निर्धारित होती है। पृथ्वी की अक्षीय गति से उत्पन्न विक्षेपक बल (Deflection Force) के कारण हवाओं की दिशा में विक्षेप हो जाता है। इस बल की खोज जी.जी. कोरिऑलिस द्वारा किए जाने के कारण बाद में इसका नामकरण 'कोरिऑलिस बल' कर दिया गया। फेरल के नियमानुसार, हवाएं उत्तरी गोलार्द्ध में दाहिनी ओर तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में बाईं ओर मुड़ जाती हैं। सामान्यतः उत्तरी गोलार्द्ध का पवन प्रतिरूप दक्षिणावर्त और दक्षिणी गोलार्द्ध का वामावर्त होता है। अतः कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की स्पष्ट व्याख्या भी करता है।

10. कथन : [M.P.P.C.S. (Pre) 2008]

अभिकथन (A): हवा के पैटर्न दक्षिणी गोलार्द्ध में घड़ी की सुई की दिशा में (दक्षिणावर्त) एवं उत्तरी गोलार्द्ध में घड़ी की सुई की विपरीत दिशा में (वामावर्त) होते हैं।

कारण (R) : उत्तरी एवं दक्षिणी गोलार्द्ध में हवा के पैटर्न कोरिऑलिस प्रभाव से निश्चित होते हैं।

Correct Answer: (d) (A) गलत है, परंतु (R) सही है।
Solution:धरातल पर प्रवाहित हवाओं की दिशा वायुदाब तथा पृथ्वी की घूर्णन गति द्वारा निर्धारित होती है। पृथ्वी की अक्षीय गति से उत्पन्न विक्षेपक बल (Deflection Force) के कारण हवाओं की दिशा में विक्षेप हो जाता है। इस बल की खोज जी.जी. कोरिऑलिस द्वारा किए जाने के कारण बाद में इसका नामकरण 'कोरिऑलिस बल' कर दिया गया। फेरल के नियमानुसार, हवाएं उत्तरी गोलार्द्ध में दाहिनी ओर तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में बाईं ओर मुड़ जाती हैं। सामान्यतः उत्तरी गोलार्द्ध का पवन प्रतिरूप दक्षिणावर्त और दक्षिणी गोलार्द्ध का वामावर्त होता है। अतः कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की स्पष्ट व्याख्या भी करता है।