Correct Answer: (c) शौरसेनी अपभ्रंश से
Solution:खड़ी बोली की उत्पत्ति या विकास शौरसेनी अपभ्रंश से हुई। खड़ी बोली के अन्य नाम हैं-हिन्दुस्तानी, कौरवी, सरहिन्दी। राहुल सांकृत्यायन ने खड़ी बोली को 'कौरवी' का नाम दिया था। डॉ० नगेन्द्र द्वारा सम्पादित 'हिन्दी साहित्य का इतिहास' में डॉ० भोलानाथ तिवारी ने लिखा है कि खड़ी बोली में 'खड़ी' शब्द का अर्थ विवादास्पद है। कुछ लोगों ने 'खड़ी' का अर्थ 'खरी' (Pure) अर्थात् शुद्ध माना है, तो दूसरों ने 'खड़ी' (Standing)। कुछ अन्य लोगों ने इसका सम्बन्ध खड़ी बोली में अधिकता से प्रयुक्त खड़ी पायी 'I' (गया, बड़ा, का में आ की मात्रा) तथा उसके ध्वन्यात्मक प्रभाव कर्कशता से जोड़ा है। यद्यपि, अभी तक यह तथ्य अनिश्चित है। इस बोली के क्षेत्र हैं- देहरादून का मैदानी भाग, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, दिल्ली नगर, गाजियाबाद, बिजनौर, रामपुर और मुरादाबाद आदि। मागधी अपभ्रंश से बिहारी हिन्दी की बोलियों की उत्पत्ति (विकास) हुई। इसकी प्रमुख बोलियाँ भोजपुरी, मैथिली तथा मगही हैं । अर्धमागधी अपभ्रंश से पूर्वी हिन्दी की बोलियों का विकास हुआ। इसकी प्रमुख बोलियाँ हैं-अवधी, बघेली तथा छत्तीसगढ़ी।