Correct Answer: (c) विष्णु पुराण के उपदेशात्मक प्रसंग
Solution:डॉ. नगेन्द्र अपनी पुस्तक 'हिन्दी साहित्य का इतिहास' में लिखते हैं कि मुंशी सदासुख लाल निसार (नियाज नहीं), जिनके नाम से 'सुखसागर' शीर्षक ग्रन्थ का उल्लेख प्रायः सभी इतिहास पुस्तकों में किया गया है, 'सुखसागर' शीर्षक किसी ग्रन्थ के रचयिता नहीं हैं, अपितु 'सुखसागर' इनका उपनाम था। 'विष्णु पुराण' या 'भागवत' का मुंशी जी ने पद्यानुवाद किया था। इनकी अन्य दो गद्य-रचनाएँ अवश्य प्राप्त हैं- 'सुरासुर-निर्णय' (निबन्धात्मक रचना, सज्जन-दुर्जन का विवेचन) और 'वार्तिक' (बाबा दयालुदास के ध्रुवपदों का भाष्य)।