हीनताजन्य, असंक्रामक व अन्य रोग (Part – II)

Total Questions: 50

1. निम्न में से कौन-सा सही सुमेलित नहीं है? [U.P.P.C.S. (Pre) 2017]

प्रदूषक

होने वाली बीमारी  

(a) पारा

मिनामाता बीमारी

(b) कैडमियमइटाई-इटाई बीमारी
(c) नाइट्रेट आयनब्लू बेबी सिंड्रोम
(d) फ्लोराइड आयनअपच
Correct Answer: (d)
Solution:उपर्युक्त प्रश्न में विकल्प (d) को छोड़कर शेष विकल्प सुमेलित हैं। फ्लोराइड आयन की अधिकता से दांतों की बीमारी जिसे फ्लूरोसिस (Fluorosis) कहा जाता है, होती है। इस बीमारी में दांतों का बाह्य आवरण (Enamel) प्रभावित होता है तथा दांतों में पीलापन आ जाता है।

2. मिनीमाता व्याधि निम्न धातु की हानिकारक मात्रा के कारण हुई: [U.P.P.S.C. (R.L.) 2014]

Correct Answer: (d) पारा (Mercury)
Solution:मिनीमाता रोग शरीर में पारा (Hg) की अधिकता के कारण होती है। प्रारंभ में यह जापान की मिनीमाता की खाड़ी में पारा समन्वित मछलियां खाने से हुई थी, इसलिए इसे 'मिनीमाता व्याधि' की संज्ञा दी गई। इस रोग के कारण शरीर के अंग होंठ तथा जीभ काम करना बंद कर देते हैं। साथ ही बहरापन, आंखों का धुंधलापन तथा मानसिक असंतुलन मी पैदा होता है।

3. मिनीमाता व्याधि का मुख्य कारण है: [Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2012]

Correct Answer: (c) पारद विषाक्तता
Solution:मिनीमाता रोग शरीर में पारा (Hg) की अधिकता के कारण होती है। प्रारंभ में यह जापान की मिनीमाता की खाड़ी में पारा समन्वित मछलियां खाने से हुई थी, इसलिए इसे 'मिनीमाता व्याधि' की संज्ञा दी गई। इस रोग के कारण शरीर के अंग होंठ तथा जीभ काम करना बंद कर देते हैं। साथ ही बहरापन, आंखों का धुंधलापन तथा मानसिक असंतुलन मी पैदा होता है।

4. जापान की 1953 में होने वाली मिनिमाटा व्याधि हुई थी, उन मछलियों को खाने से जो संक्रमित थी- [U.P.P.C.S. (Pre) 2008 U.P. Lower Sub. (Pre) 2004]

Correct Answer: (c) पारद द्वारा
Solution:

मिनिमाटा व्याधि सर्वप्रथम जापान के मिनिमाटा शहर में ज्ञात हुई थी। यह व्याधि औद्योगिक संदूषित जल में मिथाइल मरकरी (Methyl Mercury) की निकासी से मिनिमाटा खाड़ी और शिरानुई सागर (Shiranui Sea) में मछलियों के प्रदूषित होने से हुई थी।

5. इटाई-इटाई रोग किसके दीर्घकालीन विषाक्तन से होता है? [U.P.P.C.S. (Mains) 2008]

Correct Answer: (c) कैडमियम
Solution:इटाई-इटाई रोग कैडमियम के दीर्घकालीन विषाक्तन से होता है। सर्वप्रथम यह रोग जापान के टोयामा प्रांत में देखा गया। खनन कार्य के द्वारा नदियों में कैडमियम के विमोचन से यह रोग फैला।

6. एलर्जी के कारण कौन-सी बीमारी होती है? [M.P.P.C.S. (Pre) 1991]

Correct Answer: (d) अस्थमा
Solution:एलर्जी (Allergy) वस्तु विशेष के प्रति मनुष्य की अत्यधिक संवेदनशीलता है, जो सामान्य मनुष्यों में नहीं पाई जाती है। ओषधि, परागकण, धूलकण, रासायनिक पदार्थ इत्यादि एलर्जी का कारण बनते है. जिन्हें एलर्जन (Allergens) कहते हैं। इनके कारण शरीर में अस्थमा (दमा), ज्वर, सिरदर्द, सर्दी इत्यादि रोग हो जाते हैं।

7. यदि एक व्यक्ति केवल दूध, अंडों एवं रोटी का आहार करता है. तो उसको रोग हो सकता है- [R.A.S./R.T.S. (Pre) 1999]

Correct Answer: (a) स्कर्वी का
Solution:

यदि व्यक्ति सिर्फ दूध, अंडा तथा रोटी का सेवन करता है, तो उसके शरीर में विटामिन-C की कमी हो जाएगी, जिसके परिणामस्वरूप उसमे स्कर्वी रोग (Scurvy Disease) हो जाएगा। स्कर्वी में सबसे महत्वपूर्ण प्रभाव घावों के न भरने का होता है तथा इस रोग में दूसरे महत्वपूर्ण प्रभाव में हड्डी तथा दांतों की वृद्धि रुक जाती है।

8. निम्नलिखित में से कौन स्कर्वी रोग के इलाज में उपयोगी है? [U.P.P.C.S. (Pre) 2011]

Correct Answer: (c) आंवला
Solution:स्कर्वी विटामिन सी की कमी के कारण होने वाला रोग है। ये विटामिन मानव में कोलेजन के निर्माण के लिए आवश्यक होता है। इस रोग में शरीर में खासकर जांघ और पैर में चकत्ते पड़ जाते हैं। रोग बढ़ने पर मसूड़े सूज जाते है और फिर दांत गिरने लगते हैं। खट्टे रसदार फल जैसे- आंवला, नारंगी, नींबू, संतरा, अंगूर, टमाटर इत्यादि विटामिन सी के अच्छे स्रोत है।

9. स्कर्वी रोग किस विटामिन की कमी के कारण होता है? [Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2021 M.P.P.C.S. (Pre) 2021]

Correct Answer: (c) विटामिन सी
Solution:स्कर्वी विटामिन सी की कमी के कारण होने वाला रोग है। ये विटामिन मानव में कोलेजन के निर्माण के लिए आवश्यक होता है। इस रोग में शरीर में खासकर जांघ और पैर में चकत्ते पड़ जाते हैं। रोग बढ़ने पर मसूड़े सूज जाते है और फिर दांत गिरने लगते हैं। खट्टे रसदार फल जैसे- आंवला, नारंगी, नींबू, संतरा, अंगूर, टमाटर इत्यादि विटामिन सी के अच्छे स्रोत है।

10. रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) ने 'लुकोस्किन' (Lukoskin) नामक एक ओषधि विकसित की है। इसका इस्तेमाल के उपचार में किया जा रहा है। [R.A.S./R.T.S. (Pre) 2016]

Correct Answer: (a) ल्यूकोडर्मा
Solution:

लुकोस्किन ल्यूकोडर्मा के इलाज हेतु विकसित एक हर्बल ओषधि है। इसे हल्द्वानी (उत्तराखंड) स्थित डीआरडीओ की एक प्रयोगशाला 'रक्षा जैव-ऊर्जा अनुसंधान संस्थान' (DIBER) द्वारा विकसित किया गया है। उल्लेखनीय है कि ल्यूकोडर्मा (सफेद दाग) एक त्वचा रोग है।