Correct Answer: (a) मेरैस्मस
Solution:दीर्घकालीन उपवास अथवा भुखमरी की अवस्था में ऊर्जा की पूर्ति हेतु शरीर में वसाओं और प्रोटीस का विखंडन होता है. जिसके परिणामस्वरूप वसा ऊतको तथा पेशियों का क्षय होने लगता है। इसके शिकार व्यक्ति दुबले और कमजोर हो जाते है, आखें भीतर धंस जाती है बाल झड़ने लगते हैं तथा त्वचा पर झुर्रियां पड़ जाती है। इस रोग को मैरेस्मस का रोग कहते हैं। भारत जैसे विकासशील देशों में यह रोग बच्चों में अधिक पाया जाता है। पीड़ित बच्चों की वृद्धि रुक जाती है। जबकि भोजन में लगातार प्रोटीस की कमी रहे तो शरीर कमजोर हो जाता है, पैर तथा पेट फूल जाता है, त्वचा सूखी व पपड़ीदार हो जाती है, रोगी सुस्त एवं कुंठित रहने लगता है। इन्हीं सब लक्षणों को सम्मिलित रूप से क्वाशियोरकर का रोग कहते हैं। क्वाशियोरकर रोग में पीड़ित को पर्याप्त मात्रा में भोजन तो मिलता है, परंतु उसमें प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा नहीं होती। जबकि मैरेस्मस उपवास के कारण रोगी के शरीर में प्रोटीन सहित ऊर्जा के सभी स्रोतों का अभाव होता है। तपेदिक (TB : Tuberculosis) माइकोबैक्टिरियम ट्यूबरक्यूलोसिस (MTB) नामक जीवाणु से होने वाला रोग है। हेपैटाइटिस बी एक संक्रामक रोग है, जो हेपैटाइटिस बी विषाणु (HBV) द्वारा होता है।