हीनताजन्य, असंक्रामक व अन्य रोग (Part – III)

Total Questions: 11

1. एस्पिरिन के संबंध में कौन-सा कथन सत्य नहीं है? [R.A.S./R.T.S. (Pre) 2013]

Correct Answer: (b) एस्पिरीन मादक दर्दनाशक दवाओं के अंतर्गत आता है।
Solution:एस्पिरिन, जिसे एसिटिल सैलिसिलिक एसिड भी कहते हैं, एक न्यूरोलॉजिकली सक्रिय दवा है, जो अक्सर हल्के दर्दों से छुटकारा पाने के लिए दर्दनिवारक, ज्वरशामक तथा शोथ निरोधी दवा के रूप में प्रयोग में लाई जाती है। एस्पिरिन का प्रयोग लंबे समय के लिए कम मात्रा में हृदयाघात, मस्तिष्क-आधात और रक्त के थक्कों की रोकथाम के लिए भी किया जाता है। एस्पिरिन मादक दर्दनाशक दवाओं के अंतर्गत नहीं आता है।

2. कोरोनरी धमनी बाई-पास सर्जरी में जो रक्तवाहिका ग्राफ्ट हेतु प्रयोग में लाई जाती है, वह होती है- [U.P.P.C.S. (Pre) 2014]

Correct Answer: (d) इनमें से कोई भी
Solution:जब कोई हृदय धमनी अवरुद्ध हो जाती है, तो शल्य क्रिया द्वारा शरीर के किसी अन्य भाग से नस निकालकर उसे हृदय की धमनी में अवरुद्ध हुए स्थान के समानांतर जोड़ कर हृदय में निर्बाध रक्त प्रवाह हेतु वैकल्पिक 'रक्त-पथ' (by-pass) बना देते हैं। इसी शल्य क्रिया तकनीक को बाई-पास सर्जरी कहते हैं। प्रायः छाती के अंदर से 'मेमॅरी धमनी' (Mammary Artery) या हाथ से 'रेडियल धमनी' (Radial Artery) या पैर से 'सेफनस वेन' (Saphenous Vein) निकालकर हृदय की धमनी से जोड़ी जाती है।

3. अस्पताल के निम्नलिखित में से किस विभाग में 'कैथ लैब' होगी? [U.P.P.C.S. (Pre) 2014]

Correct Answer: (c) कार्डियोलॉजी विभाग में
Solution:प्रायः अस्पताल के हृदय रोग विभाग' (Cardiology Department) में कैथ लैब (Catheterization Laboratory) होती है। 'कोरोनरी धमनी रोग' (Coronary Artery Disease) की पहचान एवं उसके उपचार हेतु विभिन्न परीक्षणों एवं प्रक्रियाओं को संपादित करने के लिए चिकित्सक इस लैब का प्रयोग करते हैं।

4. भारत में आज रोग निवारण कार्य के लिए जिस पोषणहीनता स्थिति को परम अग्रता देना आवश्यक है, वह है- [I.A.S. (Pre) 1996]

Correct Answer: (c) जीरोप्यैत्मिया
Solution:

जीरोप्यैत्मिया (Xeropthalmia-dry Eyes) नेत्र में विटामिन-ए या रेटिनॉल (Retinol) की कमी से होने वाला एक प्रमुख रोग है, जिसमें नेत्र की कॉर्निया (Cornea) की कोशिकाएं सूखने लगती है तथा शल्की भवन (Keratinization) हो जाता है और दृष्टि क्षमता प्रभावित हो जाती है। अतः इस पर ध्यान देना अत्यावश्यक है।

5. कलायखंज, अधिक मात्रा में खाने से होता है : [I.A.S. (Pre) 1999]

Correct Answer: (a) खेसरी दाल के
Solution:खेसरी दाल (Khesari Pulse) को भोजन के रूप में अत्यधिक उपयोग किए जाने से शरीर में कलायखंज (Lathyrism) नामक रोग हो जाता है।

6. ओषधि वितरण में काम आने वाले खाली सम्पुट (Blank Capsules) बने होते हैं : [U.P. P.C.S. (Pre) 2001]

Correct Answer: (e) (c) & (d)
Solution:

ओषधि वितरण में काम आने वाली वेजेटेरियन खाली सम्पुट (Blank capsules) मांडी (starch) से, जबकि नॉन वेजेटेरियन' खाली सम्पुट श्लेष (Gelatin) से निर्मित होते हैं, जो कि पेट में जाकर आसानी से गल जाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप दवा बिना किसी अवरोध के शरीर में पहुंच जाती है।

7. सूची-I को सूची-II के साथ सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिए गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर चुनिए- [U.P. Lower Sub. (Spl.) (Pre) 2003 U.P.P.C.S. (Pre) 2003, 2001 U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2002]

सूची-I (रेडियो समस्थानिक)सूची-II (निदान सूचक उपयोग)

(A) आर्सेनिक-74

1. थायरॉइड ग्रंथि की सक्रियता

(B) कोबॉल्ट -602. रक्त व्यतिक्रम
(C) आयोडीन-1313. ट्यूमर
(D) सोडियम-244. कैसर

कूट :

ABCD
(a)1234
(b)4312
(c)3412
(d)4321
Correct Answer: (c)
Solution:

सूची-I  

सूची-II  

(A) आर्सेनिक-74

1. ट्यूमर की पहचान

(B) कोवॉल्ट-602. कैंसर
(C) आयोडीन-1313. थायरॉइड ग्रंथि सक्रियता
(D) सोडियम-244. रक्त व्यतिक्रम

8. सूची-I को सूची-II के साथ सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए: [U.P.P.C.S. (Mains) 2005]

सूची-I (रोग)

सूची-II (कारण)

A. खैरा

1. विटामिन सी की म्लानता

B. एनीमिया2. आयोडीन की म्लानता
C. ग्वाइटर (गलघोंटा)3. लौह की म्लानता
D. स्कर्वी4. जस्ते की म्लानता

कूट :

ABCD
(a)1234
(b)2143
(c)3412
(d)4321
Correct Answer: (d)
Solution:सुमेलित क्रम इस प्रकार है-

सूची-I 

सूची-II 

A. खैरा

1. जस्ते की म्लानता

B. एनीमिया2. लौह की म्लानता
C. ग्वाइटर (गलघोंटा)3. आयोडीन की म्लानता
D. स्कर्वी4. विटामिन सी की म्लानता

9. सूची-(I) तथा सूची-(II) का सुमेल कीजिए और सूचियों के नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए- [I.A.S. (Pre) 1997 U.P.P.C.S. (Pre) 1998 U.P.U.D.A./L.D.A. (Mains) 2010]

सूची-I सूची-II  

(A) मलेरिया

1. बोन मैरो (अस्थि मज्जा)

(B) फाइलेरिया2. मस्तिष्क
(C) इंसेफेलाइटिस3. मांसपेशियां
(D) ल्यूकेमिया4. लसीका ग्रंथि
 5. रक्त कोशिकाएं

कूट :

ABCD
(a)5321
(b)5421
(c)4351
(d)5412
Correct Answer: (b)
Solution:सुमेलित क्रम इस प्रकार है:

सूची-I 

सूची-II  

(A) मलेरिया

1. रक्त कोशिकाएं

(B) फाइलेरिया2. लसीका ग्रंथि
(C) इंसेफेलाइटिस3. मस्तिष्क
(D) ल्यूकेमिया4. बोन मैरो (अस्थि मज्जा)

10. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए और सूचियों के नीचे दिए गए कूटों की सहायता से सही उत्तर का चुनिए : [U.P.P.C.S. (Pre) 2010]

सूची-I (व्याधि)

सूची-II (कारण) 

A. मेरैस्मस

1. दीर्घकालीन उपवास

B. क्वाशियोरकर2. प्रोटीन अल्पता
C. टी.बी.3. जीवाणु संक्रमण
D. हेपैटाइटिस बी4. विषाणु संक्रमण

कूट :

ABCD
(a)1234
(b)2134
(c)4231
(d)2413
Correct Answer: (a)
Solution:दीर्घकालीन उपवास अथवा भुखमरी की अवस्था में ऊर्जा की पूर्ति हेतु शरीर में वसाओं और प्रोटीस का विखंडन होता है. जिसके परिणामस्वरूप वसा ऊतको तथा पेशियों का क्षय होने लगता है। इसके शिकार व्यक्ति दुबले और कमजोर हो जाते है, आखें भीतर धंस जाती है, बाल झड़ने लगते हैं तथा त्वचा पर झुर्रियां पड़ जाती है। इस रोग को मैरेस्मस का रोग कहते हैं। भारत जैसे विकासशील देशों में यह रोग बच्चों में अधिक पाया जाता है। पीड़ित बच्चों की वृद्धि रुक जाती है। जबकि भोजन में लगातार प्रोटीस की कमी रहे तो शरीर कमजोर हो जाता है, पैर तथा पेट फूल जाता है, त्वचा सूखी व पपड़ीदार हो जाती है, रोगी सुस्त एवं कुंठित रहने लगता है। इन्हीं सब लक्षणों को सम्मिलित रूप से क्वाशियोरकर का रोग कहते हैं। क्वाशियोरकर रोग में पीड़ित को पर्याप्त मात्रा में भोजन तो मिलता है, परंतु उसमें प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा नहीं होती। जबकि मैरेस्मस उपवास के कारण रोगी के शरीर में प्रोटीन सहित ऊर्जा के सभी स्रोतों का अभाव होता है। तपेदिक (TB : Tuberculosis) माइकोबैक्टिरियम ट्यूबरक्यूलोसिस (MTB) नामक जीवाणु से होने वाला रोग है। हेपैटाइटिस बी एक संक्रामक रोग है, जो हेपैटाइटिस बी विषाणु (HBV) द्वारा होता है।