अनुसूचियां

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11. सूची-1 को सूची-II के साथ सुमेलित कीजिए तथा दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए। [U.P.R.O./A.R.O. (Pre) (Re-Exam) 2016]

सूची-I (अनुसूची) सूची-II (विषय)
(A) सातवीं अनुसूची  1. भाषाएं
(B) आठवीं अनुसूची 2. दल परिवर्तन के आधार पर निरर्हता
(C) नौवीं अनुसूची 3.संघ, राज्य तथा समवर्ती सूचियां
(D) दसवीं अनुसूची 4. कुछ अधिनियमों का विधिमान्यकरण

 

      (A)

      (B)

      (C)

        (D)

(a)

4

2

1

3

(b)

3

1

2

4

(c)

2

3

4

1

(d)

3

1

4

2

Correct Answer: (d)
Note:

सही सुमेलित हैं-

सूची-I (अनुसूची) सूची-II (विषय)
सातवीं अनुसूची विधायी शक्तियों का वितरण
आठवीं अनुसूची भाषाएं
नौवीं अनुसूची कुछ अधिनियमों का विधिमान्यकरण
दसवीं अनुसूची दल परिवर्तन के आधार पर निरर्हता

12. निम्न युग्मों में से कौन-सा युग्म (संविधान की अनुसूची विषय) सही सुमेलित नहीं है? [U.P.P.C.S. (Pre) 2023]

Correct Answer: (d) नवीं अनुसूची राज्य सभा में स्थानों का आवंटन
Note:

सही सुमेल इस प्रकार है-

संविधान की अनुसूची विषय
तीसरी अनुसूची शपथ या प्रतिज्ञान के प्रारूप
दसवीं अनुसूची दल परिवर्तन के आधार पर निरर्हता संबंधी उपबंध
आठवीं अनुसूची भाषाएं
नवीं अनुसूची विशिष्ट अधिनियमों एवं विनियमों का विधिमान्यकरण
चौथी अनुसूची राज्य सभा में स्थानों का आवंटन

13. किस प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान भारत के संविधान में नौवीं अनुसूची को पुरःस्थापित किया गया था? [I.A.S. (Pre) 2019]

Correct Answer: (a) जवाहरलाल नेहरू
Note:

भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल के दौरान भारत के संविधान में नौवीं अनुसूची को पुरःस्थापित किया गया था। नौवीं अनुसूची को प्रथम संविधान संशोधन अधिनियम, 1951 के द्वारा संविधान में वर्ष 1951 में जोड़ा गया तथा इसके अंतर्गत शामिल किए जाने वाले अधिनियमों और विनियमों के विधिमान्यकरण और उन्हें न्यायिक उन्मुक्ति प्रदान करने का उपबंध (इसी संशोधन से अंतःस्थापित अनुच्छेद 31ख के माध्यम से) किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य तत्कालीन समय में जमींदारी उन्मूलन हेतु निर्मित किए जाने वाले भूमि सुधार कानूनों को न्यायालय में चुनौती दिए जाने से रोकना था। इसी उद्देश्य से राज्यों के भूमि सुधार कानूनों को संवैधानिक सुरक्षा प्रदान करने हेतु उन्हें नौवीं अनुसूची में शामिल किया गया।

 

 

14. राज्य भूमि सुधार अधिनियमों को, संवैधानिक सुरक्षा प्रदान करने हेतु सम्मिलित किया गया है : [U.P.P.C.S. (Mains) 2003]

Correct Answer: (b) 9वीं अनुसूची में
Note:

भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल के दौरान भारत के संविधान में नौवीं अनुसूची को पुरःस्थापित किया गया था। नौवीं अनुसूची को प्रथम संविधान संशोधन अधिनियम, 1951 के द्वारा संविधान में वर्ष 1951 में जोड़ा गया तथा इसके अंतर्गत शामिल किए जाने वाले अधिनियमों और विनियमों के विधिमान्यकरण और उन्हें न्यायिक उन्मुक्ति प्रदान करने का उपबंध (इसी संशोधन से अंतःस्थापित अनुच्छेद 31ख के माध्यम से) किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य तत्कालीन समय में जमींदारी उन्मूलन हेतु निर्मित किए जाने वाले भूमि सुधार कानूनों को न्यायालय में चुनौती दिए जाने से रोकना था। इसी उद्देश्य से राज्यों के भूमि सुधार कानूनों को संवैधानिक सुरक्षा प्रदान करने हेतु उन्हें नौवीं अनुसूची में शामिल किया गया।

 

15. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए - [I.A.S. (Pre) 2018]

1. भारत की संसद किसी कानून विशेष को भारत के संविधान की नौवीं अनुसूची में डाल सकती है।

2. नौवीं अनुसूची में डाले गए किसी कानून की वैधता का परीक्षण किसी न्यायालय द्वारा नहीं किया जा सकता एवं उसके ऊपर कोई निर्णय भी नहीं किया जा सकता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

 

Correct Answer: (a) केवल 1
Note:

भारतीय संविधान (प्रथम) संशोधन अधिनियम, 1951 के जरिए संविधान में नौवीं अनुसूची तथा अनुच्छेद 31-क और 31-ख जोड़े गए। संसद द्वारा विधि विशेष (यथा- भूमि सुधार विधियां) को नौवीं अनुसूची में रखा जा सकता है, जिन्हें न्यायिक समीक्षा से बचाव दिया जाना आशयित हो। वर्तमान में (मई, 2022 की स्थिति अनुसार) नौवीं अनुसूची में ऐसी 282 विधियां शामिल हैं। अनुच्छेद 31-ख यह कहता है कि नौवीं अनुसूची में उल्लिखित नियमों और विनियमों को इस आधार पर शून्य नहीं  समझा जाएगा कि वे भाग 3 के किन्हीं उपबंधों और प्रदत्त अधिकारों में से किसी से असंगत हैं या उनको छीन लेते हैं या न्यून करते हैं। किंतु वर्ष 2007 में सर्वोच्च न्यायालय ने आई.आर. कोएल्हो बनाम तमिलनाडु के मामले में निर्णय देते हुए यह स्पष्ट किया कि संसद को नौवीं अनुसूची में विधि विशेष को प्रविष्टि करने की शक्ति प्रदान की गई है, किंतु यह न्यायिक संवीक्षा के दायरे से बाहर नहीं है। न्यायालय ने निर्धारित किया कि 24 अप्रैल, 1973 (केशवानंद भारती वाद निर्णय की तिथि) के बाद नौवीं अनुसूची में शामिल किए गए विधायनों की न्यायिक समीक्षा इस आधार पर की जा सकेगी कि वे अनुच्छेद 21, 14 एवं 19 में प्रतिबिम्बित संविधान के मूल ढांचे की अवधारणा का उल्लंघन करते हैं। अतः उपर्युक्त कथनों में से कथन (1) सही है, किंतु कथन (2) सही नहीं है।

 

 

16. कोएल्हो केस भारत के संविधान की किस अनुसूची से संबंधित है? [U.P.P.C.S. (Mains) 2017]

Correct Answer: (c) नौवीं
Note:

भारतीय संविधान (प्रथम) संशोधन अधिनियम, 1951 के जरिए संविधान में नौवीं अनुसूची तथा अनुच्छेद 31-क और 31-ख जोड़े गए। संसद द्वारा विधि विशेष (यथा- भूमि सुधार विधियां) को नौवीं अनुसूची में रखा जा सकता है, जिन्हें न्यायिक समीक्षा से बचाव दिया जाना आशयित हो। वर्तमान में (मई, 2022 की स्थिति अनुसार) नौवीं अनुसूची में ऐसी 282 विधियां शामिल हैं। अनुच्छेद 31-ख यह कहता है कि नौवीं अनुसूची में उल्लिखित नियमों और विनियमों को इस आधार पर शून्य नहीं  समझा जाएगा कि वे भाग 3 के किन्हीं उपबंधों और प्रदत्त अधिकारों में से किसी से असंगत हैं या उनको छीन लेते हैं या न्यून करते हैं। किंतु वर्ष 2007 में सर्वोच्च न्यायालय ने आई.आर. कोएल्हो बनाम तमिलनाडु के मामले में निर्णय देते हुए यह स्पष्ट किया कि संसद को नौवीं अनुसूची में विधि विशेष को प्रविष्टि करने की शक्ति प्रदान की गई है, किंतु यह न्यायिक संवीक्षा के दायरे से बाहर नहीं है। न्यायालय ने निर्धारित किया कि 24 अप्रैल, 1973 (केशवानंद भारती वाद निर्णय की तिथि) के बाद नौवीं अनुसूची में शामिल किए गए विधायनों की न्यायिक समीक्षा इस आधार पर की जा सकेगी कि वे अनुच्छेद 21, 14 एवं 19 में प्रतिबिम्बित संविधान के मूल ढांचे की अवधारणा का उल्लंघन करते हैं। अतः उपर्युक्त कथनों में से कथन (1) सही है, किंतु कथन (2) सही नहीं है।

 

 

17. भारत के संविधान की निम्नलिखित अनुसूची में तीन विधायी सूचियों का प्रावधान है- [U.P. R.O./A.R.O. (Mains) 2021]

Correct Answer: (b) VII
Note:

भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची में केंद्र व राज्यों के बीच विधायी शक्तियों का विभाजन है। इसमें तीन सूचियां हैं (i) संघ सूची, (ii) राज्य सूची तथा (iii) समवर्ती सूची। संघ सूची में कुल 97 विषयों (वर्तमान में गणना की दृष्टि से कुल 98) का उल्लेख है, जिस पर कानून बनाने का अधिकार केवल संघ को है। राज्य सूची में कुल 66 विषय (वर्तमान में गणना की दृष्टि से कुल 59) हैं, जिन पर कानून राज्य द्वारा बनाए जाते हैं। समवर्ती सूची में कुल 47 विषयों (वर्तमान में गणना की दृष्टि से कुल 52) का उल्लेख है, जिन पर कानून बनाने का अधिकार संघ तथा राज्य दोनों का है।

 

18. मिलान करें- [60-62nd B.P.S.C. (Pre) 20]

सूची प्रविष्टियां
I. संघीय सूची a. 97 प्रविष्टियां
II. राज्य सूची b. 47 प्रविष्टियां
III. समवर्ती सूची c. 66 प्रविष्टियां

 

I

II

III

(a)

a

b

c

(b)

a

c

b

(c)

a

a

b

(d)

c

b

a

 

 

 

Correct Answer: (b)
Note:

सही सुमेलित हैं-

संघीय सूची         -        97 प्रविष्टियां (वर्तमान में गणनानुसार 98)

राज्य सूची          -        66 प्रविष्टियां (वर्तमान में गणनानुसार 59)

समवर्ती सूची      -        47 प्रविष्टियां (वर्तमान में गणनानुसार 52)

 

19. भारत के संविधान के अंतर्गत आर्थिक योजना का विषय है- [Uttarakhand P.C.S. (Pre) 200]

Correct Answer: (c) समवर्ती सूची में
Note:

समवर्ती सूची की प्रविष्टि संख्या 20 आर्थिक और सामाजिक आयोजन का उल्लेख करती है। ध्यातव्य है कि इसी उपबंध के आधार पर भारत सरकार ने 'योजना आयोग' का गठन किया था।

 

20. आर्थिक नियोजन भारतीय संविधान की किस सूची में सम्मिलि है? [U.P.U.D.A/L.D.A. (Pre) 200]

Correct Answer: (c) समवर्ती सूची
Note:

समवर्ती सूची की प्रविष्टि संख्या 20 आर्थिक और सामाजिक आयोजन का उल्लेख करती है। ध्यातव्य है कि इसी उपबंध के आधार पर भारत सरकार ने 'योजना आयोग' का गठन किया था।