Correct Answer: (a) इससे जनजातीय लोगों की जमीनें गैर-जनजातीय लोगों को अंतरित करने पर रोक लगेगी।
Note: संविधान की पांचवीं अनुसूची में असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम से भिन्न भारत के राज्यों के अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन और नियंत्रण के बारे में प्रावधान किए गए हैं। इसके पैरा 6 के तहत किसी क्षेत्र को 'अनुसूचित क्षेत्र' घोषित करने की शक्ति राष्ट्रपति को दी गई है। साथ ही राष्ट्रपति किसी 'अनुसूचित क्षेत्र' का दर्जा समाप्त कर सकता है या उसकी सीमाओं में परिवर्तन कर सकता है। वह किसी राज्य के राज्यपाल से परामर्श करके उस राज्य
के 'अनुसूचित क्षेत्र' की सीमा को बढ़ा भी सकता है। पांचवीं अनुसूची के पैरा 5 के तहत अनुसूचित क्षेत्रों के संबंध में संबंधित राज्य के राज्यपाल को विशेष शक्ति प्रदान की गई है। इसके तहत उसे नियम द्वारा ऐसे क्षेत्रों की अनुसूचित जनजातियों के सदस्यों द्वारा या उनमें भूमि के अंतरण का प्रतिषेध या निर्बंधन कर सकने और ऐसे क्षेत्र की जनजातियों को भूमि के आवंटन का विनियमन कर सकने की शक्ति प्राप्त है।
अतः यदि किसी विशिष्ट क्षेत्र को भारत के संविधान की पांचवीं अनुसूची के अधीन लाया जाए, तो इससे जनजातीय लोगों की जमीनें गैर-जनजातीय लोगों को अंतरित करने पर रोक लगेगी।