अन्य जन आंदोलन (UPPCS)

Total Questions: 50

1. 1857 के विद्रोह के ठीक बाद बंगाल में निम्नलिखित में से कौन-सा विप्लव हुआ ? [I.A.S. (Pre) 1994]

Correct Answer: (c) नील उपद्रव
Solution:1857 के विद्रोह के ठीक बाद बंगाल में नील विद्रोह (1859-60 ई.) हुजा। संन्यासी विद्रोह 1763-1800 ई. में; संथाल विद्रोह 1855-56 ई. में तथा पाबना उपद्रव 1873-76 ई. में हुआ। नील विद्रोह की शुरुआत पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के गोविंदपुर गांव से हुई। एक नील उत्पादक के दो भूतपूर्व कर्मचारियों-दिगंबर विश्वास तथा विष्णु विश्वास के नेतृत्व में वहां के किसान एकजुट हुए तथा उन्होंने नील की खेती बंद कर दी। यह नील आंदोलन के इतिहास में अपनी मांगों को लेकर किए गए आंदोलनों में सर्वाधिक व्यापक और जुझारू विद्रोह था। बंगाल का नील विद्रोह शोषण के विरुद्ध किसानों की सीधी लड़ाई थी। बंगाल के वे काश्तकार जो अपने खेतों में चावल की खेती करना चाहते थे, उन्हें यूरोपीय नील बागान मालिक नील की खेती करने के लिए मजबूर करते थे। नील की खेती से इनकार करने वाले किसानों को नील बागान मालिकों के दमन-चक्र का सामना करना पड़ता था। सितंबर, 1859 में उत्पीड़ित किसानों ने अपने खेतों में नील न उगाने का निर्णय लेकर बागान मालिकों के विरुद्ध विद्रोह कर दिया। 1860 ई. तक नील आंदोलन नदिया, पाबना, खुलना, ढाका, मालदा, दीनाजपुर आदि क्षेत्रों में फैल गया। किसानों की एकजुटता के कारण बंगाल में 1860 ई. तक सभी नील कारखाने बंद हो गए। बंगाल के बुद्धिजीवी वर्ग ने अखबारों में अपने लेखों द्वारा तथा जन सभाओं के माध्यम से इस विद्रोह के प्रति अपने समर्थन को व्यक्त किया। इसमें 'हिंदू पैट्रियाट' के संपादक हरिश्चंद्र मुखर्जी की विशेष भूमिका रही। नील बागान मालिकों के अत्याचारों का खुला चित्रण दीनबंधु मित्र ने अपने नाटक 'नील दर्पण' में किया है।

2. 'नील विद्रोह' किसके बारे में था? [B.P.S.C. (Pre) 2018]

Correct Answer: (c) रैयत नील की खेती नहीं करना चाह रहे थे, पर उनसे एक अमान्य मूल्य पर जबरदस्ती करवाई जा रही थी।
Solution:'नौल विद्रोह' अंग्रेजों के शासनकाल में किसानों का पहला संगठित व जुझारू विद्रोह था। जिसकी शुरुआत सितंबर, 1859 में पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में स्थित गोविंदपुर गांव से हुई थी। इस विद्रोह का कारण था कि रैयत नील की खेती नहीं करना चाहते थे; किंतु उनसे एक अमान्य मूल्य पर जबरदस्ती इसकी खेती करवाई जा रही थी। इसी संदर्भ में सरकार द्वारा मार्च, 1860 में नील आयोग का गठन किया गया।

3. नील कृषकों की दुर्दशा पर लिखी गई पुस्तक 'नील दर्पण' के लेखक कौन थे? [42nd B.P.S.C. (Pre) 1997]

Correct Answer: (b) दीनबंधु मित्र
Solution:'नौल विद्रोह' अंग्रेजों के शासनकाल में किसानों का पहला संगठित व जुझारू विद्रोह था। जिसकी शुरुआत सितंबर, 1859 में पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में स्थित गोविंदपुर गांव से हुई थी। इस विद्रोह का कारण था कि रैयत नील की खेती नहीं करना चाहते थे; किंतु उनसे एक अमान्य मूल्य पर जबरदस्ती इसकी खेती करवाई जा रही थी। इसी संदर्भ में सरकार द्वारा मार्च, 1860 में नील आयोग का गठन किया गया।

4. प्रसिद्ध नाटक 'नील दर्पण', जिसमें इंडिगो की खेती करने वाले किसानों के दमन का चित्रण किया गया, की रचना किसने की? [66th B.P.S.C. (Pre) 2020]

Correct Answer: (d) दीनबंधु मित्र
Solution:'नौल विद्रोह' अंग्रेजों के शासनकाल में किसानों का पहला संगठित व जुझारू विद्रोह था। जिसकी शुरुआत सितंबर, 1859 में पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में स्थित गोविंदपुर गांव से हुई थी। इस विद्रोह का कारण था कि रैयत नील की खेती नहीं करना चाहते थे; किंतु उनसे एक अमान्य मूल्य पर जबरदस्ती इसकी खेती करवाई जा रही थी। इसी संदर्भ में सरकार द्वारा मार्च, 1860 में नील आयोग का गठन किया गया।

5. 'नील दर्पण' नाटक का लेखक कौन था? [U.P.P.C.S. (Mains) 2015]

Correct Answer: (c) दीनबंधु मित्र
Solution:'नौल विद्रोह' अंग्रेजों के शासनकाल में किसानों का पहला संगठित व जुझारू विद्रोह था। जिसकी शुरुआत सितंबर, 1859 में पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में स्थित गोविंदपुर गांव से हुई थी। इस विद्रोह का कारण था कि रैयत नील की खेती नहीं करना चाहते थे; किंतु उनसे एक अमान्य मूल्य पर जबरदस्ती इसकी खेती करवाई जा रही थी। इसी संदर्भ में सरकार द्वारा मार्च, 1860 में नील आयोग का गठन किया गया।

6. निम्नलिखित में से किस कारण से भारत में बीसवीं शताब्दी के आरंभ में नील की खेती का हास हुआ? [I.A.S. (Pre) 2020]

Correct Answer: (b) नई खोजों के कारण विश्व बाजार में इसका अलाभकर होना
Solution:नील मुख्यतः उष्णकटिबंधीय फसल है। 19वीं शताब्दी के अंत तक अधिकांश यूरोपीय देश के उत्पादक कपड़े की रंगाई के लिए भारतीय नील का इस्तेमाल करते थे। ब्रिटेन में औद्योगिक क्रांति के फलस्वरूप कपास के उत्पादन व नील की खेती को भारत में बढ़ावा दिया गया। 1788 ई. में ब्रिटेन द्वारा आयात किए गए नील में भारतीय नील का हिस्सा लगभग 30 प्रतिशत था, जो 1810 ई. में बढ़कर 95 प्रतिशत के लगभग हो गया। 20वीं शताब्दी के प्रारंभ में यूरोपीय देशों में कृत्रिम रंगों का निर्माण होने से भारतीय नील उद्योग को तीव्र धक्का लगा। जर्मनी में बनी डाई ने भारतीय नील को अंतरराष्ट्रीय व्यापार से बाहर कर दिया।

7. बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए : [U.P. R.O./A.R.O. (Pre) 2023]

1. वह कलकत्ता विश्वविद्यालय के प्रथम स्नातक थे।

2. 'सीताराम' उनका अंतिम उपन्यास था।

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए :

कूट :

Correct Answer: (d) 1 और 2 दोनों
Solution:अप्रैल, 1858 में जदुनाथ बोस (Joddu Nath Bose) और बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय, कलकत्ता विश्वविद्यालय के प्रथम स्नातक बने, अतः कथन (1) सत्य है। 'सीताराम' (1886 ई. में प्रकाशित) बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय का अंतिम उपन्यास था, अतः कथन (2) भी सत्य है।

8. 'वंदे मातरम्' गीत किसने लिखा है? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2005 & Uttarakhand U.D.A./L.D.A. (Mains) 2007]

Correct Answer: (d) बंकिमचंद्र चटर्जी
Solution:'वंदे मातरम्' गीत बंकिमचंद्र चटर्जी की प्रसिद्ध कृति 'आनंदमठ' से लिया गया है। इस उपन्यास का कथानक संन्यासी विद्रोह पर आधारित है। 1896 ई. में कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में इसे पहली बार गाया गया था।

9. बंकिम चंद्र चटर्जी के 'आनंद मठ' में किस विद्रोह का उल्लेख है? [67th B.P.S.C. (Pre), 2021]

Correct Answer: (a) संन्यासी
Solution:'वंदे मातरम्' गीत बंकिमचंद्र चटर्जी की प्रसिद्ध कृति 'आनंदमठ' से लिया गया है। इस उपन्यास का कथानक संन्यासी विद्रोह पर आधारित है। 1896 ई. में कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में इसे पहली बार गाया गया था।

10. आनंदमठ उपन्यास की कथावस्तु आधारित है- [U.P. P.C.S. (Pre) 1998]

Correct Answer: (b) संन्यासी विद्रोह पर
Solution:'वंदे मातरम्' गीत बंकिमचंद्र चटर्जी की प्रसिद्ध कृति 'आनंदमठ' से लिया गया है। इस उपन्यास का कथानक संन्यासी विद्रोह पर आधारित है। 1896 ई. में कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में इसे पहली बार गाया गया था।