निर्देशः- निम्न अनुच्छेद को पढ़कर दिए गए प्रश्न का उत्तर विकल्पों से चुनकर लिखिए।
सत्य और अहिंसा, जीवन के दो पवित्र और उच्च मूल्य हैं। दोनों एक-दूसरे से जुड़े हैं, एक-दूसरे से शक्ति और प्रकाश प्राप्त करते हैं। हम यों भी कह सकते हैं कि सत्य और अहिंसा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। अहिंसा परम धर्म है, जिसके द्वारा सत्य रूपी ईश्वर की प्राप्ति सम्भव है। कितनी भी मुश्किलें आएँ हमारे रास्ते में, बाहरी दृष्टि से हमें चाहे जितनी भारी हार दिखाई दे, तो भी हमें विश्वास बनाए रखकर अहिंसा और सत्य का दृढ़ता से पालन करना चाहिए। हमें सदा एक ही मन्त्र जपना चाहिए- सत्य है, वही है, वही परमेश्वर है, उसे प्राप्त करने का एक ही तरीका है, एक साधन है और वह है अहिंसा। उसे हम कभी न छोड़ेंगे। यदि हम इसी प्रकार प्रार्थना करते रहें, तो वह मनोबल अवश्य ही हमें शक्ति प्रदान करेगा और हम उच्च जीवन पथ पर चलने में सफल होंगे।
Correct Answer: (b) अहिंसा और सत्य का दृढ़ता से पालन करना चाहिए।
Solution:दिए गए अनुच्छेद के आधार पर 'जीवन मार्ग पर आगे बढ़ते समय हमें' अंहिसा और सत्य का दृढ़ता से पालन करना चाहिए। वस्तुतः अनुच्छेद में स्पष्टतः दिया गया है कि 'कितनी भी मुश्किलें आएँ हमारे रास्ते में,' बाहरी दृष्टि से हमें चाहे जितनी भारी हार दिखाई दे, तो भी हमें विश्वास बनाए रखकर अहिंसा और सत्य का दृढ़ता से पालन करना चाहिए।