निर्देशः- गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों (1-5) के उत्तर दीजिए।
मापना सभ्य इन्सान की पुरानी फितरत का हिस्सा रहा है। दुनिया भर के सभ्य समाजों ने अपने-अपने ढंग से समय को, दूरी को, गति को, आकार को, क्षेत्रफल को नापने के पैमाने विकसित किए हैं। फिर एक ऐसा दौर आया, जब हर चीज को ही नापा जाने लगा-सर्दी को, गर्मी को, सुख को, दुःख को, अर्थव्यवस्था को, महँगाई को और यहाँ तक कि अक्ल को भी। इसी के साथ डेढ़ सौ साल पहले एक और पैमाना विकसित हुआ, इन्सान के बुखार को मापने का। कार्ल वण्डरलिच ने शरीर के इस तापमान को समझने के लिए लम्बा शोध किया और वह इस नतीजे पर पहुँचे कि 98.6 डिग्री फॉरेनहाइट शरीर का सामान्य तापमान है, शरीर का तापमान अगर इससे ज्यादा हो, तो इसका अर्थ है बुखार। यही तापमान चिकित्सा व्यवसाय का मानक बन गया। 98.6 का आँकड़ा जल्द ही एक मुहावरा बनकर समाज और संस्कृति के कई क्षेत्रों में इस्तेमाल होने लगा। इसी नाम से एक गीत बना, एक उपन्यास लिखा गया, एक सर्वाइवल गाइड आई और दुनिया के कई देशों में एफएम चैनल खुले। पर अब 98.6 के इस आँकड़े पर ही सवाल खड़े होने लगे हैं। बोस्टन चिल्ड्रन हॉस्पिटल के जोनाथन हुसनैन ने पिछले दिनों इस पर लंबा शोध किया, तो वह इस नतीजे पर पहुँचे कि मानव शरीर के सामान्य तापमान के लिए 98.6 का आँकड़ा मूल रूप से गलत है। उन्होंने पाया कि हमारे शरीर का तापमान सुबह के वक्त थोड़ा कम होता है और शाम तक थोड़ा-सा बढ़ जाता है। इसके अलावा पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के शरीर का तापमान मामूली-सा ज्यादा होता है। बड़ों के मुकाबले बच्चों का थोड़ा-सा ज्यादा होता है। फिर अलग-अलग तरह के लोगों के शरीर का सामान्य तापमान अलग-अलग होता है, यानी पूरे मानव समुदाय के लिए 98.6 डिग्री फॉरेनहाइट का मानक सही नहीं है। वह इस नतीजे पर पहुँचे कि शरीर का सामान्य तापमान और बुखार, दोनों ही जटिल चीजें हैं, एक आँकड़े के सरलीकरण से इसे नहीं समझा जा सकता। सच तो यह है कि सटीक पैमाने सिर्फ भौतिक चीजों और प्रक्रियाओं के ही बनते हैं। सामाजिक और शारीरिक प्रक्रियाओं के पैमाने सिर्फ सांकेतिक होते हैं, इनसे उनके उतार-चढ़ाव की थाह भर पाई जा सकती है। दिक्कत तो तब आती है, जब हम इसे जड़ मानक मान लेते हैं।
Correct Answer: (a) बड़ों के मुकाबले बच्चों का थोड़ा-सा ज्यादा होता है।
Solution:मानव शरीर के तापमान के सन्दर्भ में सही कथन है-बड़ों के मुकाबले बच्चों का थोड़ा-सा ज्यादा होता है।