निर्देशः- काव्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों (1-5) के उत्तर दीजिए-
धर्म का दीपक, दया का दीप, कब जलेगा, कब जलेगा विश्व में भगवान् ?
कब सुकोमल ज्योति से अभिसिक्त, हो सरस होंगे, जली-सूखी रसा के प्राण।
है बहुत बरसी धरित्री पर अमृत की धार, पर नहीं अब तक सुशीतल हो सका संसार ।
भोग-लिप्सा आज भी लहरा रही उद्दाम बुद्ध हों कि अशोक, गाँधी हों कि ईसु महान्।
सिर झुका सबको, सभी को श्रेष्ठ निज से मान, मात्र वाचिक ही उन्हें देता हुआ सम्मान।
दग्ध कर पर को, स्वयं भी भोगता दुःख-दाह, जा रहा मानव चला अब भी पुरानी राह।
Correct Answer: (c) उनके सम्मान का दिखावा करता है।
Solution:मनुष्य गाँधी आदि महापुरुषों को वाचिक सम्मान दे रहा है, अर्थात् उनके सम्मान का दिखावा करता है।