अपठित गद्यांश (अवतरण)/पद्यांश (Part-6)

Total Questions: 41

21. कवि उस स्थिति की आशा नहीं कर पा रहा है, जब ..........| [UPSSSC आबकारी सिपाही (द्वितीय पाली) परीक्षा, 2016]

निर्देशः- काव्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों (1-5) के उत्तर दीजिए-

धर्म का दीपक, दया का दीप, कब जलेगा, कब जलेगा विश्व में भगवान् ?

कब सुकोमल ज्योति से अभिसिक्त, हो सरस होंगे, जली-सूखी रसा के प्राण।

है बहुत बरसी धरित्री पर अमृत की धार, पर नहीं अब तक सुशीतल हो सका संसार ।

भोग-लिप्सा आज भी लहरा रही उद्दाम बुद्ध हों कि अशोक, गाँधी हों कि ईसु महान्।

सिर झुका सबको, सभी को श्रेष्ठ निज से मान, मात्र वाचिक ही उन्हें देता हुआ सम्मान।

दग्ध कर पर को, स्वयं भी भोगता दुःख-दाह, जा रहा मानव चला अब भी पुरानी राह।

 

Correct Answer: (a) ज्ञान का प्रकाश फैलेगा
Solution:कवि उस स्थिति की आशा नहीं कर पा रहा है, जब ज्ञान का प्रकाश फैलेगा।

22. शान्ति व सुख की स्थापना तब होगी, जब मनुष्य..........| [UPSSSC आबकारी सिपाही (द्वितीय पाली) परीक्षा, 2016]

निर्देशः- काव्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों (1-5) के उत्तर दीजिए-

धर्म का दीपक, दया का दीप, कब जलेगा, कब जलेगा विश्व में भगवान् ?

कब सुकोमल ज्योति से अभिसिक्त, हो सरस होंगे, जली-सूखी रसा के प्राण।

है बहुत बरसी धरित्री पर अमृत की धार, पर नहीं अब तक सुशीतल हो सका संसार ।

भोग-लिप्सा आज भी लहरा रही उद्दाम बुद्ध हों कि अशोक, गाँधी हों कि ईसु महान्।

सिर झुका सबको, सभी को श्रेष्ठ निज से मान, मात्र वाचिक ही उन्हें देता हुआ सम्मान।

दग्ध कर पर को, स्वयं भी भोगता दुःख-दाह, जा रहा मानव चला अब भी पुरानी राह।

 

Correct Answer: (c) नई राह पर चलेगा
Solution:शान्ति व सुख की स्थापना तब होगी, जब मनुष्य नई राह पर चलेगा।

23. कौन-सी प्रवृत्ति आज भी दुःखों का कारण है? [UPSSSC आबकारी सिपाही (द्वितीय पाली) परीक्षा, 2016]

निर्देशः- काव्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों (1-5) के उत्तर दीजिए-

धर्म का दीपक, दया का दीप, कब जलेगा, कब जलेगा विश्व में भगवान् ?

कब सुकोमल ज्योति से अभिसिक्त, हो सरस होंगे, जली-सूखी रसा के प्राण।

है बहुत बरसी धरित्री पर अमृत की धार, पर नहीं अब तक सुशीतल हो सका संसार ।

भोग-लिप्सा आज भी लहरा रही उद्दाम बुद्ध हों कि अशोक, गाँधी हों कि ईसु महान्।

सिर झुका सबको, सभी को श्रेष्ठ निज से मान, मात्र वाचिक ही उन्हें देता हुआ सम्मान।

दग्ध कर पर को, स्वयं भी भोगता दुःख-दाह, जा रहा मानव चला अब भी पुरानी राह।

 

Correct Answer: (b) भोग-विलास की
Solution:भोग-विलास की प्रवृत्ति आज भी दुःखों का कारण है।

24. पद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक है [BPSC, स्कूल टीचर परीक्षा-2023]

निर्देश :- (प्रश्न सं. 1 से 5 तक): निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर उत्तर-पत्रक में चिह्नित कीजिए।

संकटों से वीर घबराते नहीं,

आपदाएँ देख छिप जाते नहीं।

लग गए जिस काम में पूरा किया,

काम करके व्यर्थ पछताते नहीं।।

कठिन पथ को देख मुस्कुराते सदा,

संकटों के बीच वे गाते सदा।

है असम्भव कुछ नहीं उनके लिए,

सरल-सम्भव कर दिखाते वे सदा ।।

Correct Answer: (b) वीर
Solution:उपर्युक्त पद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक 'वीर' है।

25. वीर संकटों को देखकर क्या करते हैं? [BPSC, स्कूल टीचर परीक्षा-2023]

निर्देश :- (प्रश्न सं. 1 से 5 तक): निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर उत्तर-पत्रक में चिह्नित कीजिए।

संकटों से वीर घबराते नहीं,

आपदाएँ देख छिप जाते नहीं।

लग गए जिस काम में पूरा किया,

काम करके व्यर्थ पछताते नहीं।।

कठिन पथ को देख मुस्कुराते सदा,

संकटों के बीच वे गाते सदा।

है असम्भव कुछ नहीं उनके लिए,

सरल-सम्भव कर दिखाते वे सदा ।।

Correct Answer: (e) उपर्युक्त में से कोई नहीं
Solution:उपर्युक्त पद्यांश के आधार पर वीर संकटों को देखकर घबराते नहीं हैं।

26. वीर सभी कार्य को कैसे करते हैं? [BPSC, स्कूल टीचर परीक्षा- 2023]

निर्देश :- (प्रश्न सं. 1 से 5 तक): निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर उत्तर-पत्रक में चिह्नित कीजिए।

संकटों से वीर घबराते नहीं,

आपदाएँ देख छिप जाते नहीं।

लग गए जिस काम में पूरा किया,

काम करके व्यर्थ पछताते नहीं।।

कठिन पथ को देख मुस्कुराते सदा,

संकटों के बीच वे गाते सदा।

है असम्भव कुछ नहीं उनके लिए,

सरल-सम्भव कर दिखाते वे सदा ।।

Correct Answer: (c) मुस्कुराते हुए
Solution:वीर सभी कार्य मुस्कुराते हुए करते हैं। वे कठिन पथ को देख सदैव मुस्कुराते हैं।

27. वीर किसे देखकर मुस्कुराते हैं? [BPSC, स्कूल टीचर परीक्षा-2023]

निर्देश :- (प्रश्न सं. 1 से 5 तक): निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर उत्तर-पत्रक में चिह्नित कीजिए।

संकटों से वीर घबराते नहीं,

आपदाएँ देख छिप जाते नहीं।

लग गए जिस काम में पूरा किया,

काम करके व्यर्थ पछताते नहीं।।

कठिन पथ को देख मुस्कुराते सदा,

संकटों के बीच वे गाते सदा।

है असम्भव कुछ नहीं उनके लिए,

सरल-सम्भव कर दिखाते वे सदा ।।

Correct Answer: (b) कठिन पथ
Solution:उपर्युक्त पद्यांश के आधार पर वीर 'कठिन पथ' को देखकर मुस्कुराते हैं।

28. 'आपदाएँ' शब्द का अर्थ क्या है? [BPSC, स्कूल टीचर परीक्षा- 2023]

निर्देश :- (प्रश्न सं. 1 से 5 तक): निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर उत्तर-पत्रक में चिह्नित कीजिए।

संकटों से वीर घबराते नहीं,

आपदाएँ देख छिप जाते नहीं।

लग गए जिस काम में पूरा किया,

काम करके व्यर्थ पछताते नहीं।।

कठिन पथ को देख मुस्कुराते सदा,

संकटों के बीच वे गाते सदा।

है असम्भव कुछ नहीं उनके लिए,

सरल-सम्भव कर दिखाते वे सदा ।।

Correct Answer: (a) विपत्ति
Solution:आपदाएँ शब्द आपदा का बहुवचन है, जिसका अर्थ 'विपत्ति' होता है।

29. कवि के मन में इच्छा उत्पन्न हुई है ........ [UPSSSC ग्राम विकास अधिकारी परीक्षा, 2016]

निर्देशः- काव्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों (1-4) के उत्तर दीजिए।

आज बरसों बाद उठी है इच्छा

हम कुछ कर दिखाएँ

एक अनोखा जश्न मनाएँ

अपना कोरा अस्तित्व जमाएँ

आज बरसों बाद सूखे पत्तों पर

बसन्त ऋतु आई है

विचार रूपी कलियों पर

बहार खिल आई है

गहनता की फसल लहलहाई है

शायद इसी कारण

आज बरसों बाद

उठी है इच्छा हम कुछ कर दिखाएँ

अपना कोरा अस्तित्व जमाएँ।

Correct Answer: (a) कुछ महत्त्वपूर्ण कार्य करने की
Solution:कवि के मन में कुछ महत्त्वपूर्ण कार्य करने की इच्छा उत्पन्न हुई है।

30. किन कलियों पर बहार का आगमन हुआ है? [UPSSSC ग्राम विकास अधिकारी परीक्षा, 2016]

निर्देशः- काव्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों (1-4) के उत्तर दीजिए।

आज बरसों बाद उठी है इच्छा

हम कुछ कर दिखाएँ

एक अनोखा जश्न मनाएँ

अपना कोरा अस्तित्व जमाएँ

आज बरसों बाद सूखे पत्तों पर

बसन्त ऋतु आई है

विचार रूपी कलियों पर

बहार खिल आई है

गहनता की फसल लहलहाई है

शायद इसी कारण

आज बरसों बाद

उठी है इच्छा हम कुछ कर दिखाएँ

अपना कोरा अस्तित्व जमाएँ।

Correct Answer: (b) विचारों की कलियों पर
Solution:विचारों की कलियों पर बहार का आगमन हुआ है।