निर्देशः- दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा नीचे दिए गए प्रश्नों (1-6) के उत्तर दीजिए।
मनुष्य का जीवन संसार के छोटे-बड़े प्राणियों और पदार्थों में श्रेष्ठ माना गया है। वह इसलिए कि मनुष्य बड़ा बुद्धिमान और कल्पनाशील प्राणी है। अपने विचारों के बल पर ही वह जो चाहे कर सकता है और बहुत ऊँचा उठ सकता है। परन्तु विचार सच्चे, सादे और पवित्र होने के साथ-साथ मनुष्य के व्यावहारिक जीवन से सम्बन्ध रखने वाले होने चाहिए। इन्हीं बातों को आधार बनाकर 'सादा जीवन उच्च विचार' को मानव-जीवन की सफलता की सीढ़ी माना गया है। सादगी मनुष्य के पहनावे से नहीं, बल्कि उसके प्रत्येक हाव-भाव, विचार तथा जीवन के ढंग से टपकनी चाहिए। यही वास्तविक सादगी है, जो विचारों को भी उच्च बनाकर सब प्रकार की उन्नति और विकास का कारण बनती है। संसार का इतिहास इस बात का गवाह है कि आरम्भ से ही सादगी पसन्द व्यक्ति ही जनता को उच्च विचार देकर उन्नति और विकास की राह प्रशस्त करते आ रहे हैं। महात्मा बुद्ध, सन्त कबीर, गुरु नानक, महात्मा गाँधी, डॉ. राधाकृष्णन, विनोबा भावे आदि इस तथ्य के प्रत्यक्ष प्रमाण हैं।
Correct Answer: (c) प् + र् + अ + त् + य् + ए + क् + अ
Solution:'प्रत्येक' शब्द का सही वर्ण-विच्छेद है प्+ र् + अ + त् + य् + ए + क् + अ इसका सन्धि विच्छेद प्रति एक है। वर्णों का स्वर तथा व्यंजनयुक्त विश्लेषण वर्ण विच्छेद कहलाता है।