अम्ल वर्षा

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11. अम्ल वर्षा किनके द्वारा होने वाले पर्यावरण प्रदूषण के कारण होती है? [I.A.S. (Pre) 2013]

Correct Answer: (d) नाइट्रस ऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड
Solution:अम्ल वर्षा वह परिस्थिति है, जिसमें वायु में उपस्थित प्रदूषणकारी रसायनों की प्रतिक्रिया से प्राकृतिक वर्षा का जल अम्लीय हो जाता है। वर्षा के जल को अम्लीय बनाने के लिए मुख्यतः सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂), नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO₂) तथा नाइट्रस ऑक्साइड (N₂O) उत्तरदायी है।

12. निम्नलिखित में से कौन अम्ल वृष्टि का कारण है- [U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2001 Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2006 U.P.P.C.S. (Mains) 2007 U.P.P.S.C. (GIC) 2010]

Correct Answer: (c) सल्फर डाइऑक्साइड तथा नाइट्रस ऑक्साइड
Solution:वातावरणीय प्रदूषण, औद्योगिक निःसृतों एवं प्रकृति में होने वाली विभिन्न क्रियाओं के फलस्वरूप उत्पन्न सल्फर डाइऑक्साइड तथा नाइट्रस ऑक्साइड गैसें वायुमंडल में पहुंचकर ऑक्सीजन और बादल के जल के साथ रासायनिक अभिक्रिया कर क्रमशः सल्फ्यूरिक अम्ल (H₂SO₄) तथा नाइट्रिक अम्ल (HNO3) बनाकर वर्षा के साथ पृथ्वी पर गिरती हैं, इसे अम्लीय वर्षा (Acid Rain) कहते हैं। पृथ्वी पर गिरकर मृदा से संपर्क कर अम्ल वर्षा मृदा को अभूतपूर्व क्षति पहुंचाती है। अधिक अम्लता के कारण अम्ल वर्षा के हाइड्रोजन आयन एवं मृदा के पोषक धनायन (यथा K* एवं Mg**) के बीच आदान-प्रदान होता है। इसके फलस्वरूप पोषक तत्वों का निक्षालन (Leaching) हो जाता है एवं मृदा की उर्वरता समाप्त हो जाती है।

13. "अम्ल वर्षा" के लिए निम्नलिखित में से कौन-से पर्यावरण प्रदूषण उत्तरदायी हैं? [R.A.S./R.T.S. (Pre) 2018]

Correct Answer: (c) नाइट्रस ऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड
Solution:वातावरणीय प्रदूषण, औद्योगिक निःसृतों एवं प्रकृति में होने वाली विभिन्न क्रियाओं के फलस्वरूप उत्पन्न सल्फर डाइऑक्साइड तथा नाइट्रस ऑक्साइड गैसें वायुमंडल में पहुंचकर ऑक्सीजन और बादल के जल के साथ रासायनिक अभिक्रिया कर क्रमशः सल्फ्यूरिक अम्ल (H₂SO₄) तथा नाइट्रिक अम्ल (HNO3) बनाकर वर्षा के साथ पृथ्वी पर गिरती हैं, इसे अम्लीय वर्षा (Acid Rain) कहते हैं। पृथ्वी पर गिरकर मृदा से संपर्क कर अम्ल वर्षा मृदा को अभूतपूर्व क्षति पहुंचाती है। अधिक अम्लता के कारण अम्ल वर्षा के हाइड्रोजन आयन एवं मृदा के पोषक धनायन (यथा K* एवं Mg**) के बीच आदान-प्रदान होता है। इसके फलस्वरूप पोषक तत्वों का निक्षालन (Leaching) हो जाता है एवं मृदा की उर्वरता समाप्त हो जाती है।

14. अम्ल वर्षा में कौन अम्ल उपस्थित रहता है? [C.G.P.S.C. (Pre) 2017]

Correct Answer: (c) नाइट्रिक अम्ल
Solution:वातावरणीय प्रदूषण, औद्योगिक निःसृतों एवं प्रकृति में होने वाली विभिन्न क्रियाओं के फलस्वरूप उत्पन्न सल्फर डाइऑक्साइड तथा नाइट्रस ऑक्साइड गैसें वायुमंडल में पहुंचकर ऑक्सीजन और बादल के जल के साथ रासायनिक अभिक्रिया कर क्रमशः सल्फ्यूरिक अम्ल (H₂SO₄) तथा नाइट्रिक अम्ल (HNO3) बनाकर वर्षा के साथ पृथ्वी पर गिरती हैं, इसे अम्लीय वर्षा (Acid Rain) कहते हैं। पृथ्वी पर गिरकर मृदा से संपर्क कर अम्ल वर्षा मृदा को अभूतपूर्व क्षति पहुंचाती है। अधिक अम्लता के कारण अम्ल वर्षा के हाइड्रोजन आयन एवं मृदा के पोषक धनायन (यथा K* एवं Mg**) के बीच आदान-प्रदान होता है। इसके फलस्वरूप पोषक तत्वों का निक्षालन (Leaching) हो जाता है एवं मृदा की उर्वरता समाप्त हो जाती है।

15. अम्ल वर्षा' में निम्नलिखित होते हैं- [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2020]

Correct Answer: (c) नाइट्रिक एसिड एवं सल्फ्यूरिक एसिड
Solution:वातावरणीय प्रदूषण, औद्योगिक निःसृतों एवं प्रकृति में होने वाली विभिन्न क्रियाओं के फलस्वरूप उत्पन्न सल्फर डाइऑक्साइड तथा नाइट्रस ऑक्साइड गैसें वायुमंडल में पहुंचकर ऑक्सीजन और बादल के जल के साथ रासायनिक अभिक्रिया कर क्रमशः सल्फ्यूरिक अम्ल (H₂SO₄) तथा नाइट्रिक अम्ल (HNO3) बनाकर वर्षा के साथ पृथ्वी पर गिरती हैं, इसे अम्लीय वर्षा (Acid Rain) कहते हैं। पृथ्वी पर गिरकर मृदा से संपर्क कर अम्ल वर्षा मृदा को अभूतपूर्व क्षति पहुंचाती है। अधिक अम्लता के कारण अम्ल वर्षा के हाइड्रोजन आयन एवं मृदा के पोषक धनायन (यथा K* एवं Mg**) के बीच आदान-प्रदान होता है। इसके फलस्वरूप पोषक तत्वों का निक्षालन (Leaching) हो जाता है एवं मृदा की उर्वरता समाप्त हो जाती है।

16. अम्ल वर्षा का/के घटक है/हैं- [66th B.P.S.C. (Re-Exam) 2020]

Correct Answer: (d) (a) तथा (b) दोनों
Solution:वातावरणीय प्रदूषण, औद्योगिक निःसृतों एवं प्रकृति में होने वाली विभिन्न क्रियाओं के फलस्वरूप उत्पन्न सल्फर डाइऑक्साइड तथा नाइट्रस ऑक्साइड गैसें वायुमंडल में पहुंचकर ऑक्सीजन और बादल के जल के साथ रासायनिक अभिक्रिया कर क्रमशः सल्फ्यूरिक अम्ल (H₂SO₄) तथा नाइट्रिक अम्ल (HNO3) बनाकर वर्षा के साथ पृथ्वी पर गिरती हैं, इसे अम्लीय वर्षा (Acid Rain) कहते हैं। पृथ्वी पर गिरकर मृदा से संपर्क कर अम्ल वर्षा मृदा को अभूतपूर्व क्षति पहुंचाती है। अधिक अम्लता के कारण अम्ल वर्षा के हाइड्रोजन आयन एवं मृदा के पोषक धनायन (यथा K* एवं Mg**) के बीच आदान-प्रदान होता है। इसके फलस्वरूप पोषक तत्वों का निक्षालन (Leaching) हो जाता है एवं मृदा की उर्वरता समाप्त हो जाती है।