अलंकार

परिभाषा

Total Questions: 50

1. 'काव्य की शोभा बढ़ाने वाले धर्मों को अलंकार कहते हैं।' इस उक्ति में प्रयुक्त 'धर्म' शब्द का क्या अर्थ है? [UPSSSC कनिष्ठ सहायक (प्रथम पाली) परीक्षा 2019]

Correct Answer: (b) गुण
Solution:

'काव्य की शोभा बढ़ाने वाले धर्मों को अलंकार कहते हैं।' इस उक्ति में प्रयुक्त 'धर्म' शब्द का अर्थ 'गुण' है।

2. भाषा में शब्द और अर्थ की दृष्टि से सौन्दर्य उत्पन्न करता है- [उ.प्र. पुलिस कांस्टेबिल पुनर्परीक्षा 26 अक्टूबर, 2018 (I-पाली)]

Correct Answer: (b) अलंकार
Solution:

भाषा में शब्द और अर्थ की दृष्टि से सौन्दर्य उत्पन्न करने वाला तत्त्व अलंकार कहलाता है। अलंकार के तीन भेद हैं- शब्दालंकार, अर्थालंकार तथा उभयालंकार।

3. अलंकारों की महत्ता के सम्बन्ध में इनमें से कौन-सा कथन सही नहीं है? [K.V.S. (प्रवक्ता) परीक्षा, 2014]

Correct Answer: (c) अलंकार काव्य-सौन्दर्य उत्पन्न करते हैं।
Solution:

अलंकार काव्य सौन्दर्य उत्पन्न नहीं करते हैं, बल्कि काव्य-सौन्दर्य में वृद्धि करते हैं। अन्य विकल्प अलंकारों की महत्ता के सम्बन्ध में सही हैं।

4. "अर्थालंकार के बिना सरस्वती विधवा के समान है" यह कथन किसका है? [रेडियो ऑपरेटर (उ.प्र. पुलिस) परीक्षा, 2024]

Correct Answer: (d) वेदव्यास
Solution:

"अर्थालंकार के बिना सरस्वती विधवा के समान है।" यह कथन 'वेदव्यास' का है। "अलंकार" रहिता विधवेवसरस्वती। "आचार्य रुद्रट के अनुसार, अभिधान प्रकार विशेष एवं चालंकार।" आचार्य दण्डी के अनुसार, "काव्यशोभाकरान् धर्मान् अलंकारान् प्रचक्षते।" आचार्य भामह के अनसार, "न कान्तामपि निर्भूष विभाति वनितामुखम्।"

5. निम्नलिखित में से कौन-सा अलंकार-भेद नहीं है? [K.V.S. (प्रवक्ता) परीक्षा, 2014]

Correct Answer: (b) छन्दालंकार
Solution:

अलंकार के तीन भेद माने जाते हैं- शब्दालंकार, अर्थालंकार तथा उभयालंकार। 'छन्दालंकार' अलंकार का भेद नहीं है।

6. आचार्य भरत ने कितने अलंकारों का उल्लेख किया है? [रेडियो ऑपरेटर (उ.प्र. पुलिस) परीक्षा, 2024]

Correct Answer: (d) चार
Solution:

आचार्य भरत मुनि ने चार अलंकारों का उल्लेख किया है- उपमा, रूपक, दीपक तथा यमक।

7. निम्नलिखित में से कौन अलंकारवादी नहीं है? [UGC हिन्दी तृतीय प्रश्न-पत्र जुलाई, 2016]

Correct Answer: (d) कुन्तक
Solution:

'कुन्तक' अलंकारवादी आचार्य नहीं हैं, बल्कि इन्होंने अलंकार सम्प्रदाय से अलग वक्रोक्ति सम्प्रदाय की स्थापना किया। भामह, दण्डी तथा उद्भट की अलंकारवादी आचार्य माने जाते हैं।

अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य

'भामह' अलंकार सम्प्रदाय के प्रवर्त्तक तथा अलंकार को काव्य की आत्मा मानने वाले आचार्य हैं। 'काव्यालंकार' इनकी प्रमुख कृति हैं। 'न कान्तामपि निर्भूषं विभाति वनितामुखम्' इनकी महत्त्वपूर्ण उक्ति है।

दण्डी की प्रमुख कृति 'काव्यादर्श' है तथा इनकी प्रसिद्ध उक्ति 'काव्यशोभाकरान् धर्मान् अलंकारन् प्रचक्षते' है।रीतियों का स्वरूप-विवेचन तथा उनका विभाजन सर्वप्रथम 'दण्डी' ने ही किया।

उद्भट ने भामह के काव्यालंकार ग्रन्थ पर भामहवृत्ति या भामह विवरण शीर्षक से टीका लिखी है। अलंकार सारसंग्रह इनकी महत्त्वपूर्ण कृति है।

कुन्तक की प्रमुख रचना 'वक्रोक्ति जीवितम्' है। इन्होंने वक्रोक्ति को काव्य की आत्मा मानते हुए कहा है कि 'वक्रोक्तिः काव्य जीवितम्। इन्होंने रीति को कवि प्रस्थान हेतु या कवि कर्म की विधि कहा है।

8. वर्णों की एक से अधिक बार आवृत्ति किस अलंकार में होती है? [उ.प्र. पुलिस कांस्टेबिल पुनर्परीक्षा 25 अक्टूबर, 2018 (II-पाली), P.G.T. परीक्षा, 2011]

Correct Answer: (c) अनुप्रास अलंकार
Solution:

वर्णों की एक से अधिक बार आवृत्ति अनुप्रास अलंकार में होती है। दो वस्तुओं में समान धर्म के प्रतिपादन को 'उपमा अलंकार' कहते हैं। उपमेय या उपमान का आरोप या उपमान और उपमेय का अभेद ही 'रूपक' है। जहाँ एक शब्द के कई अर्थ हों, वहाँ श्लेष अलंकार होता है।

9. 'मुदित महीपति मन्दिर आए। सेवक सचिव सुमन्त बुलाए।' इस पंक्ति में कौन-सा अलंकार है? [V.D.O. परीक्षा, 2023]

Correct Answer: (a) उपमा अलंकार
Solution:

प्रश्नगत् काव्य-पंक्तियों में- 'अनुप्रास' अलंकार है। अनुप्रास अलंकार में वर्णों की आवृत्ति होती है, जिसमें एक वर्ण एक से अधिक बार आते हैं। उपर्युक्त काव्य-पंक्तियों में 'म' एवं 'स' वर्णों की आवृत्ति हुई है; इसलिए यहाँ पर अनुप्रास अलंकार होगा।

10. 'रघुपति राघव राजाराम' में कौन-सा अलंकार है? [रेडियो ऑपरेटर (उ.प्र. पुलिस) परीक्षा, 2024]

Correct Answer: (c) अनुप्रास
Solution:

'रघुपति राघव राजाराम', पंक्ति में अनुप्रास अलंकार है।