अलंकार (Part-2)

Total Questions: 50

41. 'मुख रूपी चाँद पर राहु भी धोखा खा गया' पंक्तियों में अलंकार है- [T.G.T. परीक्षा, 2004]

Correct Answer: (d) रूपक
Solution:जिस काव्य पंक्ति या वाक्य में उपमेय पर उपमान का आरोप किया जाए, उस अलंकार को रूपक कहा जाता है, यानी उपमेय उपमान में कोई अन्तर न दिखाई पड़े।

42. मुख-कमल समीप सजे थे, दो किसलय दल पुराइन के। [P.G.T. परीक्षा, 2005]

उपर्युक्त पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है?

 

Correct Answer: (a) रूपक
Solution:प्रस्तुत पंक्तियाँ जयशंकर प्रसाद के 'आँसू' नामक रचना से ली गई हैं। यहाँ उपमेय में उपमान का आरोप किया गया है। अतः यहाँ रूपक अलंकार है।

43. 'पायो जी मैंने राम-रतन धन पायो।' [UPSI Exam, 12-दिसम्बर, 2017 (द्वितीय पाली)]

पंक्ति के आधार पर सही अलंकार चुनिए।

 

Correct Answer: (c) रूपक अलंकार
Solution:'पायो जी मैंने राम-रतन धन पायो।' में उपमेय को उपमान का रूप मान लिया गया है। अतः यहाँ रूपक अलंकार होगा।

44. निम्न में से कौन अर्थालंकार है? [T.G.T. परीक्षा, 2013]

Correct Answer: (d) रूपक
Solution:- जहाँ अर्थ के माध्यम से काव्य में चमत्कार उत्पन्न होता है, वहाँ अर्थालंकार होता है। इसमें उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा, द्रष्टान्त, सन्देह, अतिशयोक्ति, प्रतीप, भ्रान्तिमान, दीपक, व्यतिरेक, अपद्धति, अनन्वय, उल्लेख, मानवीकरण इत्यादि अर्थालंकार हैं।

45. जहाँ उपमेय का प्रतिषेध कर उपमान की स्थापना की जाय, वहाँ अलंकार है- [P.G.T. परीक्षा-2021 (यू.पी.)]

Correct Answer: (a) उत्प्रेक्षा
Solution:जहाँ उपमेय में उपमान को प्रबल रूप में कल्पित कर देखा जाता है वहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार होता है, जबकि उपमेय पर उपमान का आरोप या उपमान और उपमेय का अभेद रूपक होता है।

46. 'फूले कास सकल महि छाई। जनु बरसा रितु प्रकट बुढ़ाई।' इस पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है? [V.D.O. परीक्षा, 2023 UP-TET (निरस्त परीक्षा), 2021]

Correct Answer: (a) उत्प्रेक्षा अलंकार
Solution:उपर्युक्त काव्य-पंक्तियों में उत्प्रेक्षा अलंकार है।

47. "चमचमात चंचल नयन बिच घुँघट पर झीन। [UP-TET निरस्त परीक्षा-2021]

मानहु सुरसरिता विमल जल उद्दात युग मीन।" इन पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?

 

Correct Answer: (a) उत्प्रेक्षा
Solution:उपर्युक्त पंक्तियों में उत्प्रेक्षा अलंकार का प्रयोग किया गया है। उपमेय में उपमान की सम्भावना होने पर उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। मनहु, मानो, जन, जनहु, जानो आदि इसके पहचान चिह्न हैं। जैसे- आकाश में मानों अंजन बरस रहा है।

अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य

उपमेय पर उपमान का आरोप होने पर रूपक अलंकार तथा विरोध न होते हुए भी विरोध का आभास होने पर विरोधाभास अलंकार होता है। 'यमक' शब्दालंकार है, जबकि उत्प्रेक्षा, रूपक तथा विरोधाभास अर्थालंकार हैं।

48. "सिर फट गया उसका वहीं। मानो अरुण रंग का घड़ा हो।" पंक्ति में कौन-सा अलंकार है? [DSSSB PGT-2021]

Correct Answer: (a) उत्प्रेक्षा अलंकार
Solution:उपर्युक्त पंक्ति में 'उत्प्रेक्षा अलंकार' है। वस्तुतः उपमेय में कल्पित उपमान की सम्भावना को 'उत्प्रेक्षा' कहते हैं। 'उत्प्रेक्षा अलंकार' में मानो, जानो आदि शब्दों द्वारा सम्भावना पर जोर दिया जाता है।

अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य

यमक अलंकार - जेते तुम तारे, तेते नभ में न तारे हैं।

श्लेष अलंकार चिरजीवौ जोरी जुरै, क्यों न सनेह गंभीर।

को घटि ये वृषभानुजा, वे हलधर के बीर।

अनुप्रास अलंकार बन्दऊँ गुरु पद पदुम परागा

49. तरनि तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाये। झुके कूल सों जल परसन हित मनहुँ सुहाये।। इस कविता की दूसरी पंक्ति में कौन-सा अलंकार है? [UPSSSC कनिष्ठ सहायक (प्रथम पाली) परीक्षा 2019]

Correct Answer: (d) उत्प्रेक्षा
Solution:प्रश्नगत कविता की दूसरी पंक्ति में उत्प्रेक्षा अलंकार है। उपमेय (प्रस्तुत) में कल्पित उपमान (अप्रस्तुत) की सम्भावना को 'उत्प्रेक्षा' कहते हैं।

50. लता भवन ते प्रगट भे, तेहि अवसर दोउ भाई। [M.P. Professional Exam.12.12.2017]

निकसे जनु जुग विमल विधु जलद पटल विलगाई।

में कौन-सा अलंकार है। सही विकल्प चुनिए?

Correct Answer: (b) उत्प्रेक्षा अलंकार
Solution:उपर्युक्त पंक्ति में उत्प्रेक्षा अलंकार है। जब उपमान से भिन्नता जानते हुए भी उपमेय में उपमान की सम्भावना व्यक्त की जाती है, तो वहाँ 'उत्प्रेक्षा अलंकार' होता है। उदाहरण -

"सोहत ओढ़े पीत पट, स्याम सलोने गात।

मनौ नीलमनि सैल पर, आतप पर्यो प्रभात।।"