Correct Answer: (c) यमक
Solution:'जेते तुम तारे, तेते नभ में न तारे हैं' इस काव्य पंक्ति में यमक अलंकार है। प्रस्तुत पंक्ति पाप-विनाशनी माँ गंगा के बारे में कहा गया है, कि तुमने जितने लोगों को तारे (कल्याण किए) हैं, उतने आकाश में तारे नहीं हैं। स्पष्ट है कि यहाँ एक 'तारे' का अर्थ 'कल्याण करना' तथा दूसरे 'तारे' का अर्थ 'तारों की संख्या' से है।