अलंकार

परिभाषा

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41. "काली घटा का घमण्ड घटा नभ मण्डल तारका वृन्द खिले", इस पंक्ति में कौन-सा अलंकार है? [V.D.O. परीक्षा, 2023, राजस्व लेखपाल (द्वितीय पाली) परीक्षा, 2015, उ.प्र. पुलिस कांस्टेबिल पुनर्परीक्षा (द्वितीय पाली) 26 अक्टूबर, 2018, UPSI Exam, 12 दिसंबर, 2017 (द्वितीय पाली)]

Correct Answer: (c) यमक अलंकार
Solution:प्रश्नोल्लिखित पंक्ति "काली घटा का घमण्ड घटा, नभ मण्डल तारक वृन्द खिले", में 'यमक अलंकार' है।

यमक अलंकार जब काव्य में एक ही शब्द दो या दो से अधिक बार आए और प्रत्येक बार उस शब्द का अर्थ भिन्न प्राप्त हो, तब यह स्थिति 'यमक अलंकार' की होती है।

स्पष्टीकरण- प्रश्नगत उदाहरण में 'घटा' शब्द दो बार प्रयुक्त हुआ है। प्रथम बार प्रयुक्त 'घटा' शब्द का अर्थ 'सघन वर्षण-मेघ' से है एवं द्वितीय बार प्रयुक्त 'घटा' शब्द का अर्थ घट जाने, हट जाने, मिट जाने, कमतर हो जाने इत्यादि से है। अतः यहाँ उधृत पंक्ति में यमक अलंकार है।

42. 'सारंग लै सारंग चली कई सारंग की ओट सारंग झीनो पाइके सारंग कई गई चोट।' [UPSSSC कनिष्ठ सहायक परीक्षा, 2016]

उक्त पद्य में कौन-सा अलंकार विद्यमान है?

 

Correct Answer: (c) यमक अलंकार
Solution:प्रस्तुत पद्यांश में यमक अलंकार है। प्रस्तुत पद्य में पहले सारंग का अर्थ दीपक, दूसरे सारंग का अर्थ स्त्री, तीसरे एवं चौथे सारंग का अर्थ आँचल एवं पाँचवें सारंग का अर्थ हवा है।

43. तो पर वारौं उरबसी, सुनि, राधिके सुजान । तू मोहन कैं उर बसी, है उरबसी समान।। उपर्युक्त दोहे में कौन-सा अलंकार है? [T.G.T. परीक्षा, 2010]

Correct Answer: (a) यमक
Solution:प्रस्तुत दोहे में पहले उरबसी का अर्थ उर्वशी नाम की एक अप्सरा, दूसरे उरबसी का अर्थ हृदय में बसी तथा तीसरे उरबसी का अर्थ एक आभूषण के लिए प्रयुक्त हुआ है। अतः यहाँ यमक अलंकार है।

44. निम्नलिखित में कौन-सा शब्दालंकार है? [उ.प्र. पुलिस कांस्टेबिल परीक्षा 18 जून, 2018 (I-पाली)]

Correct Answer: (d) यमक
Solution:अलंकार के मुख्य तीन भेद होते हैं (1) शब्दालंकार (2) अर्थालंकार, तथा उभयालंकार।

अनुप्रास, वक्रोक्ति, यमक एवं श्लेष अलंकार को शब्दालंकार के वर्ग में, जबकि रूपक, उत्प्रेक्षा तथा उपमा आदि अलंकारों को अर्थालंकार के वर्ग में शामिल किया जाता है।

45. 'जहाँ एक शब्द के साथ अनेक अर्थ चिपके रहते हैं, वहाँ कौन-सा अलंकार होता है? [U.P. SI-2021]

Correct Answer: (b) श्लेष
Solution:जहाँ एक शब्द के साथ अनेक अर्थ चिपके रहते हैं, वहाँ 'श्लेष अलंकार' होता है। 'श्लेष अलंकार' शब्दालंकर का एक भेद है।
सभंग श्लेषअभंग श्लेष
(जहाँ शब्दों के टुकड़े से अनेक अर्थ ज्ञात हों)(जिसमें बिना शब्द के टुकड़े से ही अनेक अर्थ निकलते हों)
जैसे- को घटि ये वृषभानुजा, ये हलधर के बीर।जैसे- पानी गये न ऊबरै, मोती मानुष चून।
यहाँ वृषभानुजा शब्द के अर्थ हैं- <br> वृषभानु + जा = राधा <br> वृषभ + अनुजा = गाययहाँ पानी के तीन अर्थ हैं- <br> चमक, प्रतिष्ठा व जल

46. 'श्लेष' अलंकार कितने प्रकार का होता है? [UGC हिन्दी तृतीय प्रश्न-पत्र दिसम्बर, 2014]

Correct Answer: (a) 2
Solution:'श्लेष' अलंकार के दो भेद होते हैं- सभंग श्लेष तथा अभंग श्लेष ।

'सभंग श्लेष' में शब्द को भंग कर अर्थात् शब्द के टुकड़े करते हुए अर्थ ज्ञात किए जाते हैं। जैसे-

'को घटि ये वृषभानुषा, ये हलधर के बीर'

यहाँ वृषभानुषा का अर्थ वृषभानु जा राधा

वृषभ + अनुजा = बैल की बहन गाय है।

'अभंग श्लेष' में शब्दों के बिना टुकड़े के ही अन्य अर्थ प्राप्त किए जाते हैं। जैसे- 'पानी गये न ऊबरे मोती मानुष चून' यहाँ पानी का तीन अर्थ है- चमक, प्रतिष्ठा, तथा जल।

अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य

श्लेष का अर्थ चिपकना, मिलना, या संयोग होना है। वस्तुतः जहाँ एक शब्द के साथ अनेक अर्थ चिपके रहते हैं, वहाँ 'श्लेष अलंकार' होता है।

'श्लेष' अलंकार 'शब्दालंकार' के अन्तर्गत आता है।

47. श्लेष अलंकार होता है- [P.G.T. परीक्षा, 2002]

Correct Answer: (a) शब्दालंकार
Solution:जहाँ शब्दों के कारण काव्य में सौन्दर्य या चमत्कार आ जाता है, उसे शब्दालंकार कहते हैं। इनमें अनुप्रास, यमक, श्लेष तथा वक्रोक्ति प्रमुख अलंकार हैं।

48. 'रहिमन पानी राखिए, बिनु पानी सब सून। पानी गए न ऊबरै मोती, मानुष, चूना' इस दोहे में कौन-सा अलंकार है? [UP TET Exam (I-5) 2019 V.D.O. परीक्षा, 2023 उ.प्र. पुलिस कांस्टेबिल (निरस्त परीक्षा), 2024 (II-पाली)]

Correct Answer: (c) श्लेष
Solution:प्रश्नोक्त पंक्ति में श्लेष अलंकार है। श्लेष अलंकार के लक्षण के अनुसार यहाँ अलग-अलग शब्दों के लिए 'पानी' के 'तीन' अर्थ हैं- (i) मोती के लिए चमक (ii) मनुष्य के लिए सम्मान (iii) चूने के लिए जल।

रूपक इस अलंकार में उपमेय पर उपमान का अभेद आरोप किया जाता है।

उत्प्रेक्षा- इसमें उपमेय में उपमान की सम्भावना या कल्पना की जाती है।

उपमा- इसमें उपमेय-उपमान की परस्पर समानता बताई जाती है या तुलना की जाती है।

49. "चिरजीवौ जोरी जुरे, क्यों न सनेह गंभीर। को घटि ये वृषभानुजा, वे हलधर के वीर।।" में कौन-सा अलंकार है? [P.G.T. परीक्षा, 2013]

Correct Answer: (c) श्लेष
Solution:श्लिष्ट पदों से अनेक अर्थों के कथन को 'श्लेष' कहते हैं। इनमें दो बातें आवश्यक हैं-(क) एक शब्द के एक से अधिक अर्थ हों, (ख) एक से अधिक अर्थ प्रकरण में अपेक्षित हों। श्लेष का अर्थ होता है-चिपका हुआ। श्लिष्ट शब्द में एक से अधिक अर्थ चिपके रहते हैं। प्रस्तुत पंक्ति में श्लेष अलंकार है। यहाँ 'वृषभानुजा' और 'हलधर' श्लिष्ट शब्द हैं, जिनसे बिना आवृत्ति के ही भिन्न-भिन्न अर्थ निकलते हैं। 'वृषभानुजा' से 'वृषभानु की बेटी' (राधा) और 'वृषभ की बहन' (गाय) का तथा 'हलधर के वीर' से बलदेव (कृष्ण के भाई) और साँड़ (बैल के भाई) का अर्थ निकलता है।

50. मेरी भव बाधा हरौ, राधा नागरि सोय। जा तन की झाँई परै, स्याम हरित दुति होय ।। उपर्युक्त दोहे में कौन-सा अलंकार है? [UP- TET Exam Ist Paper (I-V), 2018]

Correct Answer: (e) (c & d)
Solution:प्रस्तुत दोहे में श्लेष एवं रूपक दोनों अलंकार हैं। इस दोहे में 'श्याम' का दो अर्थ है प्रथम-श्री कृष्ण तथा द्वितीय-साँवला। अतः श्लेष अलंकार है। इसमें रूपक अलंकार भी है। आरती गाँधी द्वारा सम्पादित पुस्तक 'बिहारी सतसई (चुनीं हुई रचनाएँ)' में इस दोहे को अन्योक्ति अलंकार बताया गया है। परीक्षा संस्था (परीक्षा नियामक प्राधिकारी) ने इस प्रश्न का उत्तर संशोधित उत्तर कुंजी में विकल्प (c) और (d) माना है।