आधुनिक भारतीय इतिहास (Part-III)

Total Questions: 58

1. निम्न में से किसने ब्रिटिश युग की केंद्रीय लेजिस्लेटिव असेम्बली तथा स्वतंत्र भारत की संसद में अध्यक्ष का पद संभाला? [M.P. P.C.S. (Pre) 2010]

Correct Answer: (b) जी.वी. मावलंकर
Solution:ब्रिटिश काल में केंद्रीय लेजिस्लेटिव असेम्बली तथा स्वतंत्र भारत की संसद में अध्यक्ष का पद जी.वी. मावलंकर ने संभाला। ब्रिटिश युग में मावलंकर 24 जनवरी, 1946 से 14 अगस्त, 1947 तक केंद्रीय लेजिस्लेटिव असेम्बली के अध्यक्ष रहे एवं भारत के स्वतंत्र होने के बाद लोक सभा के प्रथम अध्यक्ष के रूप में वर्ष 1952 से 1956 तक रहे। वे वर्ष 1937-1946 के दौरान बंबई प्रांत की लेजिस्लेटिव असेम्बली के भी अध्यक्ष रहे थे।

2. भारत के विभाजन से संबंधित 'माउंटबेटन योजना' की सरकारी तौर पर घोषणा कब हुई थी? [M.P.P.C.S. (Pre) 2014]

Correct Answer: (d) 3 जून, 1947
Solution:माउंटबेटन योजना (3 जून, 1947) के अनुरूप ब्रिटिश संसद द्वारा जुलाई, 1947 में 'भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम' (इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट, 1947) पारित किया गया, जिसमें भारत और पाकिस्तान नामक दो डोमिनियनों की स्थापना के लिए 15 अगस्त, 1947 की तिथि निश्चित की गई। यह अधिनियम 18 जुलाई, 1947 से प्रभावी हुआ।

3. 14/15 अगस्त, 1947 की मध्य रात्रि को अंतरिम संसद के रूप में किसने सत्ता ग्रहण की? [M.P. P.C.S. (Pre) 2010]

Correct Answer: (b) संविधान सभा
Solution:14 अगस्त, 1947 की मध्य रात्रि को अंतरिम संसद के रूप में संविधान सभा ने सत्ता ग्रहण की। "नियत दिन" से और जब तक दोनों डोमिनियनों की संविधान सभाएं नए संविधान की रचना न कर लें और उनके अधीन नए विधानमंडल गठित न हो जाएं तब तक संविधान सभा को ही अपने डोमिनियन के केंद्रीय विधानमंडल के रूप में कार्य करना था। 14/15 अगस्त की मध्य रात्रि को भारतीय संघ की संविधान सभा की बैठक हुई। स्वतंत्रता के अवसर पर संविधान सभा के सदस्यों के मध्य जवाहरलाल नेहरू ने प्रभावशाली भाषण दिया।

4. स्वतंत्र भारत के प्रथम गवर्नर जनरल कौन थे? [M.P.P.C.S. (Pre) 2006]

Correct Answer: (d) लॉर्ड माउंटबेटन
Solution:स्वतंत्र भारत के प्रथम गवर्नर जनरल लॉर्ड माउंटबेटन (1947-48) और प्रथम भारतीय गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी (1948-50) थे।

5. स्वतंत्र भारत का अंतिम गवर्नर जनरल कौन था? [M.P. P.C.S. (Pre) 1998, 2010]

Correct Answer: (a) सी. राजगोपालाचारी
Solution:सी. राजगोपालाचारी वर्ष 1948-50 के दौरान स्वतंत्र भारत के प्रथम भारतीय और अंतिम गवर्नर जनरल थे। इस पद पर वे 26 जनवरी, 1950 तक रहे। वर्ष 1952-1954 तक वे मद्रास के मुख्यमंत्री रहे। वर्ष 1959 में विभिन्न मुद्दों पर कांग्रेसी नेताओं से मतभेद के कारण उन्होंने कांग्रेस छोड़कर 'स्वतंत्र पार्टी' का गठन किया।

6. भारत का अंतिम वायसराय था- [M.P.P.C.S. (Pre) 2010]

Correct Answer: (b) लॉर्ड माउंटबेटन
Solution:भारत के अंतिम ब्रिटिश वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन थे। उन्होंने 24 मार्च, 1947 को कार्यभार संभाला और 3 जून, 1947 को भारत विभाजन की योजना प्रस्तुत की।

7. रेग्युलेटिंग एक्ट किस वर्ष पारित किया गया था? [M.P.P.C.S. (Pre) 2015]

Correct Answer: (d) 1773
Solution:ब्रिटिश सरकार ने कंपनी में व्याप्त भ्रष्टाचार एवं कुप्रशासन को दूर करने के लिए 1773 ई. का रेग्युलेटिंग एक्ट पारित किया। इसके तहत मद्रास एवं बंबई प्रेसीडेंसियों को कलकत्ता प्रेसीडेंसी के अधीन कर दिया गया। बंगाल के गवर्नर को अब अंग्रेजी क्षेत्रों का गवर्नर जनरल कहा गया। बंगाल का प्रथम गवर्नर जनरल वॉरेन हेस्टिंग्स को बनाया गया |

8. किस अधिनियम के द्वारा ब्रिटिश सरकार ने ईस्ट इंडिया कंपनी का चाय व शक्कर के व्यापार का एकाधिकार समाप्त किया? [M.P.P.C.S. (Pre) 2013]

Correct Answer: (e) चार्टर एक्ट, 1813 & चार्टर एक्ट, 1833
Solution:यदि प्रश्न में 'चाय व शक्कर' के स्थान पर 'चाय व चीन के साथ' वाक्य होता, तो विकल्प (d) सही होता। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग ने भी इस प्रश्न को गलत मानते हुए इसके लिए बोनस अंक दिया है।

9. ब्रिटिश भारत में सांप्रदायिक प्रतिनिधित्व की व्यवस्था निम्नलिखित में से किस अधिनियम द्वारा की गई थी? [M.P.P.C.S. (Pre) 2019]

Correct Answer: (b) मिंटो-मॉर्ले सुधार, 1909
Solution:भारतीय परिषद अधिनियम, 1909 (मिंटो-मॉर्ले सुधार, 1909) द्वारा ब्रिटिश भारत में सांप्रदायिक प्रतिनिधित्व की व्यवस्था की गई, जिसके अंतर्गत मुसलमानों के लिए पृथक निर्वाचन मंडल की व्यवस्था करना था। गांधीजी ने कहा था- "मॉर्ले-मिंटो सुधार ने हमारा सर्वनाश कर दिया।"

10. निम्नलिखित में से किस अधिनियम द्वारा 'सवैधानिक निरंकुशता का सिद्धांत' प्रवृत्त किया गया? [M.P. P.C.S. (Pre) 2017]

Correct Answer: (c) 1935 का भारत सरकार अधिनियम
Solution:संवैधानिक निरंकुशता सिद्धांत भारत सरकार अधिनियम, 1935 द्वारा प्रवृत्त किया गया। यह अधिनियम ब्रिटिश संसद द्वारा सर्वाधिक विस्तृत अधिनियम था। साथ ही यह भारत के लिए तैयार संवैधानिक प्रस्तावों में से सबसे जटिल दस्तावेज था। इसी अधिनियम में भारत संघ की स्थापना, संघीय न्यायपालिका, केंद्र और राज्यों के मध्य शक्तियों का विभाजन आदि की व्यवस्था की गई थी।