आनुवंशिकता

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11. जीवों में आनुवंशिक लक्षण संतान में ले जाए जाते हैं- [R.A.S./R.T.S. (Pre) 1992]

Correct Answer: (b) क्रोमोसोम द्वारा
Solution:जीवों में आनुवंशिक लक्षण क्रोमोसोम (Chromosome) द्वारा संतान में ले जाए जाते हैं। ये न्यूक्लियोप्रोटीन (Nucleoprotein) के बने होते हैं तथा इसका नाम प्रस्तुत करने वाले वैज्ञानिक वाल्डेयर (1888 ई.) थे। कोशिका विभाजन के समय क्रोमेटिन जालिका की धागे के समान छोटे-छोटे टुकड़ों के रूप में स्पष्ट हो जाती हैं। क्रोमेटिन पदार्थ के इन छोटे टुकड़ों को गुणसूत्र कहते हैं, जिन पर जीन्स (Genes) पाए जाते हैं। यद्यपि अधिकतर जीन्स DNA के भाग हैं, परंतु कुछ विषाणुओं में ये RNA के भाग होते हैं जैसे रियोवाइरस (Reovirus) में।

12. जीव-कोशिकाओं में आनुवंशिक लक्षणों के नियंत्रण में निम्नलिखित में से कौन-सा उत्तरदायी है? [B.P.S.C. (Pre) Exam, 2016]

Correct Answer: (d) डी.एन.ए.
Solution:

जीव कोशिकाओं में आनुवंशिक लक्षणों के नियंत्रण में डी.एन.ए. उत्तरदायी होता है।

13. डी.एन.ए. की निम्नलिखित में से किस विशिष्टता ने उसे पीढ़ी- दर-पीढ़ी आनुवंशिक सूचना संग्रह करने और प्रेषण करने के लिए अद्वितीय रूप से उपयुक्त बनाया है? [I.A.S. (Pre) 2001]

Correct Answer: (a) दो रज्जुकों (two strands) की पूरकता
Solution:डीएनए प्रत्येक मानव कोशिका के केंद्रक में विद्यमान होता है। डीएनए का मुख्य कार्य आनुवंशिक सूचनाओं का संग्रहण एवं उनका प्रेषण है। डीएनए की दो रज्जुकों की पूरकता उसे इस कार्य हेतु सक्षम बनाती है।

14. लैंगिक जनन से आनुवंशिक विचरण कैसे होता है? [53to55th B.P.S.C. (Pre) 2011]

Correct Answer: (d) उपर्युक्त सभी
Solution:जीन के सम्मिश्रण, क्रोमोसोम में बदलाव एवं जीन के मिश्रण उपर्युक्त तीनों से ही लैंगिक जनन से आनुवंशिक विचरण (Genetic Variation) होता है।

15. गुणसूत्रों की वंशागत का सिद्धांत दिया था : [Jharkhand P.C.S. (Pre) 2021]

Correct Answer: (b) सूटन एवं बोवेरी
Solution:वाल्टर सूटन और थियोडोर बोवेरी ने गुणसूत्रों का वंशागत सिद्धांत (Chromosome Theory of Heredity) दिया था।

16. जीन अणु (डी.एन.ए.) की संरचना को सबसे पहले किसने रेखांकित किया? [M.P.P.C.S. (Pre) 1994]

Correct Answer: (c) डॉ. जेम्स वॉटसन और डॉ. फ्रांसिस क्रिक
Solution:डॉ. जेम्स वॉटसन, डॉ. फ्रांसिस क्रिक, एम.एच.एफ. विल्किन्स तथा आर. फ्रैंकलिन नामक वैज्ञानिकों ने एक्स-रे विश्लेषण द्वारा वर्ष 1953 में जीन अणु (डी.एन.ए.) का कुण्डलीदार (सर्पिलाकार सीढ़ी सदृश्य) विन्यास प्रस्तुत किया। इनके अनुसार, एक सीढ़ी की भांति DNA का अणु सीधा नहीं होता है। सीढ़ी के दो लंबे डंडे एक के अक्ष रेखा के चारों ओर द्विचक्राकार रचना (Double helix) बना लेते हैं।

17. जेम्स डी. वॉटसन तथा फ्रांसिस क्रिक का संबंध निम्नलिखित में से किस खोज से है? [U.P.P.C.S. (Mains) 2012]

Correct Answer: (b) DNA की संरचना
Solution:डॉ. जेम्स वॉटसन, डॉ. फ्रांसिस क्रिक, एम.एच.एफ. विल्किन्स तथा आर. फ्रैंकलिन नामक वैज्ञानिकों ने एक्स-रे विश्लेषण द्वारा वर्ष 1953 में जीन अणु (डी.एन.ए.) का कुण्डलीदार (सर्पिलाकार सीढ़ी सदृश्य) विन्यास प्रस्तुत किया। इनके अनुसार, एक सीढ़ी की भांति DNA का अणु सीधा नहीं होता है। सीढ़ी के दो लंबे डंडे एक के अक्ष रेखा के चारों ओर द्विचक्राकार रचना (Double helix) बना लेते हैं।

18. डी.एन.ए. के द्विहेलिक्स प्रारूप को पहली बार किसने प्रस्तावित किया था? [U.P.P.C.S. (Pre) 2012]

Correct Answer: (a) वॉटसन तथा क्रिक ने
Solution:

डॉ. जेम्स वॉटसन, डॉ. फ्रांसिस क्रिक, एम.एच.एफ. विल्किन्स तथा आर. फ्रैंकलिन नामक वैज्ञानिकों ने एक्स-रे विश्लेषण द्वारा वर्ष 1953 में जीन अणु (डी.एन.ए.) का कुण्डलीदार (सर्पिलाकार सीढ़ी सदृश्य) विन्यास प्रस्तुत किया। इनके अनुसार, एक सीढ़ी की भांति DNA का अणु सीधा नहीं होता है। सीढ़ी के दो लंबे डंडे एक के अक्ष रेखा के चारों ओर द्विचक्राकार रचना (Double helix) बना लेते हैं।

19. नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक जेम्स डी. वॉटसन को किस कार्यक्षेत्र में अपने कार्य के लिए जाना जाता है? [I.A.S. (Pre) 2008]

Correct Answer: (d) आनुवंशिकी
Solution:जेम्स डेवी वॉटसन अमेरिकी मालिक्यूलर बायोलॉजिस्ट हैं, जो जीन संरचना की खोजों के लिए प्रसिद्ध हुए हैं। डॉ. वॉटसन एवं फ्रांसिस क्रिक तथा मॉरिस विल्किन्स को संयुक्त रूप से वर्ष 1962 का चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ था।

20. डी.एन.ए. की द्विकुंडलिनी संरचना किसके द्वारा की गई थी? [U.P.P.C.S. (Pre) 2018]

Correct Answer: (b) वॉटसन तथा क्रिक
Solution:जेम्स वॉटसन, फ्रांसिस क्रिक, एम. एच. एफ, विल्किन्स तथा फ्रैंकलिन नामक वैज्ञानिकों ने एक्स-रे विश्लेषण द्वारा डी.एन.ए. की द्विकुंडलिनी संरचना प्रस्तुत किया। इसके अनुसार, एक सीढ़ी की भांति D.N.A. का अणु सीधा नहीं होता, बल्कि सर्पिलाकार सीदी सदृश्य अर्थात द्विकुंडलिनी (Double helical) संरचना के रूप में होता है। एक D.N.A. कुंडली में एक पूरा घुमाव 3.4 नैनोमीटर लंबा होता है। इस पूरे घुमाव में 10 क्षारक युग्म होते हैं तथा प्रत्येक क्षारक युग्म परस्पर 34 नैनोमीटर की दूरी पर होते हैं। द्विकुंडलित D.N.A. अणु का व्यास 2 नैनोमीटर या 20 एंगस्ट्राम होता है।