आपात उपबंध

Total Questions: 36

1. भारतीय संविधान के अंतर्गत कितने प्रकार के आपातकाल की सोच है? [U.P.P.C.S. (Mains) 2009, 2014]

Correct Answer: (b) तीन
Note:

भारतीय संविधान के तहत तीन प्रकार के आपातकालीन प्रावधान सन्निहित हैं-1. अनुच्छेद 352 के तहत राष्ट्रीय आपातकाल; 2. अनु. 356 के तहत राज्यों में संवैधानिक तंत्र की विफलता पर राष्ट्रपति शासन; तथा 3. अनु. 360 के तहत वित्तीय आपातकाल ।

 

2. भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के अंतर्गत भारत सरकार का दायित्व है कि वह बाह्य आक्रमण एवं आंतरिक अशांति से राज्यों की रक्षा करे ? [U.P.P.C.S. (Pre) 2001]

Correct Answer: (a) अनुच्छेद 355
Note:

अनुच्छेद 352-यदि राष्ट्रपति को इस बात का समाधान हो जाए कि गंभीर आपात स्थिति विद्यमान है, या होने के निकट है, जिसमें युद्ध, बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के कारण भारत या उसके किसी भाग में संकट पैदा हो सकता है, तो राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपात की उद्घोषणा कर सकते हैं। ध्यातव्य है कि मूल संविधान के अनु. 352 के 'आंतरिक अशांति' के स्थान पर 44वें संशोधन अधिनियम (1978) से 'सशस्त्र विद्रोह' प्रतिस्थापित किया गया है।

अनुच्छेद 355-संघ का यह कर्तव्य है कि बाह्य आक्रमण और आंतरिक अशांति से प्रत्येक राज्य की रक्षा करे और प्रत्येक राज्य की सरकार का संविधान के उपबंधों के आधार पर चलाया जाना सुनिश्चित करे।

अनुच्छेद 356-यदि राष्ट्रपति का, किसी राज्य के राज्यपाल से प्रतिवेदन मिलने पर या अन्यथा, यह समाधान हो जाता है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे उस राज्य का शासन इस संविधान के उपबंधों के अनुसार नहीं चलाया जा सकता, तो राष्ट्रपति इस अनुच्छेद का प्रयोग कर उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा सकते हैं। अनुच्छेद 360-यदि राष्ट्रपति को यह समाधान हो जाए कि ऐसी स्थिति पैदा हो गई है, जिससे भारत या उसके किसी भाग का वित्तीय स्थायित्व संकट में है, तो वह वित्तीय आपात की घोषणा कर सकता है।

 

3. संघ का यह कर्तव्य होगा कि वह बाह्य आक्रमण तथा आंतरिक गड़बड़ी से प्रत्येक राज्य की रक्षा करे ऐसा प्रावधान भारतीय संविधान के निम्न अनुच्छेदों में से किस एक में है? [I.A.S. (Pre) 2003]

Correct Answer: (d) अनुच्छेद 355
Note:

अनुच्छेद 352-यदि राष्ट्रपति को इस बात का समाधान हो जाए कि गंभीर आपात स्थिति विद्यमान है, या होने के निकट है, जिसमें युद्ध, बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के कारण भारत या उसके किसी भाग में संकट पैदा हो सकता है, तो राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपात की उद्घोषणा कर सकते हैं। ध्यातव्य है कि मूल संविधान के अनु. 352 के 'आंतरिक अशांति' के स्थान पर 44वें संशोधन अधिनियम (1978) से 'सशस्त्र विद्रोह' प्रतिस्थापित किया गया है।

अनुच्छेद 355-संघ का यह कर्तव्य है कि बाह्य आक्रमण और आंतरिक अशांति से प्रत्येक राज्य की रक्षा करे और प्रत्येक राज्य की सरकार का संविधान के उपबंधों के आधार पर चलाया जाना सुनिश्चित करे।

अनुच्छेद 356-यदि राष्ट्रपति का, किसी राज्य के राज्यपाल से प्रतिवेदन मिलने पर या अन्यथा, यह समाधान हो जाता है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे उस राज्य का शासन इस संविधान के उपबंधों के अनुसार नहीं चलाया जा सकता, तो राष्ट्रपति इस अनुच्छेद का प्रयोग कर उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा सकते हैं। अनुच्छेद 360-यदि राष्ट्रपति को यह समाधान हो जाए कि ऐसी स्थिति पैदा हो गई है, जिससे भारत या उसके किसी भाग का वित्तीय स्थायित्व संकट में है, तो वह वित्तीय आपात की घोषणा कर सकता है।

 

4. किस अनुच्छेद के अनुसार भारत के राष्ट्रपति द्वारा 'राष्ट्रीय आपातकाल' की घोषणा की जा सकती है? [53rd to 55th B.P.S.C. (Pre) 2011]

Correct Answer: (a) अनुच्छेद 352
Note:

अनुच्छेद 352-यदि राष्ट्रपति को इस बात का समाधान हो जाए कि गंभीर आपात स्थिति विद्यमान है, या होने के निकट है, जिसमें युद्ध, बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के कारण भारत या उसके किसी भाग में संकट पैदा हो सकता है, तो राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपात की उद्घोषणा कर सकते हैं। ध्यातव्य है कि मूल संविधान के अनु. 352 के 'आंतरिक अशांति' के स्थान पर 44वें संशोधन अधिनियम (1978) से 'सशस्त्र विद्रोह' प्रतिस्थापित किया गया है।

अनुच्छेद 355-संघ का यह कर्तव्य है कि बाह्य आक्रमण और आंतरिक अशांति से प्रत्येक राज्य की रक्षा करे और प्रत्येक राज्य की सरकार का संविधान के उपबंधों के आधार पर चलाया जाना सुनिश्चित करे।

अनुच्छेद 356-यदि राष्ट्रपति का, किसी राज्य के राज्यपाल से प्रतिवेदन मिलने पर या अन्यथा, यह समाधान हो जाता है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे उस राज्य का शासन इस संविधान के उपबंधों के अनुसार नहीं चलाया जा सकता, तो राष्ट्रपति इस अनुच्छेद का प्रयोग कर उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा सकते हैं। अनुच्छेद 360-यदि राष्ट्रपति को यह समाधान हो जाए कि ऐसी स्थिति पैदा हो गई है, जिससे भारत या उसके किसी भाग का वित्तीय स्थायित्व संकट में है, तो वह वित्तीय आपात की घोषणा कर सकता है।

 

5. भारत का राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपात की घोषणा कर सकता है, यदि खतरा है- [U.P.P.C.S. (Mains) 2010 U.P.P.S.C. (GIC) 2010]

1. बाहरी आक्रमण का

2. आंतरिक अशांति का

3. सशस्त्र विद्रोह का

4. सांप्रदायिक संघर्ष का

अधोलिखित कूटों से सही उत्तर चुनिए :

 

Correct Answer: (d) केवल 1 तथा 3
Note:

अनुच्छेद 352-यदि राष्ट्रपति को इस बात का समाधान हो जाए कि गंभीर आपात स्थिति विद्यमान है, या होने के निकट है, जिसमें युद्ध, बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के कारण भारत या उसके किसी भाग में संकट पैदा हो सकता है, तो राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपात की उद्घोषणा कर सकते हैं। ध्यातव्य है कि मूल संविधान के अनु. 352 के 'आंतरिक अशांति' के स्थान पर 44वें संशोधन अधिनियम (1978) से 'सशस्त्र विद्रोह' प्रतिस्थापित किया गया है।

अनुच्छेद 355-संघ का यह कर्तव्य है कि बाह्य आक्रमण और आंतरिक अशांति से प्रत्येक राज्य की रक्षा करे और प्रत्येक राज्य की सरकार का संविधान के उपबंधों के आधार पर चलाया जाना सुनिश्चित करे।

अनुच्छेद 356-यदि राष्ट्रपति का, किसी राज्य के राज्यपाल से प्रतिवेदन मिलने पर या अन्यथा, यह समाधान हो जाता है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे उस राज्य का शासन इस संविधान के उपबंधों के अनुसार नहीं चलाया जा सकता, तो राष्ट्रपति इस अनुच्छेद का प्रयोग कर उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा सकते हैं। अनुच्छेद 360-यदि राष्ट्रपति को यह समाधान हो जाए कि ऐसी स्थिति पैदा हो गई है, जिससे भारत या उसके किसी भाग का वित्तीय स्थायित्व संकट में है, तो वह वित्तीय आपात की घोषणा कर सकता है।

 

6. भारत में राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा करने का आधार निम्नलिखित में से कौन नहीं है? [U.P.P.C.S. (Mains) 2016 U.P. R.O./A.R.O. (Pre) 2016]

Correct Answer: (c) आंतरिक शांति को खतरा
Note:

अनुच्छेद 352-यदि राष्ट्रपति को इस बात का समाधान हो जाए कि गंभीर आपात स्थिति विद्यमान है, या होने के निकट है, जिसमें युद्ध, बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के कारण भारत या उसके किसी भाग में संकट पैदा हो सकता है, तो राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपात की उद्घोषणा कर सकते हैं। ध्यातव्य है कि मूल संविधान के अनु. 352 के 'आंतरिक अशांति' के स्थान पर 44वें संशोधन अधिनियम (1978) से 'सशस्त्र विद्रोह' प्रतिस्थापित किया गया है।

अनुच्छेद 355-संघ का यह कर्तव्य है कि बाह्य आक्रमण और आंतरिक अशांति से प्रत्येक राज्य की रक्षा करे और प्रत्येक राज्य की सरकार का संविधान के उपबंधों के आधार पर चलाया जाना सुनिश्चित करे।

अनुच्छेद 356-यदि राष्ट्रपति का, किसी राज्य के राज्यपाल से प्रतिवेदन मिलने पर या अन्यथा, यह समाधान हो जाता है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे उस राज्य का शासन इस संविधान के उपबंधों के अनुसार नहीं चलाया जा सकता, तो राष्ट्रपति इस अनुच्छेद का प्रयोग कर उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा सकते हैं। अनुच्छेद 360-यदि राष्ट्रपति को यह समाधान हो जाए कि ऐसी स्थिति पैदा हो गई है, जिससे भारत या उसके किसी भाग का वित्तीय स्थायित्व संकट में है, तो वह वित्तीय आपात की घोषणा कर सकता है।

 

7. राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर सकता है - [46th B.P.S.C. (Pre) 2002]

Correct Answer: (d) ऊपर वर्णित सभी कारणों के आधार पर
Note:

अनुच्छेद 352-यदि राष्ट्रपति को इस बात का समाधान हो जाए कि गंभीर आपात स्थिति विद्यमान है, या होने के निकट है, जिसमें युद्ध, बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के कारण भारत या उसके किसी भाग में संकट पैदा हो सकता है, तो राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपात की उद्घोषणा कर सकते हैं। ध्यातव्य है कि मूल संविधान के अनु. 352 के 'आंतरिक अशांति' के स्थान पर 44वें संशोधन अधिनियम (1978) से 'सशस्त्र विद्रोह' प्रतिस्थापित किया गया है।

अनुच्छेद 355-संघ का यह कर्तव्य है कि बाह्य आक्रमण और आंतरिक अशांति से प्रत्येक राज्य की रक्षा करे और प्रत्येक राज्य की सरकार का संविधान के उपबंधों के आधार पर चलाया जाना सुनिश्चित करे।

अनुच्छेद 356-यदि राष्ट्रपति का, किसी राज्य के राज्यपाल से प्रतिवेदन मिलने पर या अन्यथा, यह समाधान हो जाता है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे उस राज्य का शासन इस संविधान के उपबंधों के अनुसार नहीं चलाया जा सकता, तो राष्ट्रपति इस अनुच्छेद का प्रयोग कर उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा सकते हैं। अनुच्छेद 360-यदि राष्ट्रपति को यह समाधान हो जाए कि ऐसी स्थिति पैदा हो गई है, जिससे भारत या उसके किसी भाग का वित्तीय स्थायित्व संकट में है, तो वह वित्तीय आपात की घोषणा कर सकता है।

 

8. निम्नलिखित में से किन परिस्थितियों में राष्ट्रपति आपातकाल घोषित कर सकता है? [U.P.P.C.S. (Mains) 2007]

1. बाह्य आक्रमण

2. आंतरिक अशांति

3. राज्यों में सवैधानिक तंत्र की विफलता

4. आर्थिक संकट

नीचे दिए गए कूटों में से सही उत्तर का चयन कीजिए।

 

Correct Answer: (b) 1,3 और 4
Note:

अनुच्छेद 352-यदि राष्ट्रपति को इस बात का समाधान हो जाए कि गंभीर आपात स्थिति विद्यमान है, या होने के निकट है, जिसमें युद्ध, बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के कारण भारत या उसके किसी भाग में संकट पैदा हो सकता है, तो राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपात की उद्घोषणा कर सकते हैं। ध्यातव्य है कि मूल संविधान के अनु. 352 के 'आंतरिक अशांति' के स्थान पर 44वें संशोधन अधिनियम (1978) से 'सशस्त्र विद्रोह' प्रतिस्थापित किया गया है।

अनुच्छेद 355-संघ का यह कर्तव्य है कि बाह्य आक्रमण और आंतरिक अशांति से प्रत्येक राज्य की रक्षा करे और प्रत्येक राज्य की सरकार का संविधान के उपबंधों के आधार पर चलाया जाना सुनिश्चित करे।

अनुच्छेद 356-यदि राष्ट्रपति का, किसी राज्य के राज्यपाल से प्रतिवेदन मिलने पर या अन्यथा, यह समाधान हो जाता है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे उस राज्य का शासन इस संविधान के उपबंधों के अनुसार नहीं चलाया जा सकता, तो राष्ट्रपति इस अनुच्छेद का प्रयोग कर उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा सकते हैं। अनुच्छेद 360-यदि राष्ट्रपति को यह समाधान हो जाए कि ऐसी स्थिति पैदा हो गई है, जिससे भारत या उसके किसी भाग का वित्तीय स्थायित्व संकट में है, तो वह वित्तीय आपात की घोषणा कर सकता है।

 

9. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 के अनुसार 'राष्ट्रीय आपात' की घोषणा निम्नलिखित में से किन परिस्थितियों में की जा सकती है? [U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2002]

Correct Answer: (d) युद्ध, बाह्य आक्रमण अथवा सशस्त्र विद्रोह
Note:

अनुच्छेद 352-यदि राष्ट्रपति को इस बात का समाधान हो जाए कि गंभीर आपात स्थिति विद्यमान है, या होने के निकट है, जिसमें युद्ध, बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के कारण भारत या उसके किसी भाग में संकट पैदा हो सकता है, तो राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपात की उद्घोषणा कर सकते हैं। ध्यातव्य है कि मूल संविधान के अनु. 352 के 'आंतरिक अशांति' के स्थान पर 44वें संशोधन अधिनियम (1978) से 'सशस्त्र विद्रोह' प्रतिस्थापित किया गया है।

अनुच्छेद 355-संघ का यह कर्तव्य है कि बाह्य आक्रमण और आंतरिक अशांति से प्रत्येक राज्य की रक्षा करे और प्रत्येक राज्य की सरकार का संविधान के उपबंधों के आधार पर चलाया जाना सुनिश्चित करे।

अनुच्छेद 356-यदि राष्ट्रपति का, किसी राज्य के राज्यपाल से प्रतिवेदन मिलने पर या अन्यथा, यह समाधान हो जाता है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे उस राज्य का शासन इस संविधान के उपबंधों के अनुसार नहीं चलाया जा सकता, तो राष्ट्रपति इस अनुच्छेद का प्रयोग कर उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा सकते हैं। अनुच्छेद 360-यदि राष्ट्रपति को यह समाधान हो जाए कि ऐसी स्थिति पैदा हो गई है, जिससे भारत या उसके किसी भाग का वित्तीय स्थायित्व संकट में है, तो वह वित्तीय आपात की घोषणा कर सकता है।

 

10. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 के अंतर्गत आपातकाल की घोषणा तभी की जा सकती है, जब भारत के किसी भाग की सुरक्षा को निम्नलिखित खतरा हो : [U.P.P.C.S. (Mains) 2017]

1. युद्ध के कारण 2. विदेशी आक्रमण के कारण 3. सशस्त्र विद्रोह के कारण 4. आंतरिक उपद्रव के कारण नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए -

 

Correct Answer: (c) 1, 2, तथा 3
Note:

अनुच्छेद 352-यदि राष्ट्रपति को इस बात का समाधान हो जाए कि गंभीर आपात स्थिति विद्यमान है, या होने के निकट है, जिसमें युद्ध, बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के कारण भारत या उसके किसी भाग में संकट पैदा हो सकता है, तो राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपात की उद्घोषणा कर सकते हैं। ध्यातव्य है कि मूल संविधान के अनु. 352 के 'आंतरिक अशांति' के स्थान पर 44वें संशोधन अधिनियम (1978) से 'सशस्त्र विद्रोह' प्रतिस्थापित किया गया है।

अनुच्छेद 355-संघ का यह कर्तव्य है कि बाह्य आक्रमण और आंतरिक अशांति से प्रत्येक राज्य की रक्षा करे और प्रत्येक राज्य की सरकार का संविधान के उपबंधों के आधार पर चलाया जाना सुनिश्चित करे।

अनुच्छेद 356-यदि राष्ट्रपति का, किसी राज्य के राज्यपाल से प्रतिवेदन मिलने पर या अन्यथा, यह समाधान हो जाता है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे उस राज्य का शासन इस संविधान के उपबंधों के अनुसार नहीं चलाया जा सकता, तो राष्ट्रपति इस अनुच्छेद का प्रयोग कर उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा सकते हैं। अनुच्छेद 360-यदि राष्ट्रपति को यह समाधान हो जाए कि ऐसी स्थिति पैदा हो गई है, जिससे भारत या उसके किसी भाग का वित्तीय स्थायित्व संकट में है, तो वह वित्तीय आपात की घोषणा कर सकता है।