1. कुछ जाति के कीटों और बरुथियों के प्रचुरोद्भवन को नियंत्रित करने के लिए नीम के तेल का प्रयोग कीटनाशक के रूप में किया जा सकता है।
2. नीम के बीजों का प्रयोग जैव-ईंधन और अस्पताल अपमार्जकों का निर्माण करने में होता है।
3. नीम के तेल का अनुप्रयोग ओषधि उद्योग में होता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct Answer: (d) 1,2 और 3
Solution:नीम में 'एजाडिरैक्टीन' (Azadirachtin) नामक रसायन पाया जाता है। इस रसायन में कीटनाशक एवं कवकनाशक गुण होता है। फसल सुरक्षा के दृष्टिकोण से कीटों में वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए नीम का प्रयोग किया जाता है। नीम के कारण हानिकारक कीटों में प्रजनन क्षमता अवरुद्ध हो जाती है। नीम के प्रभाव से कीटों के लार्वा एवं वयस्क प्रतिकर्षित होकर भाग जाते हैं। नीम के प्रभाव से ही वयस्क कीट बंध्य यानी नपुंसक हो जाते हैं। अतः उनमें वंशवृद्धि की क्षमता में कमी आ जाती है। नीम के विभिन्न भागों से चर्म रोग, परजीवी रोग, गर्भ निरोधक, मलेरिया, चेचक, दमा आदि की दवा तथा सर्प, बिच्छू आदि के विषैले प्रभाव को कम करने की दवा भी बनाई जाती है। प्रमुख वनस्पति प्रजातियां जिनसे बायो-डीजल का उत्पादन किया जाता है, वे हैं-जैट्रोफा, करंजा, नागचंपा, नीम आदि।