उत्सर्जन तंत्र (जीव विज्ञान)

Total Questions: 54

31. कृत्रिम वृक्क के उपयोग से नाइट्रोजनयुक्त अपशिष्ट को हटाने की प्रक्रिया ____ कहलाती है। [RRC Group D 27/09/2022 (Afternoon)]

Correct Answer: (b) हीमोडायलिसिस (haemodialysis)
Solution:हीमोडायलिसिस । राइनीप्लास्टी नाक पर की जाने वाली सर्जरी। प्रत्यारोपणः अंगों को एक शरीर से दूसरे शरीर में स्थानांतरित करना। एंजियोग्राफीः रक्त वाहिकाओं की जांच के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक प्रकार का एक्स-रे। चीतोप्लास्टी- लिप सर्जरी।

32. एक सामान्य वयस्क मनुष्य प्रतिदिmL मूत्र उत्पत्र करता है। [RRC Group D 28/09/2022 (Morning)]

Correct Answer: (d) 1000-2000
Solution:1000-20001 मूत्र हल्के पीले रंग का, घोड़ा अम्लीय, जल (95%), पूरिया (2.5%). और अन्य अपशिष्ट (2.5%) का संघटन होता है।

33. निम्नांकित से कौन सी आकृति मानव उत्सर्जन तंत्र में मूत्रवाहिनी (नीली रेखाओं के रूप में दर्शाई गई है) और मूत्राशय की स्थिति दर्शाती है? [RRC Group D 28/09/2022 (Evening)]

Correct Answer: (b) आकृति 1
Solution:आकृति 1। मनुष्य का उत्सर्जन तंत्रः निम्रलिखित अंगों से मिलकर बनता है गुर्दे, मूत्रवाहिनी, मूत्राशय और एक मूत्रमार्ग। तीवर में अप्रयुक्त खाद्य प्रोटीन का अपघटन अपशिष्ट के रूप में पूरिया का निर्माण करता है। पही यूरिया रक्त में चला जाता है। गुर्दे का कार्य यूरिया को निकालने के लिए रक्त को छानना है। प्रत्येक वृक्क में हजारों छोटे फिल्टर होते हैं जिन्हें नेफ्रॉन कहा जाता है। गुर्दे में बचा तरल एक पीले रंग का तरत होता है जिसे मूत्र कहा जाता है जिसमे पूरिया, अन्य अपशिष्ट लवण और अतिरिक्त जल होता है। गुर्दे में बनने वाला मूत्र मूत्रवाहिनी नामक नतियों के माध्यम से मूत्राशय में चला जाता है। मूत्र मुत्राशय में जमा हो जाता है। मूत्राशय में एकत्रित मूत्र मूत्रमार्ग नामक ट्यूब के अंत में खुलने के माध्यम से नियमित अंतराल पर शरीर से बाहर निकल जाता है।

34. निम्नांकित चित्र में दाएं मानव वृक्क को दर्शाया गया है। मूत्रवाहिनी किस बिंदु पर वृक्क से बाहर निकलती है? [RRC Group D 29/09/2022 (Morning)]

Correct Answer: (b) बिंदु 2
Solution:बिंदु 2 (मूत्रवाहिनी) - मूत्रवाहिनी द्विपक्षीय पतली (3 से 4 मिमी) नलीदार संरचनाएं होती हैं जो वृक्क की मूत्राशय से जोड़ती हैं, वृक्का की श्रोणि से मूत्र को मूत्राशय में ले जाती हैं। श्रश्रेणि एक कीप के रूप में काम करता है, मूत्र की इकट्ठा करता है क्योंकि यह मूत्रवाहिनी में प्रवाहित होता है। दृक्क सेम के आकार के दो अंग हैं जो रक्त को छानती हैं। यह मूत्र प्रणाली का एक अंग है। पह रक्त के अम्त-क्षार संतुलन (pH संतुलन) को नियंत्रित करता है।

35. पादपों में स्तनधारियों की भांति वृक्क जैसा सुपरिभाषित उत्सर्जन तंत्र मौजूद क्यों नहीं होता है? [RRC Group D 29/09/2022 (Afternoon)]

Correct Answer: (a) वे अपने कायिक अंगों के माध्यम से उत्सर्जित करते हैं
Solution:वे अपने वानस्पतिक भागों द्वारा उत्सर्जन करते हैं। गैसीय अपशिष्ट, ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड, और जल वाष्प को पत्तियों के रंधों और तनों के माध्यम से हटा दिया जाता है और इसका कुछ हिस्सा पेड़ों की पत्तियों और छाल में होता है। जब पत्तियाँ और छाल झड़ जाती है, तो अपशिष्ट समाप्त हो जाते हैं। रैफाइड्स, टैनिन्, रेजिन, गोंद, रबर और आवश्यक तेल कुछ उत्सर्जी उत्पाद है।

36. कृत्रिम वृक्क (artificial kidney) द्वारा रक्त से यूरिया को किस प्रकार निकाला जाता है? [RRC Group D 30/09/2022 (Morning) (a) परासरण द्वारा]

Correct Answer: (a) परासरण द्वारा
Solution:परासरण द्वारा। यह एक अर्धपारगम्य झिल्ली के पार जल का शुद्ध संचलन है। हेमोडायलिसिस एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा कृत्रिम गुर्दे का उपयोग करके शरीर से अपशिष्ट पदाथों को निकाला जाता है। कचरे को हटाने के लिए अर्थ-पारगम्य झिल्ली से बने नलियों की एक श्रृंखला को डायलिसिस विलयन में रखा जाता है और शुद्ध रक्त शरीर में वापस पंप किया जाता है। डायलिसिस द्रव में यूरिया को छोड़कर प्लाज्मा के सभी घटक होते हैं। इस प्रकार यूरिया विसरण द्वारा रक्त से अलग हो जाता है। गुर्दा द्वारा स्रावित एंजाइम एक शारीरिक प्रणाली का हिस्सा है जो रक्तचाप को नियंत्रित करता है।

37. हीमोडायलिसिस (Hemodialysis) में कई अर्ध पारगम्य अस्तर युक्त नलिकाएं होती है. जो एक तरल पदार्थ से भरे टैंक में निलंबित होती हैं. इस तरल के बारे में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य है? [RRC Group D 30/09/2022 (Morning)]

Correct Answer: (c) इसका परासरण दाब रक्त के समान होता है. और नाइट्रोजनयुक्त अपशिष्ट से रहित होता है।
Solution:हेमोडायलिसिस एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा कृत्रिम गुर्दा का उपयोग करके शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को निकाला जाता है। कचरे को हटाने के लिए अर्ध-पारगम्य झिल्ली से बने नलियों की एक श्रृंखला को डायलिसिस विलयन में रखा जाता है और शुद्ध रक्त शरीर में वापस पंप किया जाता है। डायलिसिस द्रव में यूरिपा को छोड़कर प्लाज्मा के सभी घटक होते हैं। इस प्रकार यूरिया विसरण द्वारा रक्त से अलग हो जाता है।

38. निम्नलिखित में से कौन सा पशुजनित नाइट्रोजनी अपशिष्ट उत्त्पाद नहीं है? [RRC Group D 30/09/2022 (Evening)]

Correct Answer: (c) लैक्टिक अम्ल
Solution:लैक्टिक अम्ल। उत्सर्जनः वह प्रक्रिया जिसमें किसी जीव से उपापचयी अपशिष्टों का सफाया किया जाता है। मनुष्यों में, यह कार्य गुर्दे, फेफड़े और त्वचा के माध्यम से किया जाता है। जानवरों में मुख्य उत्सर्जी उत्पाद अमोनिया, कार्बन डाइऑक्साइड, यूरिया, यूरिक अम्ल, गुआनीन और क्रिएटिन हैं। पशुओं में उत्सर्जन के तरीके: अमोनोटेलिज्म (उत्सर्जन-अमोनिया का प्रकार), यूरेटेलिज्म (उत्सर्जन यूरिया का प्रकार), यूरिकोटेलिज्म (उत्सर्जन का प्रकार- यूरिक अम्ल), अमीनोटेलिज्म (उत्सर्जन का प्रकार अमीनो अम्ल ), गुआनोटेलिज्म (उत्सर्जन का प्रकार ग्वानिन)।

39. बोमेन संपुट (Bowman's capsule) ____ को ढके रहती है। [RRC Group D 06/10/2022 (Evening)]

Correct Answer: (a) केशिकागुच्छ (glomerulus)
Solution:केशिकागुच्छ (glomerulus)। जैसे ही रक्त प्रत्येक नेफ्रॉन में प्रवाहित होता है, यह छोटे रक्त वाहिकाओं के एक समूह में प्रवेश करता है ग्लोमेरुलस। ग्लोमेरुलस की पतली दीवारें छोटे अणुओं, अपशिष्टों और तरल पदार्थ ज्यादातर पानी-को नलिका में जाने देती हैं। बड़े अणु, जैसे प्रोटीन और रक्त कोशिकाएं रक्त वाहिका में रहते हैं। बोमन कैप्सूलः मानव गुर्दे में नेफ्रॉन का भाग है, जल के अणुओं और अन्य पदार्थों के छोटे अणुओं को इसकी पारगम्य दीवार से गुजरने की अनुमति देकर अति निस्पंदन का कार्य करता है, इस प्रकार यह केशिकागुच्छीय निस्पंदन बनाता है।

40. एक वयस्क मानव मूत्र में ____ होते हैं। [RRC Group D 06/10/2022 (Evening)]

Correct Answer: (d) 95% जल, 2.5% यूरिया और 2.5% अन्य अपशिष्ट उत्पाद
Solution:मानव शरीर में यूरीन का निर्माण मुख्य रूप से तीन चरणों में होता है: केशिकागुच्छीय निस्पंदन, पुनः अवशोषण और नलिकाकार साव। केशिकागुच्छीय निस्पंदन (Glomerular filtration): केशिकागुच्छ में होता है जहां रक्त फ़िल्टर किया जाता है; रक्त को इस तरह से फिल्टर किया जाता है कि प्रोटीन को छोड़कर, प्लाज्मा के सभी घटक बोमन के कैप्सूल तक पहुंच जाते हैं। इसलिए, इस प्रक्रिया को परानिस्पंदन के रूप में जाना जाता है। पुनः अवशोषण (Reabsorption): प्राप्त निस्पंद का लगभग 99 प्रतिशत वृक्क नलिकाओं द्वारा पुनः अवशोषित कर लिया जाता है। स्राव (Secretion): ट्यूबलर कोशिकाएं हाइड्रोजन आयनों, पोटेशियम आयनों आदि जैसे पदार्थों को सावित करती हैं, इस प्रक्रिया के माध्यम से, आयनिक, अम्ल-क्षार और शरीर के अन्य तरत पदार्थों का संतुलन बनाए रखा जाता है, सावित आयन निस्पंद के साथ मिलकर यूरीन का निर्माण करते हैं। यूरीन नेफ्रॉन नलिका से निकलकर एक संग्राहक वाहिनी में जाता है।