Solution:सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास अधिनियम, 2006 के तहत एमएसएमई (MSMEs) की परिभाषा निम्न है-(क) विनिर्माण उद्यम, अर्थात एमएसएमईडी अधिनियम, 2006 में दी गई परिभाषा के अधीन, नीचे विनिर्दिष्ट किए गए अनुसार, वस्तुओं के विनिर्माण या उत्पादन में लगे उद्यम
i. सूक्ष्म उद्यम एक ऐसा उद्यम है जिसका संयंत्र और मशीनों में निवेश 25 लाख रुपये से अधिक न हो;
ii. लघु उद्यम एक ऐसा उद्यम है जिसका संयंत्र और मशीनों में निवेश 25 लाख रुपये से अधिक हो परंतु 5 करोड़ रुपये से अधिक न हो; तथा
iii. मध्यम उद्यम एक ऐसा उद्यम है जिसका संयंत्र और मशीनों में निवेश 5 करोड़ रुपये से अधिक हो, परंतु 10 करोड़ रुपये से अधिक न हो।
(ख) सेवा उद्यम अर्थात सेवाएं उपलब्ध कराने अथवा प्रदान करने में लगे उद्यम एवं जिनका उपकरणों में निवेश (भूमि और भवन तथा फर्नीचर, फिटिंग्स और ऐसी अन्य मदों की, जो प्रदान की जाने वाली सेवाओं से प्रत्यक्ष रूप से संबंधित नहीं हैं या एमएसएमईडी अधिनियम, 2006 में यथा अधिसूचित मदों को छोड़कर मूल लागत) निम्न हैं-
i. सूक्ष्म उद्यम वह उद्यम है जिसका उपकरणों में निवेश 10 लाख रुपये से अधिक न हो;
ii. लघु उद्यम वह उद्यम है जिसका उपकरणों में निवेश 10 लाख रुपये से अधिक हो, परंतु 2 करोड़ रुपये से अधिक न हो; और
iii. मध्यम उद्यम वह उद्यम है, जिसका उपकरणों में निवेश 2 करोड़ रुपये से अधिक हो, परंतु 5 करोड़ रुपये से अधिक न हो।
प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र के अंतर्गत श्रेणियां निम्नानुसार हैं-
i. कृषि
ii. माइक्रो (सूक्ष्म), लघु और मध्यम उद्यम
iii. निर्यात ऋण
iv. शिक्षा
V. आवास
vi. सामाजिक बुनियादी संरचना
vii. नवीकरणीय ऊर्जा
viii. अन्य
भारत सरकार के 26 जून, 2020 के राजपत्र अधिसूचना एस.ओ. 2119(ई) के अनुसार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की परिभाषा इस प्रकार है-
i. सूक्ष्म उद्यम एक ऐसा उद्यम है जहां संयंत्र और मशीनरी या उपस्कर में विनिधान 1 करोड़ रुपये से अधिक नहीं है और आवर्तन 5 करोड़ रुपये से अधिक नहीं है;
ii. लघु उद्यम एक ऐसा उद्यम है जहां संयंत्र और मशीनरी या उपस्कर में विनिधान 10 करोड़ रुपये से अधिक नहीं है और आवर्तन 50 करोड़ रुपये से अधिक नहीं है; और
iii. मध्यम उद्यम एक ऐसा उद्यम है जहां संयंत्र और मशीनरी या उपस्कर में विनिधान 50 करोड़ रुपये से अधिक नहीं है और आवर्तन 250 करोड़ रुपये से अधिक नहीं है।