उद्योग क्षेत्र (भाग-2)(आर्थिक विकास)

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21. माइक्रो, लघु और मध्यम उद्यम विकास अधिनियम, 2006 के अनुसार, निम्नलिखित में से कौन-सी एक निर्माणी क्षेत्र के मध्यम उद्योगों हेतु निर्धारित निवेश की सीमा है? [56th to 59th B. P. S.C. (Pre) 2015]

Correct Answer: (c) 5 करोड़ रुपये से अधिक और 10 करोड़ रुपये से कम
Solution:वर्ष 1991 की उद्योग नीति में, 1985 की नीति में तय लघु इकाइयों की निवेश सीमा को 35 लाख रु. से बढ़ाकर 60 लाख रु. तथा सहायक उद्योग में निवेश की सीमा को 45 लाख रु. से बढ़ाकर 75 लाख रु. कर दिया गया था। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) अधिनियम, 2006 (प्रभावी तिथि-अक्टूबर, 2006) के तहत सूक्ष्म (Micro), लघु (Small) एवं मध्यम (Medium) उद्यमों के लिए निवेश सीमा दो वर्गों- (A) विनिर्माण उद्यम तथा (B) सेवा उद्यम में बांटकर निर्धारित किया गया है। वर्ष 2006 के बाद संयंत्र तथा मशीनरी के लिए निवेश सीमा निम्नवत है-
क्षेत्रसूक्ष्म उद्यमलघु उद्यममध्यम उद्यम
विनिर्माण क्षेत्र25 लाख रु. से अधिक नहीं25 लाख रु. से अधिक लेकिन 5 करोड़ रु. से अधिक नहीं5 करोड़ रु. से अधिक लेकिन 10 करोड़ रु. से अधिक नहीं
सेवा क्षेत्र10 लाख रु. से अधिक नहीं10 लाख रु. से अधिक लेकिन 2 करोड़ रु. से अधिक नहीं2 करोड़ रु. से अधिक लेकिन 5 करोड़ रु. से अधिक नहीं

1 जून, 2020 को सूक्ष्म विनिर्माण और सेवा इकाई (Micro) की ऊपरी सीमा को बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये का निवेश तथा 5 करोड़ रुपये का टर्न ओवर किया गया है। छोटी इकाई (Small) की ऊपरी सीमा को बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये का निवेश तथा 50 करोड़ रुपये का टर्नओवर किया गया है। इसी तरह मध्यम इकाई की सीमा को बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये का निवेश और 250 करोड़ रुपये का टर्न ओवर कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि यह संशोधन एमएसएमई (MSMEs) विकास अधिनियम के 2006 में लागू होने के 14 वर्षों के बाद किया गया है, जो 1 जुलाई, 2020 से प्रभावी है।

निवेश एवं वार्षिक टर्न ओवर

विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र

संयंत्र एवं मशीनरी अथवा उपस्कर

श्रेणी

पुराना निवेश (विनिर्माण)

पुराना निवेश 

  (सेवा)

  नया निवेश

नया टर्नओवर

सूक्ष्म

25 लाख रु. से अधिक नहीं

10 लाख रु. से अधिक नहीं

1 करोड़

रु. तक

5 करोड़

रु. तक

लघु

25 लाख रु. से अधिक लेकिन 5 करोड़ रु. से अधिक नहीं

10 लाख रु. से अधिक लेकिन 2 करोड़ रु. से अधिक नहीं

    10 करोड़

     रु. तक

  50 करोड़ 

    रु. तक

मध्यम

5 करोड़ रु. से अधिक लेकिन 10 करोड़ रु. से अधिक नहीं

2 करोड़ रु. से अधिक लेकिन 5 करोड़ रु. से अधिक नहीं

  50 करोड़ 

   रु. तक

    250 करोड़ 

     रु. तक

22. निम्न में से कौन-सा भारत में सूक्ष्म-उद्यम को आंशिक रूप से परिभाषित करता है? [67th B.P.S.C. (Pre) (Re. Exam) 2022]

Correct Answer: (a) संयंत्र और मशीनरी या उपकरणों में रु. 1 करोड़ से अधिक निवेश नहीं
Solution:वर्ष 2006 में एम.एस.एम.ई. (MSME) विकास अधिनियम के अस्तित्व में आने के 14 वर्षों बाद 13 मई, 2020 को आत्मनिर्भर भारत पैकेज में MSME की परिभाषा में संशोधन किए जाने की घोषणा की गई थी। नई परिभाषा के अनुसार, सूक्ष्म उद्यम वह है जिसमें संयंत्र और मशीनरी या उपकरणों में 1 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश नहीं होता है तथा उसका वार्षिक कारोबार 5 करोड़ रुपये से अधिक का नहीं होता है।

संयंत्र एवं मशीनरी अथवा उपस्कर

श्रेणीनिवेशवार्षिक कारोबार
सूक्ष्म उद्यम1 करोड़ रुपये तक5 करोड़ रुपये तक
लघु उद्यम10 करोड़ रुपये तक50 करोड़ रुपये तक
मध्यम उद्यम50 करोड़ रुपये तक250 करोड़ रुपये तक

23. वर्ष 2006 में पारित अधिनियम के अनुसार, सूक्ष्म उपक्रमों के लिए निवेश की सीमा है- [U.P.P.C.S. (Mains) 2011]

Correct Answer: (d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
Solution:वर्ष 2006 में पारित सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रम विकास अधिनियम में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों को दो वर्गों-विनिर्माण उपक्रम एवं सेवा उपक्रम में बांटकर निवेश की अलग-अलग सीमा को निर्धारित किया गया है, जिसके अनुसार, सूक्ष्म विनिर्माण उपक्रमों में निवेश की अधिकतम सीमा 25 लाख रुपये तथा सूक्ष्म सेवा क्षेत्र के उपक्रमों में निवेश की अधिकतम सीमा 10 लाख रुपये तक निर्धारित है। चूंकि प्रश्न में सूक्ष्म उपक्रम को विनिर्माण अथवा सेवा उपक्रम के संदर्भ को नहीं दिया गया है। अतः सूक्ष्म सेवा उपक्रम में निवेश सीमा को दृष्टि में रखते हुए विकल्प (a) को सही माना जा सकता है।

24. भारत के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः [I.A.S. (Pre) 2023]

1. 'सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास (एम.एस.एम.ई.डी.) अधिनियम, 2006' के अनुसार, 'जिनके संयंत्र और मशीनरी में निवेश 15 करोड़ रुपये से 25 करोड़ रुपये के बीच हैं, वे मध्यम उद्यम हैं'।

2. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को दिए गए सभी बैंक ऋण प्राथमिकता क्षेत्रक के अधीन अर्ह हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है / हैं?

Correct Answer: (b) केवल 2
Solution:सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास अधिनियम, 2006 के तहत एमएसएमई (MSMEs) की परिभाषा निम्न है-

(क) विनिर्माण उद्यम, अर्थात एमएसएमईडी अधिनियम, 2006 में दी गई परिभाषा के अधीन, नीचे विनिर्दिष्ट किए गए अनुसार, वस्तुओं के विनिर्माण या उत्पादन में लगे उद्यम

i. सूक्ष्म उद्यम एक ऐसा उद्यम है जिसका संयंत्र और मशीनों में निवेश 25 लाख रुपये से अधिक न हो;

ii. लघु उद्यम एक ऐसा उद्यम है जिसका संयंत्र और मशीनों में निवेश 25 लाख रुपये से अधिक हो परंतु 5 करोड़ रुपये से अधिक न हो; तथा

iii. मध्यम उद्यम एक ऐसा उद्यम है जिसका संयंत्र और मशीनों में निवेश 5 करोड़ रुपये से अधिक हो, परंतु 10 करोड़ रुपये से अधिक न हो।

(ख) सेवा उद्यम अर्थात सेवाएं उपलब्ध कराने अथवा प्रदान करने में लगे उद्यम एवं जिनका उपकरणों में निवेश (भूमि और भवन तथा फर्नीचर, फिटिंग्स और ऐसी अन्य मदों की, जो प्रदान की जाने वाली सेवाओं से प्रत्यक्ष रूप से संबंधित नहीं हैं या एमएसएमईडी अधिनियम, 2006 में यथा अधिसूचित मदों को छोड़कर मूल लागत) निम्न हैं-

i. सूक्ष्म उद्यम वह उद्यम है जिसका उपकरणों में निवेश 10 लाख रुपये से अधिक न हो;

ii. लघु उद्यम वह उद्यम है जिसका उपकरणों में निवेश 10 लाख रुपये से अधिक हो, परंतु 2 करोड़ रुपये से अधिक न हो; और

iii. मध्यम उद्यम वह उद्यम है, जिसका उपकरणों में निवेश 2 करोड़ रुपये से अधिक हो, परंतु 5 करोड़ रुपये से अधिक न हो।

प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र के अंतर्गत श्रेणियां निम्नानुसार हैं-

i. कृषि

ii. माइक्रो (सूक्ष्म), लघु और मध्यम उद्यम

iii. निर्यात ऋण

iv. शिक्षा

V. आवास

vi. सामाजिक बुनियादी संरचना

vii. नवीकरणीय ऊर्जा

viii. अन्य

भारत सरकार के 26 जून, 2020 के राजपत्र अधिसूचना एस.ओ. 2119(ई) के अनुसार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की परिभाषा इस प्रकार है-

i. सूक्ष्म उद्यम एक ऐसा उद्यम है जहां संयंत्र और मशीनरी या उपस्कर में विनिधान 1 करोड़ रुपये से अधिक नहीं है और आवर्तन 5 करोड़ रुपये से अधिक नहीं है;

ii. लघु उद्यम एक ऐसा उद्यम है जहां संयंत्र और मशीनरी या उपस्कर में विनिधान 10 करोड़ रुपये से अधिक नहीं है और आवर्तन 50 करोड़ रुपये से अधिक नहीं है; और

iii. मध्यम उद्यम एक ऐसा उद्यम है जहां संयंत्र और मशीनरी या उपस्कर में विनिधान 50 करोड़ रुपये से अधिक नहीं है और आवर्तन 250 करोड़ रुपये से अधिक नहीं है।

25. निम्नलिखित में से किस राज्य में 31 मार्च, 2011 को पंजीकृत कारखानों की संख्या सर्वाधिक थी? [U.P.P.C.S. (Mains) 2011*]

Correct Answer: (d) तमिलनाडु
Solution:प्रश्नकाल में विकल्प (d) सही उत्तर था। Annual Survey of Industries 2021-22 के अनुसार, देश में कुल कारखानों में हिस्सेदारी (% में) के संदर्भ में शीर्ष 5 राज्यों का क्रम निम्न है तमिलनाडु (15.81%), गुजरात (11.91%), महाराष्ट्र (10.54%), उत्तर प्रदेश (6.99%) तथा आंध्र प्रदेश (6.77%)।

26. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए। अधिकांश मामलों में लघु उद्योग, वृहद उद्योगों जितने दक्ष और प्रतियोगी नहीं हैं। फिर भी सरकार छोटे व्यवसाय/प्रतिष्ठानों के प्रति तरजीही व्यवहार करती है और इनके अनेक प्रकार के उत्पादों के लिए आरक्षण प्रदान करती है, क्योंकि लघु उद्योग- [I.A.S. (Pre) 1999]

1. प्रति इकाई पूंजी परिनियोजन के आधार पर अपेक्षाकृत अधिक रोजगार प्रदान करते हैं।

2. उद्योगों और आर्थिक गतिविधियों के क्षेत्रीय आधार पर फैलने को बढ़ावा देते हैं।

3. विनिर्मित उत्पादों के निर्यात में वृहद उद्योगों की अपेक्षा बेहतर निष्पादन करते रहे हैं।

4. अल्प कुशल कर्मियों को, जो अन्यथा अन्यत्र रोजगार के अवसर प्राप्त नहीं कर सकते, काम प्रदान करते हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-कौन से सही हैं?

Correct Answer: (b) 1 और 2
Solution:'वृहद स्तर के उद्योग' जहां पूंजी एवं तकनीक गहन होते हैं, वहीं लघु उद्योग श्रम-गहन (Labour Intensive) होते हैं। इसलिए वृहद स्तर के उद्योगों की तुलना में लघु स्तर के उद्योग अधिक रोजगार सृजन करते हैं। प्रति इकाई पूंजी निवेश के संदर्भ में भी लघु उद्योगों में अपेक्षतया अधिक रोजगार सृजन होता है। साथ ही ये उद्योगों और आर्थिक गतिविधियों के क्षेत्रीय आधार पर विस्तार करने में बढ़ावा भी देते हैं।

27. भारत जैसे विकासशील देश के लिए लघुस्तरीय व कुटीर उद्योगों को मुख्यतः इसलिए प्रोत्साहित करना चाहिए, क्योंकि वे - [U.P.P.C.S. (Mains) 2004]

Correct Answer: (b) अधिक रोज़गार के अवसर उत्पन्न करते हैं।
Solution:लघुस्तरीय व कुटीर उद्योगों का महत्व इस बात में है कि ये प्रति इकाई पूंजी निवेश पर अधिक रोजगार उत्पन्न करने वाले क्षेत्र हैं, क्योंकि लघु स्तरीय एवं कुटीर उद्योग श्रम-गहन होते हैं। भारत जैसे विकासशील देश जहां श्रमाधिशेष है, ये महत्वपूर्ण उद्योग हैं।

28. लघु एवं कुटीर उद्योग इसलिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि - [R.A.S./R.T.S. (Pre) 1999]

Correct Answer: (a) वे बहुतों को रोजगार प्रदान करते हैं
Solution:वर्ष 2001-02 में की गई लघु स्तर उद्योग की तीसरी गणना के अनुसार, लघु उद्योग क्षेत्र में वर्ष 1998-99 में जहां 220.55 लाख लोगों को रोजगार प्राप्त था, वहीं वर्ष 2009-10 की चौथी अखिल भारतीय संगणना के परिणामों के अनुसार, यह संख्या बढ़कर 659 लाख पहुंच गई। अतः स्पष्ट है कि लघु एवं कुटीर उद्योग इसलिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वे बहुतों को रोजगार प्रदान करते हैं। उल्लेखनीय है कि MSME की वार्षिक रिपोर्ट, 2022-23 के अनुसार, वर्ष 2015-16 (NSS के 73वें दौर द्वारा आयोजित सर्वेक्षण) की अवधि में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों में 11.10 करोड़ लोगों को रोजगार प्राप्त था, जिसमें से 360.41 लाख लोग विनिर्माण क्षेत्र में, 387.18 लाख लोग व्यापार में तथा लगभग 362.22 लाख लोग अन्य सेवाओं में लगे हुए हैं।

एम.एस.एम.ई. क्षेत्र में अनुमानित रोजगार (गतिविधि के संदर्भ में) -

व्यापक गतिविधि               श्रेणी

रोजगार लाख में

हिस्सा (%)

 

ग्रामीण

शहरी

कुल

विनिर्माण

186.56

173.86

360.41

32

विद्युत 

0.06

0.02

0.07

0

व्यापार

160.64

226.54

387.18

35

अन्य सेवायें

150.53

211.69

362.22

33

समग्र

497.78

612.10

1109.89

100

नॉन-कैप्टिव विद्युत उत्पादन एवं ट्रांसमिशन

29. भारत में सबसे महत्वपूर्ण लघु-स्तर उद्योग है- [R.A.S./R.T.S. (Pre) 1994]

Correct Answer: (c) हथकरघा उद्योग
Solution:भारत में सबसे महत्वपूर्ण लघु स्तर उद्योग हथकरघा उद्योग है, जिसके अंतर्गत मलमल, छींट, दरी, खादी आदि उद्यम सम्मिलित हैं। हथकरघा उद्योग असंगठित क्षेत्र के तहत आता है। चौथी हैण्डलूम जनगणना, 2019-20 के अनुसार, हथकरघा में कुल 35.23 लाख लोग रोजगार में लगे हैं, जिसमें 30.54 लाख ग्रामीण क्षेत्र में तथा 4.69 लाख शहरी क्षेत्र में हैं।

30. रोजगार की दृष्टि से उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा उद्योग है- [U.P. P.C.S.(Spl.) (Pre) 2008]

Correct Answer: (b) हथकरघा
Solution:प्रश्नकाल तथा वर्तमान में भी रोजगार की दृष्टि से उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा उद्योग हथकरघा उद्योग है।