ऊष्मा एवं ऊष्मा गतिकी भाग-II

Total Questions: 41

21. प्रेशर कुकर में खाना शीघ्रतापूर्वक बन जाता है, क्योंकि- [U.P.Lower Sub.(Pre) 2002]

Correct Answer: (a) बढ़ा हुआ दाब क्वथनांक को बढ़ा देता है।
Solution:कमरे के सामान्य तापक्रम एवं वायुदाब में पानी 100° सेल्सियस पर उबलता है, इसे 5 मिनट तक उबालें या 25 मिनट तक। वायुदाब पानी के उबलने के बिंदु को प्रभावित करता है। वायुदाब के परिवर्तित होने पर उबाल बिंदु (क्वथनांक) तथा ऊष्मा की मात्रा परिवर्तित होती है। अधिक वायुदाब होने पर उबाल बिंदु तथा ऊष्मा की मात्रा बढ़ेगी, जबकि निम्न वायुदाब की दशा में उबाल बिंदु तथा ऊष्मा की मात्रा घटेगी। प्रेशर कुकर में वायुदाब सामान्य कमरे के वायुदाब से लगभग दो गुना होता है। इसी कारण इसमें पानी लगभग 120°C पर उबलता है। फलतः इसमें अधिक ऊष्मा होती है। यही कारण है कि प्रेशर कुकर में खाना जल्दी पकता है। पहाड़ों पर कम वायुदाब के कारण सामान्य वातावरण में पानी थोड़े कम तापमान पर उबलता है और इसमें ऊष्मा कम होती है। इसीलिए पहाड़ों पर प्रेशर कुकर का प्रयोग अत्यधिक लाभदायक होता है।

22. प्रेशर कुकर में खाना जल्दी पकता है, क्योंकि- [Uttarakhand Lower Sub. (Pre) 2010]

Correct Answer: (c) अधिक दाब के कारण पानी का क्वथनांक बढ़ जाता है।
Solution:कमरे के सामान्य तापक्रम एवं वायुदाब में पानी 100° सेल्सियस पर उबलता है, इसे 5 मिनट तक उबालें या 25 मिनट तक। वायुदाब पानी के उबलने के बिंदु को प्रभावित करता है। वायुदाब के परिवर्तित होने पर उबाल बिंदु (क्वथनांक) तथा ऊष्मा की मात्रा परिवर्तित होती है। अधिक वायुदाब होने पर उबाल बिंदु तथा ऊष्मा की मात्रा बढ़ेगी, जबकि निम्न वायुदाब की दशा में उबाल बिंदु तथा ऊष्मा की मात्रा घटेगी। प्रेशर कुकर में वायुदाब सामान्य कमरे के वायुदाब से लगभग दो गुना होता है। इसी कारण इसमें पानी लगभग 120°C पर उबलता है। फलतः इसमें अधिक ऊष्मा होती है। यही कारण है कि प्रेशर कुकर में खाना जल्दी पकता है। पहाड़ों पर कम वायुदाब के कारण सामान्य वातावरण में पानी थोड़े कम तापमान पर उबलता है और इसमें ऊष्मा कम होती है। इसीलिए पहाड़ों पर प्रेशर कुकर का प्रयोग अत्यधिक लाभदायक होता है।

23. प्रेशर कुकर में भोजन कम समय में तैयार हो जाता है, क्योंकि- [U.P.P.C.S. (Pre) 2015]

Correct Answer: (a) जल का क्वथनांक बढ़ जाता है।
Solution:कमरे के सामान्य तापक्रम एवं वायुदाब में पानी 100° सेल्सियस पर उबलता है, इसे 5 मिनट तक उबालें या 25 मिनट तक। वायुदाब पानी के उबलने के बिंदु को प्रभावित करता है। वायुदाब के परिवर्तित होने पर उबाल बिंदु (क्वथनांक) तथा ऊष्मा की मात्रा परिवर्तित होती है। अधिक वायुदाब होने पर उबाल बिंदु तथा ऊष्मा की मात्रा बढ़ेगी, जबकि निम्न वायुदाब की दशा में उबाल बिंदु तथा ऊष्मा की मात्रा घटेगी। प्रेशर कुकर में वायुदाब सामान्य कमरे के वायुदाब से लगभग दो गुना होता है। इसी कारण इसमें पानी लगभग 120°C पर उबलता है। फलतः इसमें अधिक ऊष्मा होती है। यही कारण है कि प्रेशर कुकर में खाना जल्दी पकता है। पहाड़ों पर कम वायुदाब के कारण सामान्य वातावरण में पानी थोड़े कम तापमान पर उबलता है और इसमें ऊष्मा कम होती है। इसीलिए पहाड़ों पर प्रेशर कुकर का प्रयोग अत्यधिक लाभदायक होता है।

24. नीचे एक एसर्शन (कथन) दिया गया है, जिसके बाद उसका कारण दिया गया है- [Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2012]

कथन (A): प्रेशर कुकर में एबोनाइट का हत्या (हैंडिल) लगा होता है।

कारण (R) : एबोनाइट मज़बूत होता है।

निम्नलिखित में से कौन-सा सही उत्तर है ?

Correct Answer: (b) (A) व (R) दोनों सत्य हैं, किंतु (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
Solution:खाना बनाने के बर्तनों जैसे प्रेशर कुकर आदि में लकड़ी या एबोनाइट के हैंडिल लगाए जाते हैं क्योंकि लकड़ी या एबोनाइट ऊष्मा के कुचालक होते हैं। एबोनाइट मजबूत पदार्थ होता है।

25. किसी प्रेशर कुकर में, जिस तापमान पर खाद्य पकाए जाते हैं, वह मुख्यतः निम्नलिखित में से किन पर निर्भर करता है? [I.A.S. (Pre) 2021]

1. ढक्कन में स्थित छिद्र का क्षेत्रफल

2. ज्वाला का तापमान

3. ढक्कन का भार

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।

Correct Answer: (c) केवल 1 और 3
Solution:

प्रेशर कुकर के अंदर का तापमान (जिस पर खाना पकता है) सीधे अंदर बनने वाले दबाव पर निर्भर करता है। अंदर का दबाव निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करता है:

ढक्कन में स्थित छिद्र का क्षेत्रफल: प्रेशर कुकर में एक छोटा छिद्र होता है जिससे अतिरिक्त भाप निकलती है। इस छिद्र का क्षेत्रफल और उस पर रखी सीटी/वजन का डिजाइन नियंत्रित करता है कि अंदर कितना दबाव बन सकता है। एक छोटे छिद्र का क्षेत्रफल या अधिक प्रतिरोध (जैसे भारी सीटी) अधिक दबाव बनाएगा।

ढक्कन का भार (या अधिक सटीक रूप से, प्रेशर रेगुलेटर का भार): प्रेशर कुकर के ढक्कन पर एक प्रेशर रेगुलेटर (सीटी) लगा होता है। इस रेगुलेटर का भार ही यह निर्धारित करता है कि अंदर कितना दबाव बनेगा। जब अंदर का दबाव रेगुलेटर के भार को उठाने के लिए पर्याप्त हो जाता है, तो भाप बाहर निकल जाती है, जिससे अंदर का दबाव एक निश्चित स्तर पर बना रहता है। रेगुलेटर का भार जितना अधिक होगा, अंदर का दबाव उतना ही अधिक होगा, और परिणामस्वरूप, खाना पकाने का तापमान भी उतना ही अधिक होगा।

इसलिए, खाना पकाने का तापमान मुख्य रूप से ढक्कन में छिद्र के क्षेत्रफल और रेगुलेटर के भार पर निर्भर करता है, जो अंदर के दबाव को नियंत्रित करते हैं।

26. प्रेशर कुकर के अंदर का उच्चतम ताप निर्भर करेगा- [U.P. P.C.S. (Pre) 1995]

Correct Answer: (a) ऊपर के छेद का क्षेत्रफल व उस पर रखा गया वजन पर
Solution:

प्रेशर कुकर के अंदर का तापमान (जिस पर खाना पकता है) सीधे अंदर बनने वाले दबाव पर निर्भर करता है। अंदर का दबाव निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करता है:

ढक्कन में स्थित छिद्र का क्षेत्रफल: प्रेशर कुकर में एक छोटा छिद्र होता है जिससे अतिरिक्त भाप निकलती है। इस छिद्र का क्षेत्रफल और उस पर रखी सीटी/वजन का डिजाइन नियंत्रित करता है कि अंदर कितना दबाव बन सकता है। एक छोटे छिद्र का क्षेत्रफल या अधिक प्रतिरोध (जैसे भारी सीटी) अधिक दबाव बनाएगा।

ढक्कन का भार (या अधिक सटीक रूप से, प्रेशर रेगुलेटर का भार): प्रेशर कुकर के ढक्कन पर एक प्रेशर रेगुलेटर (सीटी) लगा होता है। इस रेगुलेटर का भार ही यह निर्धारित करता है कि अंदर कितना दबाव बनेगा। जब अंदर का दबाव रेगुलेटर के भार को उठाने के लिए पर्याप्त हो जाता है, तो भाप बाहर निकल जाती है, जिससे अंदर का दबाव एक निश्चित स्तर पर बना रहता है। रेगुलेटर का भार जितना अधिक होगा, अंदर का दबाव उतना ही अधिक होगा, और परिणामस्वरूप, खाना पकाने का तापमान भी उतना ही अधिक होगा।

इसलिए, खाना पकाने का तापमान मुख्य रूप से ढक्कन में छिद्र के क्षेत्रफल और रेगुलेटर के भार पर निर्भर करता है, जो अंदर के दबाव को नियंत्रित करते हैं।

27. जब पानी को 0°C से 10°C तक गर्म किया जाता है, इसका आयतन - [I.A.S. (Pre) 2001]

Correct Answer: (d) पहले घटता है, और तब बढ़ता है।
Solution:अधिकांशतः द्रवों को गर्म करने पर उनके आयतन में वृद्धि परंतु घनत्व में कमी होती है। लेकिन पानी का व्यवहार 0°C से 4°C तक के बीच ठीक उल्टा होता है। यदि किसी पात्र में पानी को लेकर गर्म किया जाए, तो 0°C से 4°C तक आयतन घटता है एवं घनत्व बढ़ता है। 4°C के आगे गर्म करने पर इसका व्यवहार सामान्य द्रवों की भांति होता है अर्थात तब इसका आयतन बढ़ता और घनत्व घटता है। अतः पानी को O°C से 10°C तक गर्म करने पर इसका आयतन पहले घटता है। (4°C तक) तथा फिर बढ़ता है।

28. जब किसी बोतल में पानी भरा जाता है और उसे जमने दिया जाता है, तो बोतल टूट जाती है, क्योंकि- [U.P. P.C.S. (Pre) 1995]

Correct Answer: (a) पानी जमने पर फैलता है।
Solution:जब किसी बोतल में पानी भरा जाता है, तो उसमें बर्फ के जमने पर बोतल टूट जाती है। 0°C पर जब पानी बर्फ के रूप में परिवर्तित होता है या जमता है, तो उसका आयतन बढ़ जाता है। इसलिए आंतरिक दबाव सीमा के अधिक होने पर बोतल टूट जाती है।

29. पानी से भरी डाट लगी बोतल जमने पर टूट जाएगी, क्योंकि- [I.A.S. (Pre) 1994]

Correct Answer: (c) जमने पर जल का आयतन बढ़ जाता है।
Solution:जब किसी बोतल में पानी भरा जाता है, तो उसमें बर्फ के जमने पर बोतल टूट जाती है। 0°C पर जब पानी बर्फ के रूप में परिवर्तित होता है या जमता है, तो उसका आयतन बढ़ जाता है। इसलिए आंतरिक दबाव सीमा के अधिक होने पर बोतल टूट जाती है।

30. जलयुक्त गिलास में तैरता हुआ बर्फ का टुकड़ा जब पिघलता है, तो पानी का स्तर - [R.A.S./R.T.S. (Pre) 2007]

Correct Answer: (c) वही रहेगा
Solution:जल से भरे गिलास में तैरता हुआ बर्फ का टुकड़ा यदि पिघलता है, तो परिणामी आयतन पूर्ववत रहता है फलतः पानी का स्तर वही रहता है।