Solution:कथन (A): "ऊंचाई वाले स्थानों में भोजन पकाने के लिए उसमें नमक मिलाया जाता है।" यह कथन सत्य है। ऊंचाई पर वायुमंडलीय दाब कम होने के कारण पानी का क्वथनांक (boiling point) कम हो जाता है। उदाहरण के लिए, समुद्र तल पर पानी 100∘C पर उबलता है, जबकि ऊंचाई पर यह 100∘C से कम तापमान पर उबलने लगता है (जैसे, माउंट एवरेस्ट पर पानी लगभग 71∘C पर उबलता है)। भोजन को अच्छी तरह से पकाने के लिए पर्याप्त उच्च तापमान की आवश्यकता होती है। नमक (या अन्य विलेय) मिलाने से पानी का क्वथनांक बढ़ जाता है (क्वथनांक उन्नयन), जिससे भोजन को पकने के लिए अधिक तापमान मिल पाता है और वह तेजी से पकता है।
कारण (R): "ऊंचाई वाले स्थानों में तापमान कम होता है।" यह कथन भ्रामक है। यह सही है कि ऊंचाई बढ़ने पर सामान्यतः परिवेश का तापमान कम होता जाता है। हालाँकि, भोजन पकाने की कठिनाई का सीधा संबंध परिवेश के कम तापमान से नहीं है, बल्कि पानी के कम क्वथनांक से है, जो कम वायुमंडलीय दाब के कारण होता है। भोजन को पकने के लिए आवश्यक ऊष्मा ऊर्जा उबलते पानी के तापमान से मिलती है। यदि पानी कम तापमान पर उबल रहा है, तो भोजन पकने में अधिक समय लगेगा। कारण (R) उस मुख्य भौतिकी सिद्धांत को सीधे संबोधित नहीं करता जो भोजन पकाने की कठिनाई का कारण बनता है (जो कि कम वायुमंडलीय दाब के कारण क्वथनांक का कम होना है)। यह एक सामान्य अवलोकन है जो भोजन पकाने की समस्या का सटीक वैज्ञानिक कारण नहीं है।
इसलिए विकल्प (c) (A) सत्य है, किंतु (R) भ्रामक है , सही उत्तर है।