(1) दोनों सभ्यता के लोग प्रकृति की पूजा करते थे।
(2) दोनों सभ्यताओं में स्वास्तिक, अग्निवेदिकाएं तथा हवनकुंड अभिन्न अंग रहे हैं।
(3) दोनों सभ्यताओं के लोग केशोपचार करते थे।
(4) दोनों सभ्यताओं ने लौह अयस् का प्रयोग बड़े स्तर पर किया।
उपर्युक्त में से सही विकल्प का चयन करें।
Correct Answer: (c) 1, 2 और 3
Note: ऋग्वैदिक व हड़प्पाई सभ्यता के लोग प्रकृति पूजा में विश्वास रखते थे। दोनों काल में स्वास्तिक अग्निवेदिकाएं और हवनकुंड, सभ्यताओं के अभिन्न अंग रहे हैं तथा दोनों सभ्यताओं में केशोपचार किया जाता था। ऋग्वेद में ऐसी कुमारी का उल्लेख है, जो अपने बालों की चार वेणियां बनाती थी। परंतु दोनों सभ्यताओं में लौह अयस् का प्रयोग नहीं देखने को मिलता है, लोह अयस् का प्रयोग वैदिक काल में देखने को मिलता है।