Correct Answer: (b) रवीन्द्र नाथ टैगोर
Solution:व्याख्या- असहयोग आन्दोलन के दौरान विदेशी वस्त्रों को जलाये जाने पर रवीन्द्रनाथ टैगोर ने गाँधी जी के इस कार्य को 'निष्ठुर बर्बादी' कहा था, साथ ही विरोध प्रदर्शन के स्थान पर रचनात्मक कार्यक्रमों को अपनाने की सलाह दी थी। 4 फरवरी, 1922 को चौरी-चौरा की घटना के कारण गाँधी जी ने 12 फरवरी, 1922 को असहयोग आन्दोलन को स्थगित कर दिया।