एल.डी.ए. (प्रीलिम्स) परीक्षा, 2001 सामान्य अध्ययन (Part-I)

Total Questions: 75

71. कथन :

कथन (A) : सभी व्यापारी मूल्य-बढ़ोत्तरी से लाभ कमाते हैं।

कारण (R) : मूल्य-बढ़ोत्तरी के कारण ग्राहक को अपनी आवश्यकताओं में कटौती करनी पड़ती है।

उपर्युक्त दोनों वक्तव्यों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सही है-

Correct Answer: (b) A और R दोनों सही हैं परन्तु, R, A की सही व्याख्या नहीं करता है।
Solution:व्याख्या-मूल्य में वृद्धि व्यापारियों के लाभ कमाने का अच्छा स्रोत है। बढ़ा हुआ मूल्य व्यापारियों की अतिरिक्त आय होती है। दूसरी ओर बढ़ा हुआ मूल्य उपभोक्ता के व्यय में वृद्धि करता है। इससे उसके संतुलित करने के लिए उपभोक्ता अपनी आवश्यकताओं में कटौती करता है।

72. एगमार्क है :

Correct Answer: (d) गुणवत्ता गारण्टी की मोहर
Solution:व्याख्या- एगमार्क उत्पादों की गुणवत्ता का निर्धारण करने वाला एक मापदण्ड है। जो भारत में कृषि खाद्य उत्पादन पदार्थों पर दिया जाता है। एगमार्क खाद्य वस्तुओं की शुद्धता को सुनिश्चित करता है। विश्व व्यापार संगठन द्वारा तय मानकों का ध्यान रखते हुए इसे दिया जाता है। धातव्य है कि एगमार्क का अधिनियम वर्ष 1937 से प्रभावी है।

73. निम्नलिखित में से कौन सा भारतीय कृषि की निम्न उत्पादकता का कारण नहीं है?

Correct Answer: (c) सहकारी कृषि
Solution:व्याख्या-सहकारी कृषि, कृषि को लाभदायक बनाने हेतु जोतों को संयुक्त करके कृषि करने की एक पद्धति है जबकि जनसंख्या का दबाव, प्रच्छन्न बेरोजगारी तथा भू-जोत का छोटा आकार भारतीय कृषि की निम्न उत्पादकता का कारण है।

74. कथन :

कथन (A): भारत में खाद्यान्न उत्पादन में लगभग आत्मनिर्भरता प्राप्त हो गई है।

कारण (R) : अब भारत थोक मात्रा में खाद्यान्न का आयात नहीं करता है।

उपर्युक्त व्यक्तव्यों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सही है-

Correct Answer: (a) A तथा R दोनों सहीं तथा R, A की सही व्याख्या करता है
Solution:व्याख्या-वर्तमान में भारत के पास खाद्यान्न का इतना बफर स्टॉक है जिससे कभी-कभी भंडारण में भी समस्या होती है। इस कारणवश उसे खाद्यान्न आयात करने की कोई आवश्यकता नहीं पड़ती।

75. सामान्य रूप से भारत में प्रति पाँच वर्ष बाद वित्त आयोग की नियुक्ति की जाती है-

Correct Answer: (d) केंद्रीय अनुदान और संघ के राजस्व में राज्यों का अंश निर्धारित करने के लिए
Solution:व्याख्या-संविधान के अनुच्छेद 280 के अंतर्गत वित्त आयोग का गठन केंद्र व राज्य के वित्तीय संबंधों के निर्धारण के लिए किया जाता है। वर्तमान में 15वाँ वित्त आयोग कार्यरत है, जिसकी कार्यावधि 2020- 2025 तक है। इसके अध्यक्ष एन०के० सिंह हैं। ध्यातव्य है कि भारत के प्रथम वित्त आयोग के अध्यक्ष के०सी० नियोगी थे।