एल.डी.ए. (प्रीलिम्स) परीक्षा, 2001 सामान्य अध्ययन (Part-II)

Total Questions: 75

11. शल्य क्रिया में आर्थोप्लास्टी क्या है?

Correct Answer: (c) कूल्हे के जोड़ का प्रतिस्थापन (Hip joint replacement)
Solution:व्याख्या-शल्य क्रिया में आर्थोप्लास्टी कूल्हे के जोड़ों के प्रतिस्थापन से संबंधित है। कॉर्डियक सर्जरी को ओपन हार्ट सर्जरी भी कहा जाता है।

12. सूची-1 को सूची - II से सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिए गये कूट से सही उत्तर का चयन कीजिये-

सूची-1 (रेडियो-समस्थानिक)सूची- II (निदानात्मक उपयोग)
आर्सेनिक-74थॉयरॉयड ग्रंथि की सक्रियता
कोबॉल्ट -60रक्त व्यतिक्रम
आयोडीन-131ट्यूमर
सोडियम-24कैंसर
ABCD
(a)1234
(b)4312
(c)3412
(d)4321
Correct Answer: (c)
Solution:व्याख्या- सूची -1 तथा सूची-II का सही सुमेलन निम्न प्रकार है-
रेडियो-समस्थानिकनिदानात्मक उपयोग
आर्सेनिक-74ट्यूमर
कोबॉल्ट-60कैंसर
आयोडीन-131थॉयरॉयड ग्रंथि की सक्रियता
सोडियम-24रक्त व्यतिक्रम

13. कौन सा हार्मोन 'लड़ो या उड़ो' हार्मोन कहलाता है?

Correct Answer: (b) एड्रीनेलीन
Solution:व्याख्या - एड्रीनेलीन हार्मोन मेडुला से स्स्रावित होता है। यह हार्मोन संकटकाल एवं विशेष परिस्थितियों में उचित निर्णय लेने में सहयोग प्रदान करता है। यह हार्मोन क्रोध, भय, तनाव, व्यग्रता आदि स्थितियों में अत्यधिक स्त्रावित होने के कारण 'लड़ो या उड़ो' हार्मोन कहा जाता है।

14. कलारीपयडू (Kalarippayatt) है-

1. शारीरिक क्षमता बढ़ाने हेतु एक युद्ध कला प्रणाली

2. गठिया तथा अस्थि संबंधी व्याधियों को दूर करने की क्रिया

3. प्राचीन भारत में प्रचलित एक चित्रकला

4. आदिवासियों के एक नृत्य का नाम

नीचे दिये गये कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए-

Correct Answer: (a) 1 तथा 2
Solution:व्याख्या - कलारीपयडू एक मार्शल आर्ट है जो शारीरिक क्षमता बढ़ाने हेतु एक युद्ध कला प्रणाली है। इससे गठिया अस्थि संबंधी व्याधियों को दूर करने में सहायता मिलती है। कलारीपयडू भारतीय राज्य केरल में ट्रायल मार्शल आर्ट का एक रूप है।

15. कथन :

कथन (a) : अंतरिक्ष यान पृथ्वी पर उतरते समय कुछ क्षण के लिए भू-स्टेशन से रेडियों संपर्क खो देता है।

कारण (R) : जब एक अंतरिक्ष यान पृथ्वी के वायुमण्डल में प्रवेश करता है, यान की सतह का ताप बढ़ जाता है जिससे उसके चारों ओर की वायु आयनित हो जाती है।

उपर्युक्त दोनों वक्तव्यों के संदर्भ में निम्नलिखित में कौन सही है?

Correct Answer: (a) A और R दोनों सही हैं और R, Aकी सही व्याख्या करता है।
Solution:व्याख्या - अंतरिक्ष यान जब पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करता है तो यान की सतह का ताप बढ़ जाता है परिणामस्वरूप उसके चारों ओर आयनित वायु का एक आवरण बन जाता है। फलस्वरूप कुछ क्षण हेतु भू-स्टेशन से रेडियो संपर्क खो देता है।

16. सूची-1 को सूची II से सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिए गये कूट से सही उत्तर का चयन कीजिये-

सूची-Iसूची-II
त्रिशूलएंटी टैंक प्रक्षेपास्त्र
पृथ्वीमाध्यमिक परास प्राक्षेपिक निकाय
अग्निलघु परास सतह से वायु प्रक्षेपास्त्र
नागसतह से सतह प्रक्षेपास्त्र
विकल्पABCD
(क)1234
(ख)4321
(ग)3421
(घ)2143
Correct Answer: (c)
Solution:व्याख्या- सूची -1 तथा सूची-II का सही सुमेलन निम्न प्रकार है-
सूची-1सूची-II
त्रिशूललघु परास सतह से वायु प्रक्षेपास्त्र
पृथ्वीसतह से सतह प्रक्षेपास्त्र
अग्निमध्यमिक परास प्राक्षेपास्त्र
नागसतह से सतह प्रक्षेपास्त्र (एन्टी टैंक गाइडेड मिसाइल)

17. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए

1. तन्तु प्रकाशिकी (Fibre optics) पूर्ण आंतरिक परावर्तन सिद्धान्त पर आधारित है

2. प्रकाशिक तन्तु संचार तंत्र में ऊर्जा उपभोग अत्यधिक कम होता है

3. प्रकाशिक तन्तु संचार रेडियो आवृत्ति अवरोध से मुक्त है

4. भारत में प्रकाशिक तन्तु के निर्माण में रिलायंस उद्योग समूह संबद्ध है

इन कथनों में से कौन सही है?

Correct Answer: (b) 1, 2 और 4
Solution:व्याख्या- संचार के क्षेत्र में 'प्रकाश तरंगों' का प्रयोग प्रारंभ होने से प्रकाशीय संचार की आधुनिक प्रौद्योगिकी का विकास संभव हुआ है। इसके अंतर्गत 'प्रकाश तंत्र (Optical Fibre) संचार प्रणाली' का प्रयोग करके मनुष्य की आवाज, टेलीविजन के चित्रों तथा कम्प्यूटर के आँकड़े को सरलता व सुविधापूर्वक संचारित एवं संगृहीत किया जा सकता है। इस आधुनिक प्रौद्योगिकी का प्रयोग करने वाला भारत विकासशील देशों में प्रथम देश है। इसकी कुछ प्रमुख विशेषताएँ हैं - (i) संचार की गति इस माध्यम में बहुत तीव्र होती है, (ii) इनकी क्षमता बहुत अधिक होती है (iii) इनके संचालन के लिए बहुत कम ऊर्जा की आवश्यकता होती है। (iv) प्रकाश तंतु में प्रयुक्त कच्चामाल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध सिलिका या सिलिका आक्साइड है जो बालू से प्राप्त होता है। प्रकाश तंतु एक प्रकार की सिलिका से बनी पतली बेलनाकार नलिकाएँ होती हैं, जो प्रकाश के पूर्ण आंतरिक परावर्तन के सिद्धान्त पर कार्य करती है।

18. किन उपलब्धियों के लिए 'ग्लोबल 500' पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं?

Correct Answer: (c) पर्यावरण प्रतिरक्षा
Solution:व्याख्या- ग्लोबल 500 पुरस्कार संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम द्वारा पर्यावरण रक्षा एवं सुधार के क्षेत्र में विलक्षण योगदान हेतु प्रदान किया जाता है। इसकी स्थापना 1987 में हुई थी। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कोष (UNEP) 1972 में नैरोबी (केन्या) में स्थापित किया गया। यह कोष पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण से संबंधित कार्य करता है। पर्यावरण से संबंधित अन्य पुरस्कार, निम्न है- गोल्डेन पांडा पुरस्कार, इंदिरा गाँधी पर्यावरण पुरस्कार, महावृक्ष पुरस्कार आदि। प्रतिवर्ष 5 जून को पर्यावरण दिवस मनाया जाता है।

19. पारिस्थितिक तंत्र (Ecosystem) से संबंधित निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए -

1 . पारिस्थितिक तंत्र शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम ए.जे. टान्सले ने किया था।

2. जो जीव अपना भोजन स्वयं उत्पादित करते हैं उन्हें स्वपोषित कहते हैं।

3. प्रकाश-संश्लेषण की प्रक्रिया द्वारा उपभोक्ता अपने भोजन का उपभोग करता है।

4. वियोजक अकार्बनिक पदार्थ को कार्बनिक पदार्थ में परिवर्तित करते हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन सही है?

Correct Answer: (a) 1 और 2
Solution:व्याख्या- प्रत्येक क्षेत्र विशेष में समस्त जीव समुदाय का जैविक तथा अजैविक वातावरण के साथ पारस्परिक भौतिक, रासायनिक तथा जैविक संबंधों का एक ढांचा या तंत्र विकसित होता है जिसको पारिस्थितिकी तंत्र कहा जाता है। जीवधारियों तथा वातावरण के मध्य स्थापित होने वाले अंतः संबंध निर्भरता पर आधारित पारिस्थितिकी तंत्र की सर्वप्रथम संकल्पना ए.जी. टान्सले ने की। यह एक गतिक या क्रियात्मक अवधारणा है जिसमें जीवों और उनके वातावरण के मध्य विभिन्न पदार्थों के आदान-प्रदान का क्रम चलता रहता है। वियोजक कार्बनिक पदार्थ को अकार्बनिक पदार्थ में परिवर्तित करता है।

20. भूमण्डलीय उष्णता (Global Warming) के परिणामस्वरूप

1. विश्व में सम्पर्क बेहतर हो गये

2. हिमनद पिघलने लगे

3. समय से पूर्व आम में बौर आने लगी

4. स्वास्थ्य पर कुप्रभाव पड़ा

इन कथनों में से कौन-कौन से सही हैं?

Correct Answer: (b) 2,3 तथा 4
Solution:व्याख्या- हमारे वायुमण्डल में बढ़ती उष्मारोधी गैसों, जैसे कार्बन डाईऑक्साइड (CO₂), मीथेन (CH₃), नाइट्रस ऑक्साइड (N₂O), क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFC), हाइड्रोफ्लोरोकार्बन (HFC), सल्फर हेक्साफ्लोराइड (SF) आदि के कारण वायुमण्डल अधिक उष्मारोधी होता जा रहा है। परिणामस्वरूप पृथ्वी के वैश्विक ताप (ग्लोबल वार्मिंग) में वृद्धि हो रही है। अगर इसी तरह से उष्माकारी गैसों की मात्रा में वृद्धि होती रही तो 2050 तक पृथ्वी के औसत ताप में 5°C की वृद्धि हो जायेगी, जिससे अनेक समस्याएं उत्पन्न हो जायेगी। पहाड़ों, ग्लेशियरों व ध्रुवों की बर्फ पिघलेगी, जिससे समुद्र के जलस्तर में वृद्धि होगी। परिणामस्वरूप अनेक द्वीपीय देश तथा तटवर्ती क्षेत्र जलमग्न हो जायेंगे। समय से पूर्व आम में बौर आने लगेगा। फसलों पर तथा मानव स्वास्थ्य पर कुप्रभाव पड़ना अवश्यंभावी है।