ऐतिहासिक परिदृश्य (उत्तराखंड)

Total Questions: 50

1. निम्नलिखित मध्यकालीन ग्रंथों में से कौन उत्तराखंड के इतिहास का स्रोत नहीं है? [Uttarakhand P.C.S. (Pre), 2021]

Correct Answer: (d) बाबरनामा
Solution:मुगलकालीन ग्रंथों जहांगीरनामा और शाहनामा से ज्ञात होता है कि चंद राजाओं का मुगल राजाओं से संबंध था। इसी प्रकार तारीख-ए-बदायूंनी और शाहजहांनामा में भी उत्तराखंड के इतिहास का स्रोत है, जबकि बाबरनामा में उत्तराखंड के इतिहास का स्रोत उपलब्ध नहीं है।

2. महाभारत में कुणिंद-नरेश किस नाम से जाने जाते थे? [Uttarakhand P.C.S. (Pre), 2016]

Correct Answer: (c) द्विज श्रेष्ठ
Solution:महाभारत में कुणिंद-नरेश द्विज श्रेष्ठ' नाम से जाने जाते थे। इनका वर्णन 'महाभारत के सभापर्व अध्याय 51 भाग 1 में मिलता है। इसमें उन्हें 'द्विजों में प्रधान' राजा कहकर संबोधित किया गया है।

3. उत्तरकाशी का ऐतिहासिक नाम क्या है? [Uttarakhand P.C.S. (Pre), 2016]

Correct Answer: (d) बाड़ाहाट
Solution:

उत्तरकाशी का ऐतिहासिक नाम बाड़ाहाट है। बाड़ाहाट का मतलब बड़े बाजार से था। आजादी से पहले उत्तरकाशी का नाम बाड़ाहाट था। बाड़ाहाट तब भी एक प्रमुख व्यापारिक व सांस्कृतिक केंद्र था। उस समय भारत व तिब्बत के व्यापार का बाजार यहीं लगता था।

4. स्वतंत्रता से पूर्व संयुक्त प्रांत की प्रांतीय परिषद में कुमाऊं प्रांत से प्रथम सदस्य कौन था? [Uttarakhand P.C.S. (Mains), 2006]

Correct Answer: (b) गोविंद बल्लभ पंत
Solution:स्वतंत्रता से पूर्व संयुक्त प्रांत की प्रांतीय परिषद में कुमाऊं प्रांत से प्रथम सदस्य गोविंद बल्लभ पंत बने। इनका जन्म 10 सितंबर, 1887 को अल्मोड़ा जिले में हुआ था। इन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से विधि की डिग्री प्राप्त कर काशीपुर में वकालत शुरू की। वे उ.प्र. के प्रथम मुख्यमंत्री रहे और वर्ष 1957 में भारत रत्न से सम्मानित हुए।

5. पृथक उत्तराखंड राज्य निर्माण का कारण था- [Uttarakhand Lower Sub. (Pre), 2010]

Correct Answer: (c) असंतुलित विकास व पिछड़ापन
Solution:पृथक उत्तराखंड राज्य के निर्माण में यह तर्क था कि पहाड़ी क्षेत्रों का संतुलित विकास नहीं हो पाया, जिससे यह क्षेत्र पिछड़ा है। इसी आधार पर (असंतुलित विकास व पिछड़ापन) उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ था।

6. कुमाऊं पर गोरखा शासन कब स्थापित हुआ? [Uttarakhand P.C.S. (Pre), 2005]

Correct Answer: (a) वर्ष 1790 में
Solution:गोरखाओं ने 1790 ई. में कुमाऊं पर अधिकार कर लिया। मई, 1804 में प्रद्युम्न शाह एवं गोरखा के बीच देहरादून में प्रसिद्ध खुडबुडा का युद्ध हुआ था। इस युद्ध में गढ़वाल नरेश प्रद्युम्न शाह देहरादून के खुडबुड़ा नामक स्थान पर वीरगति को प्राप्त हुए थे।

7. खुरुगुड़ा का युद्ध हुआ था- [Uttarakhand P.C.S. (Pre), 2016]

Correct Answer: (b) 1804 ई. में
Solution:गोरखाओं ने 1790 ई. में कुमाऊं पर अधिकार कर लिया। मई, 1804 में प्रद्युम्न शाह एवं गोरखा के बीच देहरादून में प्रसिद्ध खुडबुडा का युद्ध हुआ था। इस युद्ध में गढ़वाल नरेश प्रद्युम्न शाह देहरादून के खुडबुड़ा नामक स्थान पर वीरगति को प्राप्त हुए थे।

8. औपनिवेशिक कुमाऊं और कमिश्नर ने 'राजस्व पुलिस' गढ़‌वाल के निम्नांकित में से किस प्रणाली का प्रारंभ किया? [Uttarakhand P.C.S. (Pre), 2021]

Correct Answer: (c) सर हेनरी रैमजे
Solution:1866 ई. में जब देश के दूसरे हिस्सों में राजस्व की जगह सिविल पुलिस ले रही थी, तब तत्कालीन औपनिवेशिक कुमाऊं और गढ़वाल के कमिश्नर सर हेनरी रैमजे ने पहाड़ में सिविल पुलिस की दखल को रोकने के लिए 'राजस्व पुलिस' प्रणाली का प्रारंभ किया।

9. नैनीताल में 'कुमाऊं परिषद' का गठन किया गया था- [Uttarakhand P.C.S. (Mains), 2002]

Correct Answer: (b) 1916 में
Solution:'कुमाऊं परिषद' का गठन वर्ष 1916 में उत्तराखंड क्षेत्र में स्वतंत्रता आंदोलन की मुहिम को तेज करने के लिए किया गया था, जिसके अग्रणी गोविंद बल्लभ पंत, लक्ष्मी दत्त शास्त्री एवं बद्रीदत्त पांडे थे।

10. गढ़वाल सर्वदलित परिषद का गठन 1928 ई. में किया था- [Uttarakhand P.C.S. (Pre), 2012]

Correct Answer: (c) जयानंद भारती ने
Solution:

गढ़वाल सर्वदलित परिषद का गठन वर्ष 1928 में जयानंद भारती द्वारा किया गया था, बद्रीदत्त पांडे तथा हरगोविंद पंत कुमाऊं परिषद के नेता थे, मोहनसिंह मेहता को कुमाऊं का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी माना जाता है।