ऐतिहासिक परिदृश्य (उत्तराखंड)

Total Questions: 50

21. उत्तराखंड में स्वाधीनता आंदोलन के दौरान 'प्रजा मंडल' का गठन जहां किया गया, वह था- [Uttarakhand Lower Sub. (Pre), 2010]

Correct Answer: (c) टिहरी राज्य
Solution:'टिहरी राज्य प्रजा मंडल' की स्थापना श्री देव सुमन ने की थी। जनवरी, 1939 में देहरादून में 'टिहरी राज्य प्रजा मंडल' की स्थापना हुई थी। श्री देव सुमन ने ही दिल्ली में देवनागरी महाविद्यालय की स्थापना की थी और वर्ष 1937 में 'सुमन सौरभ' नाम से कविताओं का प्रकाशन किया।

22. देहरादून में 'प्रजा मंडल' की स्थापना का उद्देश्य था- [Uttarakhand P.C.S. (Pre), 2012]

Correct Answer: (d) जनता को टिहरी राज्य के कुशासन से मुक्त करना
Solution:देहरादून में 'प्रजा मंडल' की स्थापना जनवरी, 1939 में की गई थी। इसके उद्देश्यों में सम्मिलित थे (1) राज्य में प्रतिनिधि सरकार की स्थापना, (2) मजदूर तथा अवैतनिक श्रम का उन्मूलन, (3) आयात शुल्क का उन्मूलन। समग्र रूप से इसका उद्देश्य जनता को टिहरी राज्य के कुशासन से मुक्त करना था।

23. कुमाऊं का प्रथम कमिश्नर कौन था? [Uttarakhand P.C.S. (Pre), 2005]

Correct Answer: (a) ई. गार्डनर
Solution:अंग्रेजों द्वारा संपूर्ण कुमाऊं और आधे गढ़वाल पर अधिकार करने के पश्चात लॉर्ड हेस्टिंग्स द्वारा 3 मई, 1815 को कर्नल एडवर्ड गार्डनर को कुमाऊं का प्रथम कमिश्नर नियुक्त किया गया था।

24. श्रीनगर-पवांर राजवंश का संस्थापक था- [Uttarakhand U.D.A./L.D.A. (Mains), 2007]

Correct Answer: (c) अजयपाल
Solution:

श्रीनगर-पवांर राजवंश की स्थापना अजयपाल ने की थी। उसने छोटे-छोटे शासकों द्वारा शासित विस्तृत भू-भाग को मिलाकर इसकी स्थापना की थी।

25. 'चांदपुर गढ़' का राज्य स्थित था- [Uttarakhand P.C.S. (Pre), 2005]

Correct Answer: (c) चमोली में
Solution:'चांदपुर गढ़ राज्य का राजा कनकपाल था, जो पवार वंश का शासक था। यह चमोली जिले में स्थित है।

26. निम्नलिखित विकल्प, जिसमें राजा और उसकी राजधानी दी गई है, में से सही सुमेलित युग्म का चयन करें। [Uttarakhand P.C.S. (Pre), 2012]

Correct Answer: (a) सोमचंद - राजबुंगा
Solution:महाराजा अजयपाल ने 1508 ई. के आस-पास अपनी राजधानी चांदपुर गढ़ी से देवलगढ़ और 1512 ई. में देवलगढ़ से श्रीनगर में स्थापित की। महाराजा अजयपाल, कनकपाल के ही वंशज थे। सोमचंद ने चंपावत में राजबूंगा का किला बनवाया था। महाराजा सुदर्शन शाह ने टिहरी में अपनी राजधानी बसायी थी। इस वंश के अंतिम राजा मानशाह थे। अजयपाल की छठी पीढ़ी के राजा मानपाल का ही नाम बदलकर मानशाह हुआ। इनकी राजधानी श्रीनगर थी।

27. कुमाऊं का पौराणिक नाम था- [Uttarakhand P.C.S. (Mains), 2007 Uttarakhand U.D.A./L.D.A. (Mains), 2007]

Correct Answer: (d) मानसखंड
Solution:उत्तराखंड राज्य में दो मंडल है- कुमाऊ तथा गढ़वाला स्कंदपुराण एवं अन्य पौराणिक साहित्यो में मानसखंड के नाम से वर्णित क्षेत्र वर्तमान में कुमाऊं मंडल ही है।

28. 'चंद्र सिंह गढ़वाली' का वास्तविक नाम क्या था? [Uttarakhand P.C.S. (Mains), 2006]

Correct Answer: (b) चंद्र सिंह भंडारी
Solution:

चंद सिंह गढ़वाली का वास्तविक नाम 'चंद्र सिंह भंडारी था। इनका जन्म 25 दिसंबर, 1891 को पौडी गढ़वाल में हुआ था। उन्होंने 23 अप्रैल 1930 को कमांडर की अवज्ञा कर निहत्थे लोगो पर गोली चलाने से इंकार कर दिया था. इस जुर्म में उन्हें साथियों सहित गिरफ्तार कर लिया गया और इन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।

29. टिहरी गढ़वाल में 'दाडक आंदोलन' संबंधित था- [Uttarakhand P.C.S. (Pre), 2005]

Correct Answer: (d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
Solution:अंग्रेजी सरकार ने स्थानीय लोगों के वनों में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था। उसी को लेकर गांधीजी के असहयोग आंदोलन के साथ टिहरी गढ़‌वाल क्षेत्र में वनांदोलन भी चला। इसी वनांदोलन को स्थानीय भाषा में 'दाडक आंदोलन' कहा गया।

30. गढ़वाल के इतिहास में 'नक्कटी राणी' के नाम से कौन विख्यात थी? [Uttarakhand P.C.S. (Pre), 2012]

Correct Answer: (b) कर्णावती रानी
Solution:रानी कर्णावती को गढ़‌वाल के इतिहास में 'नक्कटी राणी' के नाम से भी जाना जाता है। रानी कर्णावती महिपत शाह की पत्नी थी, जिन्होंने 1622 ई. में राजगद्दी प्राप्त की थी। 1631 ई. में इनकी मृत्यु के पश्चात रानी कर्णावती ने सत्ता अपने हाथों में ले ली। इन्होंने 1640 ई. में मुगलों से युद्ध किया। इनके विषय में कहा जाता है कि वे आक्रमणकारियों की नाक काट देती थीं, इसी कारण इनका उपनाम 'नक्कटी राणी' पड़ा।