ऐतिहासिक परिदृश्य (बिहार)

Total Questions: 65

11. निम्न में से कौन-सा ईस्ट इंडिया कंपनी के सिपाहियों को विद्रोही बनाने का कारण नहीं था? [64ᵗʰ B.P.S.C. (Pre), 2018]

Correct Answer: (d) अधिकारियों की अक्षमता
Solution:अंग्रेज अधिकारियों की अक्षमता, ईस्ट इंडिया कंपनी के सिपाहियों को विद्रोही बनाने का कारण नहीं था। इन्हीं अधिकारियों की योग्यता के बल पर अंग्रेजी हुकूमत ने लगभग 90 वर्षों में पूरे भारत पर कब्जा कर लिया था। इसके अतिरिक्त अन्य सभी कारण सिपाहियों को विद्रोही बनाने में सहायक थे।

12. 1857 के विद्रोह ने बिहार के कई नगरों को प्रभावित किया। बिहार के विभिन्न नगरों में विद्रोह के विस्फोट का सही क्रम निम्नलिखित में कौन-सा है? [40ᵗʰ B.P.S.C. (Pre), 1995]

Correct Answer: (b) रोहिणी, पटना, मुजफ्फरपुर, जगदीशपुर
Solution:कंपनी सरकार कई कारणों से बिहार को महत्त्वपूर्ण प्रशासनिक क्षेत्र मानती थी। संथाल परगना जिलांतर्गत देवघर सबडिवीजन के रोहिणी नामक गांव में देशी स्थल सेना के 32वीं रेजीमेंट की एक कंपनी का मुख्यालय था। 12 जून, 1857 की संध्या को पहले-पहल इसी टुकड़ी ने विद्रोह किया था। पटना में 3 जुलाई, 1857 को विद्रोह हुआ। उसके पश्चात 25 जुलाई, 1857 को मुजफ्फरपुर में तथा 27 जुलाई को कुंवर सिंह ने आरा (जगदीशपुर) में विद्रोह किया।

13. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है? [56ᵗʰ to 59ᵗʰ B.P.S.C. (Pre), 2015]

Correct Answer: (a) 1857 में दरभंगा, डुमरांव और हटवा के महाराजाओं और उनके साथी जमींदारों ने आदमी तथा पैसे से अंग्रेजों की मदद की।
Solution:1857 के स्वतंत्रता संग्राम में बिहार के कुछ प्रमुख जमींदारों ने अंग्रेजों की धन एवं जन दोनों से बड़ी सहायता की थी। अंग्रेजों को इस प्रकार की मदद पहुंचाने वाले जमींदारों में दरभंगा, डुमरांव एवं हटवा के जमींदार शामिल थे।

14. मध्यकाल में बिहार शरीफ का नगर महत्त्वपूर्ण रहा- [40ᵗʰ B.P.S.C. (Pre), 1995]

i. व्यापार केंद्र के रूप में

ii. विद्या केंद्र के रूप में

iii. प्रशासनिक केंद्र के रूप में

iv. धार्मिक केंद्र के रूप में

अपने उत्तर का चयन निम्नांकित कूटों से करें-

Correct Answer: (c) ii, iii एवं iv
Solution:मूल रूप से बिहार शब्द बौद्ध विहारों अथवा मठों से संबंधित है। मध्य काल में बिहार शरीफ नगर विद्या केंद्र, प्रशासनिक केंद्र और धार्मिक केंद्र के रूप में प्रसिद्ध था। यह पालवंशीय शासक गोपाल द्वारा निर्मित करवाए गए ओदंतपुरी विश्वविद्यालय एवं प्रसिद्ध सूफी संत शेख शर्कुदीन याह्या मनेरी की दरगाह के लिए जाना जाता था।

15. मूल रूप से 'बिहार' शब्द का अर्थ है- [45ᵗʰ B.P.S.C. (Pre), 2001]

Correct Answer: (a) बौद्ध मठ
Solution:मूल रूप से बिहार शब्द बौद्ध विहारों अथवा मठों से संबंधित है। मध्य काल में बिहार शरीफ नगर विद्या केंद्र, प्रशासनिक केंद्र और धार्मिक केंद्र के रूप में प्रसिद्ध था। यह पालवंशीय शासक गोपाल द्वारा निर्मित करवाए गए ओदंतपुरी विश्वविद्यालय एवं प्रसिद्ध सूफी संत शेख शर्कुदीन याह्या मनेरी की दरगाह के लिए जाना जाता था।

16. पटना लॉन का गांधी मैदान के रूप में नामकरण कब किया गया? [64ᵗʰ B.P.S.C. (Pre), 2018]

Correct Answer: (e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/उपर्युक्त में से एक से अधिक
Solution:पटना में स्थित ऐतिहासिक गांधी मैदान का वर्ष 1948 से पूर्व इसका नाम 'पटना लॉन' था। भारत का पहला चंपारण सत्याग्रह शुरू करने के बाद महात्मा गांधी की विशाल जनसभा जनवरी, 1918 में इसी मैदान पर आयोजित हुई। वर्ष 2013 में यहां महात्मा गांधी की 70 मी. प्रतिमा स्थापित की गई। 30 जनवरी, 1948 के पश्चात (महात्मा गांधी की मृत्यु के पश्चात) पटना लॉन का नाम बदलकर गांधी मैदान किया गया था। बिहार लोक सेवा आयोग ने इस प्रश्न का उत्तर विकल्प (d) माना है।

17. बिहार में 1857 के विद्रोह का नेतृत्व किसने किया था? [65ᵗʰ B.P.S.C. (Pre), 2019]

Correct Answer: (c) कुंवर सिंह
Solution:1857 ई. में जगदीशपुर में विद्रोह की अगुवाई करने वाले कुंवर सिंह बिहार के भोजपुर जिले से संबंधित थे। उन्होंने अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह का झंडा बुलंद किया था। प्रकृति ने उन्हें अदम्य शौर्य, वीरता और सेनानायक के आदर्श गुणों से मंडित किया था, इसी कारण उन्हें सही रूप में विद्रोह के दौरान 'बिहार का सिंह' माना गया है। उन्होंने भोजपुर जिले में अंग्रेजों की सत्ता का तख्तापलट दिया और अपनी सरकार स्थापित की। वह कानपुर पर संयुक्त आक्रमण के लिए नाना साहब की मदद हेतु काल्पी की ओर आगे बढ़े। वह विद्रोह की मशाल को रोहतास, मिर्जापुर, रीवा, बांदा और लखनऊ तक ले गए, जहां उनका अत्यंत सम्मानपूर्वक स्वागत किया गया। अपनी अंतिम सफलता के रूप में उन्होंने अपने गृहनगर जगदीशपुर के निकट अंग्रेजों को बुरी तरह पराजित किया। इसी युद्ध के दौरान वे अंग्रेज सेनापति विलियम टेलर से पराजित होकर बुरी तरह घायल हो गए एवं 9 मई, 1858 को वीरगति प्राप्त हुए। कुछ पुस्तकों (यथा NCERT) में कुंवर सिंह के देहांत की तिथि 26 अप्रैल, 1858 दी गई है। उनकी मृत्यु के बाद उनके भाई अमर सिंह ने दिसंबर, 1858 तक अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष जारी रखा।

18. बिहार में 1857 ई. की क्रांति के नेता कुंवर सिंह का देहांत कब हुआ? [47ᵗʰ B.P.S.C. (Pre), 2005]

Correct Answer: (c) 9 मई, 1858
Solution:1857 ई. में जगदीशपुर में विद्रोह की अगुवाई करने वाले कुंवर सिंह बिहार के भोजपुर जिले से संबंधित थे। उन्होंने अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह का झंडा बुलंद किया था। प्रकृति ने उन्हें अदम्य शौर्य, वीरता और सेनानायक के आदर्श गुणों से मंडित किया था, इसी कारण उन्हें सही रूप में विद्रोह के दौरान 'बिहार का सिंह' माना गया है। उन्होंने भोजपुर जिले में अंग्रेजों की सत्ता का तख्तापलट दिया और अपनी सरकार स्थापित की। वह कानपुर पर संयुक्त आक्रमण के लिए नाना साहब की मदद हेतु काल्पी की ओर आगे बढ़े। वह विद्रोह की मशाल को रोहतास, मिर्जापुर, रीवा, बांदा और लखनऊ तक ले गए, जहां उनका अत्यंत सम्मानपूर्वक स्वागत किया गया। अपनी अंतिम सफलता के रूप में उन्होंने अपने गृहनगर जगदीशपुर के निकट अंग्रेजों को बुरी तरह पराजित किया। इसी युद्ध के दौरान वे अंग्रेज सेनापति विलियम टेलर से पराजित होकर बुरी तरह घायल हो गए एवं 9 मई, 1858 को वीरगति प्राप्त हुए। कुछ पुस्तकों (यथा NCERT) में कुंवर सिंह के देहांत की तिथि 26 अप्रैल, 1858 दी गई है। उनकी मृत्यु के बाद उनके भाई अमर सिंह ने दिसंबर, 1858 तक अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष जारी रखा।

19. कुंवर सिंह राजा थे- [53ᵗʰ to 55 B.P.S.C. (Pre), 2011]

Correct Answer: (c) जगदीशपुर के
Solution:1857 ई. में जगदीशपुर में विद्रोह की अगुवाई करने वाले कुंवर सिंह बिहार के भोजपुर जिले से संबंधित थे। उन्होंने अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह का झंडा बुलंद किया था। प्रकृति ने उन्हें अदम्य शौर्य, वीरता और सेनानायक के आदर्श गुणों से मंडित किया था, इसी कारण उन्हें सही रूप में विद्रोह के दौरान 'बिहार का सिंह' माना गया है। उन्होंने भोजपुर जिले में अंग्रेजों की सत्ता का तख्तापलट दिया और अपनी सरकार स्थापित की। वह कानपुर पर संयुक्त आक्रमण के लिए नाना साहब की मदद हेतु काल्पी की ओर आगे बढ़े। वह विद्रोह की मशाल को रोहतास, मिर्जापुर, रीवा, बांदा और लखनऊ तक ले गए, जहां उनका अत्यंत सम्मानपूर्वक स्वागत किया गया। अपनी अंतिम सफलता के रूप में उन्होंने अपने गृहनगर जगदीशपुर के निकट अंग्रेजों को बुरी तरह पराजित किया। इसी युद्ध के दौरान वे अंग्रेज सेनापति विलियम टेलर से पराजित होकर बुरी तरह घायल हो गए एवं 9 मई, 1858 को वीरगति प्राप्त हुए। कुछ पुस्तकों (यथा NCERT) में कुंवर सिंह के देहांत की तिथि 26 अप्रैल, 1858 दी गई है। उनकी मृत्यु के बाद उनके भाई अमर सिंह ने दिसंबर, 1858 तक अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष जारी रखा।

20. कुंवर सिंह जगदीशपुर में कब प्रविष्ट हुए? [66ᵗʰ B.P.S.C. Re. Exam (Pre), 2020]

Correct Answer: (a) 22 अप्रैल, 1858 ई.
Solution:22 अप्रैल, 1858 ई. को बाबू कुंवर सिंह एक हजार पैदल सैनिक व कुछ घुड़सवारों के साथ जगदीशपुर पहुंच गए। अपनी जख्मी बांह को खुद अपनी तलवार से काटकर उन्होंने गंगा को समर्पित कर दिया था। कुंवर सिंह के जगदीशपुर लौटने की खबर पाकर अंग्रेजी सेना ली ग्रांड के नेतृत्व में 22 अप्रैल, 1858 की शाम को आरा से रवाना हुई।