ओजोन परत क्षरण के प्रभाव

Total Questions: 3

1. वैज्ञानिकों की निम्न टीमों में किसने सर्वप्रथम अंटार्कटिका के ऊपर ओजोन छिद्र का पता लगाया ? [U.P.P.C.S. (Mains) 2013]

Correct Answer: (d) ब्रिटिश टीम ने
Solution:सर्वप्रथम ब्रिटिश दल ने वर्ष 1985 में 'टोटल ओजोन मैपिंग स्पेक्ट्रोमीटर' की मदद से अंटार्कटिका के ऊपर ओजोन छिद्र का पता लगाया था।

2. सूर्य से आने वाला हानिकारक पराबैंगनी विकिरण कारण हो सकता है [U.P.P.C.S. (Pre) 2014]

Correct Answer: (d) त्वचीय कैंसर का
Solution:सूर्य से आने वाले हानिकारक पराबैंगनी विकिरण से त्वचा कैंसर होने का खतरा रहता है। अधिक समय तक सूर्य के पराबैंगनी विकिरण के शरीर पर पड़ने पर डीएनए में आनुवांशिक उत्परिवर्तन हो सकता है, जो त्वचा कैंसर का कारण बन सकता है। ध्यातव्य है, कि सूर्य की पराबैंगनी किरणों को सामान्यतया तीन वर्गों में बांटा जाता है। इन्हें UV-A, UV-B तथा UV-C किरणें कहा जाता है। UV-A तथा UV-B किरणों का त्वचा पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है, UV-C (100-280 nm) भी अत्यंत घातक होती है, परंतु पृथ्वी सतह तक नहीं पहुंच पाती है।

3. कथन : [U.P.U.D.A./L.D.A. (Mains) 2010 U.P.P.C.S. (Mains) 2010]

कथन (A): ओजोन जैविक जीवन के लिए परमावश्यक है।

कारण (R) : ओजोन परत पृथ्वी को उच्च ऊर्जा विकिरण से संरक्षित करती है।

नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए।

Correct Answer: (a) (A) एवं (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है।
Solution:ओजोन परत सूर्य के उच्च आवृत्ति के पराबैंगनी प्रकाश की 93-99 प्रतिशत मात्रा अवशोषित कर लेती है, जो पृथ्वी पर जीवन के लिए हानिकारक है। ओजोन परत के अभाव में पृथ्वी पर सूर्य की पराबैंगनी (Ultraviolet) किरणों से जैविक जीवन को अत्यधिक क्षति पहुंचेगी। इस दृष्टि से कथन और कारण दोनों सही हैं तथा कारण, कथन की सही व्याख्या है।