कांग्रेस : बनारस, कलकत्ता एवं सूरत अधिवेशन (UPPCS)

Total Questions: 26

11. भारत में 'ग्रैंड ओल्ड मैन' की संज्ञा किसे दी जाती है? [Uttarakhand U.D.A./L.D.A. (Pre) 2007]

Correct Answer: (a) दादाभाई नौरोजी
Solution:दादाभाई नौरोजी को लोग श्रद्धा से 'भारत के वयोवृद्ध नेता' (Grand Old Man of India) के नाम से स्मरण करते हैं। 1892 ई. में वे पहले भारतीय थे, जो उदारवादी दल की ओर से सेंट्रल फिंसबरी चुनाव क्षेत्र से ब्रिटिश संसद के सदस्य चुने गए। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1886 ई., 1893 ई. और वर्ष 1906 में अध्यक्ष भी रहे। सी.वाई. चिंतामणि ने दादाभाई नौरोजी के विषय में कहा था कि "भारत के सार्वजनिक जीवन को अनेक बुद्धिमान और निःस्वार्थ नेताओं ने सुशोभित किया है; परंतु हमारे युग में कोई भी दादाभाई नौरोजी जैसा नहीं था।" दूसरी ओर गोखले ने कहा था-"यदि मनुष्य में कहीं देवत्व है, तो वह दादाभाई में है।"

12. इनमें से किसे 'दि ग्रैंड ओल्ड मैन' के नाम से जाना जाता है? [U.P.R.O./A.R.O. (Pre) 2014]

Correct Answer: (c) दादाभाई नौरोजी
Solution:दादाभाई नौरोजी को लोग श्रद्धा से 'भारत के वयोवृद्ध नेता' (Grand Old Man of India) के नाम से स्मरण करते हैं। 1892 ई. में वे पहले भारतीय थे, जो उदारवादी दल की ओर से सेंट्रल फिंसबरी चुनाव क्षेत्र से ब्रिटिश संसद के सदस्य चुने गए। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1886 ई., 1893 ई. और वर्ष 1906 में अध्यक्ष भी रहे। सी.वाई. चिंतामणि ने दादाभाई नौरोजी के विषय में कहा था कि "भारत के सार्वजनिक जीवन को अनेक बुद्धिमान और निःस्वार्थ नेताओं ने सुशोभित किया है; परंतु हमारे युग में कोई भी दादाभाई नौरोजी जैसा नहीं था।" दूसरी ओर गोखले ने कहा था-"यदि मनुष्य में कहीं देवत्व है, तो वह दादाभाई में है।"

13. निम्नलिखित में से कौन कथन दादाभाई नौरोजी के विषय में सत्य नहीं है? [U.P. Lower Sub. (Pre) 2008]

Correct Answer: (d) वे ब्रिटिश पार्लियामेंट के सदस्य के रूप में अनुदारवादी पार्टी के टिकट पर चुने गए थे।
Solution:दादाभाई नौरोजी 1892 ई. में ब्रिटिश पार्लियामेंट के सदस्य के रूप में उदारवादी पार्टी (Liberal Party) के टिकट पर चुने गए थे। अतः कथन (d) सही नहीं है, अन्य तीनों कथन सत्य हैं।

14. दादाभाई नौरोजी के विषय में निम्नलिखित में से कौन-सा एक कथन असत्य है? [U.P.P.C.S. (Pre) 2014]

Correct Answer: (d) उन्होंने चार बार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्षता की थी।
Solution:दादाभाई नौरोजी पहले भारतीय थे, जो एलफिंस्टन कॉलेज, बंबई में गणित एवं नेचुरल फिलॉसफी के प्रोफेसर नियुक्त हुए थे। 1892 से 1895 ई. तक ये उदारवादी दल से ब्रिटिश पार्लियामेंट के सदस्य रहे। इन्होंने एक गुजराती पत्रिका 'रास्त गोफ्तार' की शुरुआत 1851 ई. में की थी। दादाभाई नौरोजी ने 1886 ई., 1893 ई. तथा वर्ष 1906 में कुल तीन बार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्षता की थी।

15. ब्रिटिश पार्लियामेंट में चुना जाने वाला प्रथम भारतीय कौन था? [U.P.P.C.S. (Pre) 1992]

Correct Answer: (c) दादाभाई नौरोजी
Solution:दादाभाई नौरोजी (Grand Old Man of India) प्रथम भारतीय थे, जो 1892 ई. में उदारवादी दल की ओर से फिंसबरी से ब्रिटिश संसद के सदस्य चुने गए। अपने लंदन प्रवास (1855-69) के दौरान दादाभाई नौरोजी ने अंग्रेजों को भारतीयों की समस्याओं से अवगत कराने के उद्देश्य से 'लंदन इंडियन सोसाइटी' (1865) तथा 'ईस्ट इंडिया एसोसिएशन' (1866) नामक संस्थाएं स्थापित की थीं।

16. नरम दल और गरम दल के रूप में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का विभाजन किस अधिवेशन में हुआ? [U.P.P.C.S. (Pre) 1990]

Correct Answer: (b) सूरत
Solution:वर्ष 1907 में सूरत में आयोजित कांग्रेस के 23वें वार्षिक अधिवेशन में उदारवादियों (नरम दल) और उग्रवादियों (गरम दल) में अध्यक्ष पद को लेकर कांग्रेस का विभाजन हो गया। उग्रपंथी जहां लाला लाजपत राय को अध्यक्ष बनाना चाहते थे, वहीं उदारवादी रास बिहारी घोष को अध्यक्ष बनाना चाहते थे। अंततः रास बिहारी घोष अध्यक्ष बनने में सफल हुए। सम्मेलन में उग्रवादियों द्वारा वर्ष 1906 में पास करवाए गए प्रस्ताव-स्वदेशी, बहिष्कार, राष्ट्रीय शिक्षा और स्वशासन के प्रयोग को लेकर विवाद और गहरा हो गया और अंततः दोनों पक्षों में खुले संघर्ष के बाद कांग्रेस में पहला विभाजन हो गया।

17. किस अधिवेशन में कांग्रेस नरम एवं गरम दल में विभाजित हो गई थी? [M.P. P.C.S. (Pre) 2022]

Correct Answer: (b) सूरत
Solution:वर्ष 1907 में सूरत में आयोजित कांग्रेस के 23वें वार्षिक अधिवेशन में उदारवादियों (नरम दल) और उग्रवादियों (गरम दल) में अध्यक्ष पद को लेकर कांग्रेस का विभाजन हो गया। उग्रपंथी जहां लाला लाजपत राय को अध्यक्ष बनाना चाहते थे, वहीं उदारवादी रास बिहारी घोष को अध्यक्ष बनाना चाहते थे। अंततः रास बिहारी घोष अध्यक्ष बनने में सफल हुए। सम्मेलन में उग्रवादियों द्वारा वर्ष 1906 में पास करवाए गए प्रस्ताव-स्वदेशी, बहिष्कार, राष्ट्रीय शिक्षा और स्वशासन के प्रयोग को लेकर विवाद और गहरा हो गया और अंततः दोनों पक्षों में खुले संघर्ष के बाद कांग्रेस में पहला विभाजन हो गया।

18. भारतीय कांग्रेस कहां पर उदारवादियों एवं उग्रवादियों दो भागों में विभाजित हो गई? [U.P.P.C.S. (Mains) 2012]

Correct Answer: (a) सूरत अधिवेशन, 1907
Solution:वर्ष 1907 में सूरत में आयोजित कांग्रेस के 23वें वार्षिक अधिवेशन में उदारवादियों (नरम दल) और उग्रवादियों (गरम दल) में अध्यक्ष पद को लेकर कांग्रेस का विभाजन हो गया। उग्रपंथी जहां लाला लाजपत राय को अध्यक्ष बनाना चाहते थे, वहीं उदारवादी रास बिहारी घोष को अध्यक्ष बनाना चाहते थे। अंततः रास बिहारी घोष अध्यक्ष बनने में सफल हुए। सम्मेलन में उग्रवादियों द्वारा वर्ष 1906 में पास करवाए गए प्रस्ताव-स्वदेशी, बहिष्कार, राष्ट्रीय शिक्षा और स्वशासन के प्रयोग को लेकर विवाद और गहरा हो गया और अंततः दोनों पक्षों में खुले संघर्ष के बाद कांग्रेस में पहला विभाजन हो गया।

19. 1907 के भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सूरत के वार्षिक अधिवेशन के अध्यक्ष थे- [U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2010 U.P.P.C.S. (Mains) 2007]

Correct Answer: (d) आर.बी. घोष
Solution:वर्ष 1907 में सूरत में आयोजित कांग्रेस के 23वें वार्षिक अधिवेशन में उदारवादियों (नरम दल) और उग्रवादियों (गरम दल) में अध्यक्ष पद को लेकर कांग्रेस का विभाजन हो गया। उग्रपंथी जहां लाला लाजपत राय को अध्यक्ष बनाना चाहते थे, वहीं उदारवादी रास बिहारी घोष को अध्यक्ष बनाना चाहते थे। अंततः रास बिहारी घोष अध्यक्ष बनने में सफल हुए। सम्मेलन में उग्रवादियों द्वारा वर्ष 1906 में पास करवाए गए प्रस्ताव-स्वदेशी, बहिष्कार, राष्ट्रीय शिक्षा और स्वशासन के प्रयोग को लेकर विवाद और गहरा हो गया और अंततः दोनों पक्षों में खुले संघर्ष के बाद कांग्रेस में पहला विभाजन हो गया।

20. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वर्ष 1906 में विख्यात कलकत्ता अधिवेशन में चार संकल्प पारित किए गए थे। सूरत में 1907 में हुए कांग्रेस के अगले अधिवेशन में इन चारों संकल्पों को स्वीकार करने अथवा उन्हें अस्वीकृत करने के प्रश्न पर कांग्रेस में विभाजन हो गया था। निम्नलिखित में से कौन-सा एक संकल्प इन चारों संकल्पों में नहीं था? [I.A.S. (Pre) 2010]

Correct Answer: (a) बंगाल के विभाजन को रद्द करना
Solution:वर्ष 1907 में सूरत में आयोजित कांग्रेस के 23वें वार्षिक अधिवेशन में उदारवादियों (नरम दल) और उग्रवादियों (गरम दल) में अध्यक्ष पद को लेकर कांग्रेस का विभाजन हो गया। उग्रपंथी जहां लाला लाजपत राय को अध्यक्ष बनाना चाहते थे, वहीं उदारवादी रास बिहारी घोष को अध्यक्ष बनाना चाहते थे। अंततः रास बिहारी घोष अध्यक्ष बनने में सफल हुए। सम्मेलन में उग्रवादियों द्वारा वर्ष 1906 में पास करवाए गए प्रस्ताव-स्वदेशी, बहिष्कार, राष्ट्रीय शिक्षा और स्वशासन के प्रयोग को लेकर विवाद और गहरा हो गया और अंततः दोनों पक्षों में खुले संघर्ष के बाद कांग्रेस में पहला विभाजन हो गया।