काली मिट्टी (मिट्टियां)

Total Questions: 16

1. काली कपास मिट्टी निम्नलिखित में से किस नाम से भी जानी जाती है? [U.P. R.O./A.R.O. (Mains) 2016]

Correct Answer: (d) रेगुर
Solution:काली मिट्टी को स्थानीय रूप से रेगुर/रेगड़ (Regur) या कपास मिट्टी या उष्णकटिबन्धीय चेर्नोजेम (Chernozem) आदि अलग-अलग नामों से जाना जाता है। भारत में इस मिट्टी का विस्तार मुख्यतः महाराष्ट्र और साथ ही पश्चिमी मध्य प्रदेश, गुजरात आदि राज्यों के क्षेत्र पर मिलता है। महाराष्ट्र में रेगुर मिट्टी का विस्तार सर्वाधिक है।

2. कथन : [U.P.P.C.S. (Pre) 1999]

कथन (A): दक्षिणी ट्रैप की रेगड़ मिट्टियां काली होती हैं।

कारण (R) : उनमें ह्यूमस प्रचुर मात्रा में होता है।

नीचे दिए हुए कूट से सही उत्तर चुनिए-

Correct Answer: (c) (A) सही है, किंतु (R) गलत है।
Solution:दक्कन ट्रैप की काली मिट्टी को 'रेगड़' या 'रेगुर' के नाम से भी जाना जाता है। यह कपास की खेती के लिए अत्यधिक उपयुक्त होती है। इनमें लोहा, चूना, कैल्शियम, पोटॉश, एल्युमीनियम एवं मैग्नीशियम कार्बोनेट की अधिकता और नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और जैविक पदार्थों (ह्यूमस) की कमी पाई जाती है। अतः कथन (A) सही है, जबकि कारण (R) गलत है।

3. भारत की निम्नलिखित मिट्टियों में से कपास की खेती के लिए कौन-सी सर्वाधिक उपयुक्त है? [U.P.P.C.S. (Mains) 2014]

Correct Answer: (a) रेगुर मिट्टी
Solution:दक्कन ट्रैप की काली मिट्टी को 'रेगड़' या 'रेगुर' के नाम से भी जाना जाता है। यह कपास की खेती के लिए अत्यधिक उपयुक्त होती है। इनमें लोहा, चूना, कैल्शियम, पोटॉश, एल्युमीनियम एवं मैग्नीशियम कार्बोनेट की अधिकता और नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और जैविक पदार्थों (ह्यूमस) की कमी पाई जाती है।

4. कथन : [U.P.P.C.S. (Pre) 2013]

कथन (A) : काली मिट्टी कपास की खेती के लिए उपयुक्त है।

कारण (R) : उनमें जैव तत्व प्रचुर मात्रा में होता है।

नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए -

Correct Answer: (c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
Solution:काली मिट्टी में तीव्र जलधारण की क्षमता पाई जाती है। यह भीगने पर ठोस और चिपचिपी हो जाती है और सूखने पर आकुंचित एवं दरारयुक्त हो जाती है। इसलिए इसे 'स्वतः जुताई' वाली मिट्टी कहा जाता है। यह मिट्टी कपास की खेती के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है। इस मिट्टी का रंग गहरा काला से हल्का काला और चेस्टनट की तरह होता है। सामान्यतया इसमें लोहा, चूना, कैल्शियम, पोटाश, एल्युमीनियम और मैग्नीशियम कार्बोनेट की प्रचुरता पाई जाती है, परंतु नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और जैव पदार्थों (ह्यूमस) की कमी पाई जाती है।

5. कथन : [U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2004]

Correct Answer: (c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
Solution:काली मिट्टी में तीव्र जलधारण की क्षमता पाई जाती है। यह भीगने पर ठोस और चिपचिपी हो जाती है और सूखने पर आकुंचित एवं दरारयुक्त हो जाती है। इसलिए इसे 'स्वतः जुताई' वाली मिट्टी कहा जाता है। यह मिट्टी कपास की खेती के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है। इस मिट्टी का रंग गहरा काला से हल्का काला और चेस्टनट की तरह होता है। सामान्यतया इसमें लोहा, चूना, कैल्शियम, पोटाश, एल्युमीनियम और मैग्नीशियम कार्बोनेट की प्रचुरता पाई जाती है, परंतु नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और जैव पदार्थों (ह्यूमस) की कमी पाई जाती है।

6. देश की निम्नलिखित मिट्टियों में से किसे 'स्वतः कृष्य मिट्टी' कहा जाता है? [U.P. Lower Sub. (Pre) 2009]

Correct Answer: (c) कपास की काली मिट्टी
Solution:काली मिट्टी में तीव्र जलधारण की क्षमता पाई जाती है। यह भीगने पर ठोस और चिपचिपी हो जाती है और सूखने पर आकुंचित एवं दरारयुक्त हो जाती है। इसलिए इसे 'स्वतः जुताई' वाली मिट्टी कहा जाता है। यह मिट्टी कपास की खेती के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है। इस मिट्टी का रंग गहरा काला से हल्का काला और चेस्टनट की तरह होता है। सामान्यतया इसमें लोहा, चूना, कैल्शियम, पोटाश, एल्युमीनियम और मैग्नीशियम कार्बोनेट की प्रचुरता पाई जाती है, परंतु नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और जैव पदार्थों (ह्यूमस) की कमी पाई जाती है।

7. कौन सी मिट्टी कपास की खेती के लिए सबसे उपयुक्त है? [M.P.P.C.S. (Pre) 2004]

Correct Answer: (a) काली
Solution:काली मिट्टी में तीव्र जलधारण की क्षमता पाई जाती है। यह भीगने पर ठोस और चिपचिपी हो जाती है और सूखने पर आकुंचित एवं दरारयुक्त हो जाती है। इसलिए इसे 'स्वतः जुताई' वाली मिट्टी कहा जाता है। यह मिट्टी कपास की खेती के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है। इस मिट्टी का रंग गहरा काला से हल्का काला और चेस्टनट की तरह होता है। सामान्यतया इसमें लोहा, चूना, कैल्शियम, पोटाश, एल्युमीनियम और मैग्नीशियम कार्बोनेट की प्रचुरता पाई जाती है, परंतु नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और जैव पदार्थों (ह्यूमस) की कमी पाई जाती है।

8. लावा मिट्टियां पाई जाती हैं- [U.P.P.C.S. (Pre) 1998]

Correct Answer: (c) मालवा पठार में
Solution:पश्चिमी भारत की काली मिट्टी का निर्माण लावा से हुआ है। इसलिए इसे लावा मिट्टी भी कहते हैं। मालवा का पठार इसी दक्कन ट्रैप की काली मिट्टी क्षेत्र के अंतर्गत आता है।

9. भारत की निम्न मिट्टियों में से कौन बेसाल्ट लावा के अपक्षय के कारण निर्मित हुई है? [U.P.P.C.S. Re. Exam (Pre) 2015 U.P. Lower Sub. (Pre) 2015]

Correct Answer: (d) रेगुर मिट्टियां
Solution:भारत में रेगुर मिट्टियों का निर्माण बेसाल्ट लावा के अपक्षय के कारण हुआ है। इसे काली मिट्टी भी कहते हैं। ये मिट्टियां दक्कन ट्रैप के ऊपरी भागों में विशेष रूप से महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना तथा कर्नाटक में पाई जाती हैं।

10. भारत में काली कपास मृदा की रचना, निम्नलिखित में से किसके अपक्षयण से हुई है? [I.A.S. (Pre) 2021]

Correct Answer: (b) विदरी (फिशर) ज्वालामुखीय चट्टान
Solution:भारत में काली कपास मृदा की रचना विदरी (फिशर) ज्वालामुखीय चट्टान के अपक्षयण से हुई है।