कुछ वर्गों के लिए विशेष उपबंध

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1. भारतीय संविधान का भाग 16 (अनुच्छेद 330 से 342 तक) संबंधित है- [U.P. P.C.S. (Spl.) (Mains) 2004]

Correct Answer: (d) लोक सभा में अनुसूचित जाति, जनजाति के आरक्षण तथा आंग्ल-भारतीय समुदाय के प्रतिनिधित्व से
Solution:भारतीय संविधान के भाग 16 (अनु. 330 से 342क तक) के तहत कतिपय विशेष वर्गों के लिए उपबंधों की व्यवस्था की गई है-

अनुच्छेद 330      -        लोक सभा में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थानों का आरक्षण

अनुच्छेद 331        -       लोक सभा में आंग्ल-भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व

उल्लेखनीय है कि 104वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2019 द्वारा लोक सभा में राष्ट्रपति द्वारा आंग्ल-भारतीय समुदाय के दो सदस्यों को नाम-निर्देशित करने के प्रावधान को अब निष्प्रभावी कर दिया गया है

2. भारत के संविधान में लोक सभा में अनुसूचित जनजातियों के लिए व्यवस्था की गई है- [U.P.P.S.C. (GIC) 2010]

Correct Answer: (a) अनुच्छेद 330 में
Solution:भारतीय संविधान में लोक सभा में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण की व्यवस्था अनुच्छेद 330 में की गई है, जबकि ऐसा ही राज्यों की विधानसभाओं के संदर्भ में अनुच्छेद 332 द्वारा किया गया है।

3. किसी जाति तथा जनजाति को अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति घोषित करने हेतु, शक्ति संपन्न सांविधानिक प्राधिकारी है- [U.P.P.C.S. (Pre) 2016 U.P. P.C.S. (Mains) 2006]

Correct Answer: (a) भारत का राष्ट्रपति
Solution:संविधान के अनु. 341 (1) के तहत राष्ट्रपति किसी राज्य के संबंध में संबंधित राज्यपाल से परामर्श के बाद उस राज्य की किसी जाति को अनुसूचित जाति के रूप में विनिर्दिष्ट कर सकता है। साथ ही अनु. 341(2) के तहत संसद, विधि द्वारा किसी जाति को विनिर्दिष्ट अनुसूचित जातियों की सूची में सम्मिलित या उसमें से अपवर्जित कर सकती है। इसी प्रकार की शक्ति राष्ट्रपति को अनुसूचित जनजातियों के संदर्भ में अनुच्छेद 342 द्वारा प्रदान की गई है।

4. इनमें से कौन-सा कथन सही नहीं है? [M.P.P.C.S. (Pre) 1994]

Correct Answer: (c) अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों की सूचियां संबंधित राज्य सरकारों द्वारा बनाई और संशोधित की जाती हैं।
Solution:संविधान के अनुच्छेद 341 (1) और 342(1) के प्रावधानों के तहत अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों की सूचियां प्रत्येक राज्य के लिए उस राज्य के राज्यपाल से परामर्श के पश्चात राष्ट्रपति द्वारा वर्ष 1950 में जारी आदेश के तहत बनाई गई हैं। साथ ही अनुच्छेद 341(2) और 342(2) के उपबंधों के तहत संसद ही इन सूचियों में कोई संशोधन विधि बनाकर कर सकती है। कोई जाति/जनजाति, पूरे राज्य अथवा उसके किसी भाग के लिए अनुसूचित जाति/जनजाति घोषित की जा सकती है।

5. अनुसूचित जनजाति का दर्जा- [R.A.S./R.T.S. (Pre) 2010]

Correct Answer: (b) धर्मनिष्ठा से तटस्थ है।
Solution:संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश, 1950 के तहत अनुसूचित जनजाति का दर्जा धर्मनिष्ठा से तटस्थ है तथा इसमें किसी भी धर्म को मानने वाली जनजाति को शामिल किया जा सकता है। जबकि संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश, 1950 के पैरा-3 के अनुसार, अनुसूचित जातियों में केवल हिंदू (जिसमें बौद्ध एवं सिख भी शामिल हैं) धर्म के व्यक्ति ही आ सकते हैं, अन्य के नहीं। 1956 में इस आदेश में संशोधन करके सिक्खों और 1990 में बौद्धों को सम्मिलित किया गया था। रंगनाथ मिश्र की अध्यक्षता वाले 'राष्ट्रीय धार्मिक और भाषायी अल्पसंख्यक आयोग' (NCRLM) ने इस पैरा को निरस्त किए जाने की संस्तुति की थी।

6. किसी समुदाय को अनुसूचित जनजाति के रूप में घोषित करने के लिए आवश्यक विशिष्टताएं हैं- [69th B.P.S.C. (Pre) 2023]

1. आदिम लक्षणों के संकेत

2. विशिष्ट संस्कृति

3. बड़े पैमाने पर समुदाय के साथ संपर्क में शर्म

4. पिछड़ापन एवं भौगोलिक अलगाव

उपर्युक्त में से कौन-से सही हैं?

 

Correct Answer: (d) उपर्युक्त सभी
Solution:किसी समुदाय को अनुसूचित जनजाति के रूप में घोषित करने के लिए आवश्यक विशिष्टताएं निम्नलिखित मानी गई हैं-

• आदिम लक्षणों के संकेत (Indications of Primitive Traits)

• विशिष्ट संस्कृति (Distinctive Culture)

•बड़े पैमाने पर समुदाय के साथ संपर्क में शर्म (Shyness of contact with the community at large)

• पिछड़ापन एवं भौगोलिक अलगाव (Backwardness and Geographical isolation)

7. 14 अगस्त, 2007 को संसद द्वारा भारतीय संविधान में संशोधन के उपरांत अब अनुसूचित जाति की सूची में जातियों की संख्या कितनी है? [48th to 52nd B.P.S.C. (Pre) 2008]

Correct Answer: (b) 1206
Solution:14 अगस्त, 2007 को संसद द्वारा संविधान (अनुसचित जाति) आदेश, 1950 में किए गए संशोधन के बाद अनुसूचित जाति की सूची में अनु- सूचित जातियों की संख्या 1206 हो गई थी। वर्तमान में (15 फरवरी, 2024 तक यथासंशोधित) अनुसूचित जाति की सूची में शामिल कुल जातियों/जाति-समूहों की संख्या (क्रमांक अनुसार) 1257 है। जनगणना 2011 के अनुसार, भारत में अनुसूचित जातियों के व्यक्तियों की संख्या कुल जनसंख्या का 16.6 प्रतिशत है।

8. निम्न में किस प्रदेश में सर्वाधिक अनुसूचित जनजाति हैं? [U.P.P.C.S. (Pre) 1991]

Correct Answer: (b) मध्य प्रदेश
Solution:सर्वाधिक अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या वाला राज्य, मध्य प्रदेश है। जनगणना 2011 के आंकड़ों के अनुसार, देश के सर्वाधिक अनुसूचित जनजाति जनसंख्या वाले 4 राज्य क्रमशः हैं- मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और राजस्थान ।

9. निम्न में से किसमें / किनमें किसी भी जाति के लिए आरक्षण नहीं है? [U.P. Lower Sub. (Pre) 1998]

Correct Answer: (e) (a) & (c)
Solution:अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण के प्रावधान लोक सभा एवं राज्यों की विधान सभाओं में किए गए हैं। परंतु राज्य सभा और राज्य विधान परिषदों में किसी भी जाति के लिए संविधान में आरक्षण का प्रावधान नहीं है। ध्यातव्य है कि जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के तहत जम्मू और कश्मीर राज्य को जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख नामक दो संघ राज्यक्षेत्रों में विभाजित कर दिया गया है। इस प्रकार वर्तमान जम्मू और कश्मीर संघ राज्यक्षेत्र में विधान परिषद का अस्तित्व अब समाप्त हो गया है। इस अधिनियम की धारा 14 (6) के तहत जम्मू और कश्मीर विधानसभा में अनु. जाति एवं अनु. जनजाति के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है।

10. अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए एक राष्ट्रीय आयोग गठित करने का प्रावधान संविधान के किस अनुच्छेद के अंतर्गत किया गया है? [U.P. P.C.S. (Pre) 2013 Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2005 U.P.U.D.A./L.D.A. (Spl.) (Mains) 2010]

Correct Answer: (a) 338 और 338A
Solution:भारतीय संविधान के भाग 16 में कुछ वर्गों के संबंध में विशेष उपबंध किए गए हैं। मूलतः अनुच्छेद 338 के तहत राष्ट्रीय अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग के गठन का प्रावधान था, किंतु 89वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2003 के द्वारा एक नया अनुच्छेद 338- A (338-क) जोड़कर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग का पृथक गठन कर दिया गया है तथा अनुच्छेद 338 के तहत अब केवल राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के गठन की व्यवस्था है। प्रत्येक आयोग में एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष और तीन सदस्यों की राष्ट्रपति द्वारा नियुक्ति का प्रावधान है।