क्रांतिकारी गतिविधियां

Total Questions: 25

21. 1910 में मध्य भारत में ....... विद्रोह शुरू हो गया था। [दिल्ली पुलिस कांस्टेबिल 20 नवंबर, 2023 (I-पाली)]

Correct Answer: (c) बस्तर
Solution:बस्तर विद्रोह जिसे भूमकाल आंदोलन के रूप में भी जाना जाता है, 1910 में भारत में बस्तर रियासत के स्थानीय राजा और ब्रिटिश राज के खिलाफ एक आदिवासी विद्रोह था। इसका नेतृत्व मुख्य रूप से गुंडाधुर ने किया था, जो एक आदिवासी नेता थे, साथ ही एक दीवान और राजा के चचेरे भाई लाल करेंद्र सिंह ने भी इसका नेतृत्व किया था।

22. वेल्लोर में सिपाही विद्रोह किस वर्ष हुआ था? [दिल्ली पुलिस कांस्टेबिल 16 नवंबर, 2023 (I-पाली)]

Correct Answer: (a) 1806 ईस्वी
Solution:वेल्लोर विद्रोह 1806 ई. में हुआ और यह ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ भारतीय सिपाहियों द्वारा बड़े पैमाने पर और हिंसक विद्रोह का पहला उदाहरण था, जो 1857 के भारतीय विद्रोह से लगभग आधी सदी पहले हुआ था।

23. सोहन सिंह भकना और हरदयाल मुख्य रूप से निम्नलिखित में से किस संगठन से जुड़े थे? [CGL (T-I) 17 जुलाई, 2023 (III-पाली)]

Correct Answer: (b) गदर पार्टी
Solution:वर्ष 1913 में सोहन सिंह भकना ने 'एसोसिएशन ऑफ हिंदुस्तानी वर्कर्स ऑफ पैसिफिक कोस्ट' या 'हिंदुस्तानी वर्कर्स ऑफ द पैसिफिक कोस्ट' (दोनों नामों का उल्लेख मिलता है) नामक संस्था की स्थापना की। इस संस्था ने 'गदर' नामक एक अखबार निकाला, जिससे इस संस्था का नाम भी 'गदर पार्टी' (स्थापना 21 अप्रैल, 1913) पड़ गया। लाला हरदयाल इस संस्था के मनीषी पथ प्रदर्शक थे।

24. "इंडिया हाउस" एक क्रांतिकारी संगठन, श्यामजी कृष्ण वर्मा द्वारा भारतीय राष्ट्रवाद के प्रसार के लिए ....... में स्थापित किया गया था। [CGL (T-I) 19 जुलाई, 2023 (IV-पाली)]

Correct Answer: (c) लंदन
Solution:फरवरी, 1905 में लंदन में श्यामजी कृष्ण वर्मा ने इंडियन होमरूल सोसाइटी की स्थापना की। इन्होंने ही 'इंडिया हाउस' की भी स्थापना की थी। यहां से एक समाचार पत्र 'द इंडियन सोशियोलॉजिस्ट' का प्रकाशन भी प्रारंभ किया। लंदन में सरकारी तंत्र के विशेष सक्रिय होने के कारण श्यामजी वहां से पेरिस और अंततः जेनेवा चले गए।

25. किस देश के अधिकारियों ने भारतीयों को ले जा रहे जहाज कामागाटामारू को प्रवेश की अनुमति देने से इनकार कर दिया ? [CGL (T-I) 18 जुलाई, 2023 (I-पाली)]

Correct Answer: (c) कनाडा
Solution:कामागाटामारू, कनाडा की यात्रा पर निकला एक जलपोत था, जिसे प्रथम विश्व युद्ध के दौरान भारत के गुरदीत सिंह ने किराए पर लेकर उस पर 376 यात्रियों को बैठाकर कनाडा के बंदरगाह बैंकूवर की ओर प्रस्थान किया था। तट पर पहुंचने के बाद कनाडाई पुलिस ने भारतीय यात्रियों की घेराबंदी कर उन्हें देश में प्रवेश करने से रोक दिया।