गंगा संरक्षण

Total Questions: 12

1. यमुना एक्शन प्लान औपचारिक रूप से प्रारंभ किया गया था- [U.P.P.C.S. (Mains) 2016]

Correct Answer: (c) 1993 में
Solution:गंगा कार्ययोजना प्रथम चरण वर्ष 1985 में आरंभ हुआ था।' यमुना कार्ययोजना' (Yamuna Action Plan) तथा 'गोमती कार्ययोजना (Gomati Action Plan) को अप्रैल, 1993 में गंगा कार्ययोजना द्वितीय चरण के तहत अनुमोदित किया गया। यमुना कार्ययोजना (Yamuna Action Plan) का प्रथम चरण अप्रैल, 1993 से वर्ष 2003 तक कार्यान्वित किया गया। यमुना कार्ययोजना का द्वितीय चरण दिसंबर, 2004 से प्रारंभ हुआ। 'नमामि गंगे' योजना के अंतर्गत 7 मई, 2016 से यमुना एक्शन प्लान III आरंभ हो चुका है।

2. निम्नलिखित में से कौन-सी 'राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण' (National Ganga River Basin Authority-NGRBA) की प्रमुख विशेषताएं हैं? [I.A.S. (Pre) 2016]

1. नदी बेसिन, योजना एवं प्रबंधन की इकाई है।

2. यह राष्ट्रीय स्तर पर नदी संरक्षण प्रयासों की अगुवाई करता है।

3. NGRBA का अध्यक्ष चक्रानुक्रमिक आधार पर उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों में से एक होता है, जिससे होकर गंगा बहती है।

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।

Correct Answer: (a) केवल 1 और 2
Solution:प्रश्नकाल में पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा 3(3) के तहत, राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण (National Ganga River Basin Authority) का गठन फरवरी, 2009 में हुआ था। इसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते थे। उन राज्यों के मुख्यमंत्री जिनसे गंगा होकर बहती है, इस प्राधिकरण के सदस्य होते थे। इस प्राधिकरण का उद्देश्य, गंगा नदी के संरक्षण को सुनिश्चित करना था। यह राष्ट्रीय स्तर पर नदी संरक्षण प्रयासों की अगुवाई करता था। यह प्राधिकरण गंगा नदी के लिए योजना, वित्त, निगरानी और नियामक के संदर्भ में कार्य करता था। ध्यातव्य है कि वर्ष 2016 में इसे राष्ट्रीय गंगा परिषद (National Ganga Council) द्वारा प्रतिस्थापित कर दिया गया।

3. वर्ष 2009 में भारत में स्वच्छ गंगा के लिए निम्न स्थापित किया गया- [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2013 Uttarakhand P.C.S.(Pre) 2021]

Correct Answer: (c) राष्ट्रीय गंगा नदी तलहटी प्राधिकरण
Solution:स्वच्छ गंगा के लिए 20 फरवरी, 2009 को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में राष्ट्रीय गंगा नदी तलहटी (Basin) प्राधिकरण का गठन किया गया। 22 जुलाई, 2016 को गंगा नदी के गाद को हटाने के लिए गाइडलाइन बनाने हेतु माधव चिताले की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई।

4. कृषि मृदाओं के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए- [I.A.S. (Pre) 2018]

1. मृदा में कार्बनिक पदार्थ का उच्च अंश इसकी जलधारण क्षमता को प्रबल रूप से कम करता है।

2. गंधक चक्र में मृदा की कोई भूमिका नहीं होती है।

3. कुछ समयावधि तक सिंचाई कुछ कृषि भूमियों के लवणीकरण (Salinization) में योगदान कर सकती है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

Correct Answer: (b) केवल 3
Solution:गुरुत्वीय जल (Gravitational Water) के रिस जाने के पश्चात मिट्टी में बचे हुए जल की अधिकतम मात्रा को मृदा जलधारिता/जलधारण क्षमता कहते हैं। मृदा में पाए जाने वाले कार्बनिक पदार्थ मृदा के कणों को अत्यधिक सघन बना देते हैं। जिस कारण मृदा की जलधारण क्षमता बढ़ जाती है। अतः कथन (1) गलत है। सल्फर, प्रोटीन, विटामिन व अमीनो एसिड का प्रमुख घटक है। यह सामान्यतः सल्फेट के रूप में मिट्टी और चट्टानों के रूप में पाया जाता है। पादप इसे सल्फेट के रूप में ग्रहण करते हैं। मृत जीवों के अपघटन द्वारा प्राप्त H₂S के ऑक्सीकरण से सल्फर प्राप्त होता है। इस प्रकार गंधक चक्र में मृदा की भूमिका प्रत्यक्ष रूप से है। अतः कथन (2) भी गलत है। कुछ समयावधि तक सिंचाई के कारण लवण, भूमि की सतह पर आ जाता है और जल के वाष्पीकरण के पश्चात इसके अपशिष्ट सतह पर शेष रह जाते हैं। यह मृदा के ऊपरी परत में लवण को एकत्रित भी कर सकता है। इस प्रकार मृदा में अत्यधिक मात्रा में लवण का निर्माण होता है, जिसे लवणीकरण (Salinization) कहा जाता है। अतः कथन (3) सही है। इस प्रकार विकल्प (b) सही उत्तर होगा।

5. किस वर्ष केंद्रीय जल आयोग ने सिंचाई अनुसंधान एवं प्रबंध संगठन की स्थापना की ? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2016]

Correct Answer: (a) 1984
Solution:केंद्रीय जल आयोग द्वारा वर्ष 1984 में सिंचाई अनुसंधान एवं प्रबंध संगठन की स्थापना की गई। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य, सिंचाई प्रणालियों को सुधारना, सिंचाई संस्थाओं को कुशल बनाना तथा अनुरक्षण करना था।

6. निम्नलिखित में से कौन-सा/से मानव क्रिया-कलापों के कारण हाल में बहुत अधिक संकुचित हो गया है/सूख गया है? [I.A.S. (Pre) 2018]

1. अराल सागर

2. काला सागर

3. बैकाल सागर

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए -

Correct Answer: (a) केवल 1
Solution:अरल सागर मानवीय क्रिया-कलापों के कारण अत्यंत संकुचित अथवा लगभग सूख गया है। नासा द्वारा अरल सागर का उपग्रहीय चित्र वर्ष 1989 की स्थिति से तुलना करते हुए वर्ष 2014 में प्रदर्शित किया गया। इस चित्र में (वर्ष 2014) अरल सागर को लगभग सूखा हुआ दिखाया गया है। काला सागर एवं बैकाल झील में भी संकुचन जरूर हुआ है लेकिन यह अरल सागर की तुलना में कम है।

7. निम्न में से किस वर्ष भारत सरकार द्वारा 'केंद्रीय गंगा प्राधिकरण' का गठन किया गया? [U.P.P.C.S. (Mains) 2014]

Correct Answer: (c) 1985 में
Solution:'केंद्रीय गंगा प्राधिकरण' का गठन तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की अध्यक्षता में फरवरी, 1985 में किया गया। सितंबर, 1995 में इसका नाम बदल कर 'राष्ट्रीय नदी संरक्षण प्राधिकरण' (NRCA) कर दिया गया। इसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते हैं।

8. भारत में 'केंद्रीय गंगा प्राधिकरण' की स्थापना कब की गई थी? [M.P. P.C.S. (Pre) 2016]

Correct Answer: (d) 1985
Solution:'केंद्रीय गंगा प्राधिकरण' का गठन तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की अध्यक्षता में फरवरी, 1985 में किया गया। सितंबर, 1995 में इसका नाम बदल कर 'राष्ट्रीय नदी संरक्षण प्राधिकरण' (NRCA) कर दिया गया। इसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते हैं।

9. केंद्रीय बजट 2014 में समन्वित गंगा संरक्षण अभियान को कहा गया है [Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2012]

Correct Answer: (d) नमामि गंगे
Solution:तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में प्रस्तुत वर्ष 2014-15 के केंद्रीय बजट में 'नमामि गंगे' नामक एक एकीकृत गंगा विकास परियोजना की घोषणा की थी और इस उद्देश्य के लिए 2037 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया था। इसके अलावा गंगा के घाटों के विकास और सौंदर्याकरण हेतु अलग से 100 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया गया है। यह सौंदर्याकरण केदारनाथ, हरिद्वार, कानपुर, इलाहाबाद (अब प्रयागराज), वाराणसी व पटना के घाटों पर कराए जाएंगे।

10. राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण का गठन किया गया है- [U.P.P.C.S. (Mains) 2010]

Correct Answer: (b) फरवरी, 2009 में
Solution:राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण (NGRBA) का गठन 20 फरवरी, 2009 को पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा 3(3) के अंतर्गत किया गया है। इस प्राधिकरण का लक्ष्य, वर्ष 2020 तक गंगा को उसमें प्रवाहित होने वाले औद्योगिक अपशिष्ट व अशोधित सीवेज जल से मुक्ति दिलाना था।