गरीबी (भाग-2)

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41. कथन (A): विकास की ऊंची दर के साथ शिक्षित बेरोजगारी बढ़ती है। [U.P.P.C.S. (Mains) 2005]

कारण (R) : यह तब ही होता है, जब व्यावसायिक शिक्षा की कमी होती है।

Correct Answer: (a) (A) तथा (R) दोनों सही हैं और (R), (A) की सही व्याख्या है।
Solution:विकास की ऊंची दर के साथ रोजगार का भी सृजन होता है। इसमें रोजगार के अनुरूप शिक्षा प्राप्त व्यक्तियों को तो रोजगार प्राप्त हो जाता है, परंतु व्यावसायिक शिक्षा की कमी होने पर अनेक शिक्षित लोगों को रोजगार से वंचित भी रहना पड़ता है। अतः शिक्षित बेरोजगारी बढ़ती है। भारत में ऐसा ही हो रहा है। राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण संगठन (NSSO) ने अपने सर्वेक्षण में स्पष्ट किया है कि हाईस्कूल एवं उससे अधिक शिक्षा प्राप्त नवयुवकों में व्यावसायिक कौशल की कमी के कारण इनसे कम शिक्षा प्राप्त नवयुवकों की तुलना में बेरोजगारी दर उच्च है।

42. निम्न प्रश्नों में, एक बयान के बाद दो मान्यताएं दी गई हैं। बयान और मान्यताओं पर विचार करके फैसला करना है कि कौन-सी मान्यता बयान पर निर्भर करती है। [R.A.S./R.T.S. (Pre) 2013]

बयान : 18 वर्ष से ऊपर उम्र के सभी बेरोजगार भारतीय युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दिया जाना चाहिए।
मान्याताएं :
प्रथम: भारत में बेरोजगार युवाओं को आर्थिक मदद की जरूरत है।
द्वितीय : सरकार के पास सभी बेरोजगार युवाओं को भत्ता प्रदान करने के लिए पर्याप्त धन है।

Correct Answer: (a) सिर्फ प्रथम
Solution:बयान को सिर्फ प्रथम मान्यता ही संतुलित करती है, द्वितीय नहीं। बेरोजगार युवाओं को आर्थिक मदद की जरूरत होती है, जिससे वे अपनी न्यूनतम आवश्यकताओं की पूर्ति करते हुए भविष्य लक्ष्यी योजनाओं को अंजाम दे सकें

43. कथन (A): शहरी गरीबी की जड़ ग्रामीण क्षेत्रों में होती है। [U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2013]

कारण (R) : ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर निम्न होता है। उपर्युक्त कथनों पर विचार कीजिए तथा नीचे दिए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए :

Correct Answer: (a) (A) तथा (R) दोनों सही हैं और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
Solution:प्रश्नगत कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं एवं कथन, कारण की स्पष्ट व्याख्या कर रहा है। क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के स्तर के निम्न होने के कारण गांवों से प्रवासित व्यक्ति शहरों में निम्न स्तरीय रोजगार ही पाते हैं। इससे वे स्वयं तो गरीब बने ही रहते हैं, शहरी गरीबी में भी वृद्धि करते हैं।

44. वर्ष 1999-2000 में नगर क्षेत्र में प्रति एक हजार में रोजगार प्राप्त पुरुषों की संख्या के अनुसार, निम्नांकित राज्यों के नाम अवरोही क्रम (Descending order) में प्रस्तुत कीजिए- [U.P.P.C.S. (Pre) 2003 U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2001]

(A) मेघालय           (B) नगालैंड

(C) असम              (D) पश्चिम बंगाल

नीचे दिए गए कूट में से सही उत्तर का चयन कीजिए

Correct Answer: (c) D, C, B, A
Solution:प्रश्नकाल हेतु विकल्प (c) सही उत्तर था। 'आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण' (PLFS) रिपोर्ट, 2022-23 के अनुसार विकल्पगत राज्यों का अवरोही क्रम निम्न है- मेघालय नगालैंड > असम > पश्चिम बंगाल ।

45. 1994 और 2007 के दौरान भारत में संगठित क्षेत्र में रोजगार संवृद्धि में- [U.P.P.C.S.(Spl.) (Mains) 2008]

Correct Answer: (c) गिरावट आई है।
Solution:आर्थिक सर्वेक्षण, 2009-10 के अनुसार, वर्ष 1994 से 2007 के दौरान, भारत में संगठित क्षेत्र के रोजगार वृद्धि में गिरावट दर्ज की गई, जो मुख्य रूप से सार्वजनिक संगठित क्षेत्र के रोजगार में गिरावट का परिणाम था।

46. भारत में अधिकांशतः बेरोजगारी है- [Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2010]

Correct Answer: (d) संरचनात्मक
Solution:भारत सहित विकासशील देशों और अल्प विकसित देशों में पाई जाने वाली अधिकांशतः बेरोजगारी संरचनात्मक होती है। संरचनात्मक बेरोजगारी का मुख्य कारण व्यक्तियों में रोजगार के अनुरूप कौशल का न पाया जाना होता है। अर्थव्यवस्था के ढांचे का पिछड़ापन, सीमित पूंजी उपलब्धता एवं श्रम का बाहुल्य आदि भी संरचनात्मक बेरोजगारी के प्रमुख कारण हैं।

47. प्रच्छन्न बेरोजगारी का अर्थ है- [Jharkhand P.C.S. (Pre) 2016]

Correct Answer: (c) श्रम की सीमांत उत्पादकता शून्य है
Solution:ऐसे श्रमिक, जो ऊपर से देखने में तो रोजगार में लगे रहते हैं, पर वास्तव में रोजगार में नहीं होते हैं, क्योंकि उनसे प्राप्त होने वाला सीमांत उत्पादन शून्य है अर्थात यदि उन्हें कार्य से बाहर कर दिया जाए, तब भी कुल उत्पादन में कोई कमी नहीं होगी। अतः ऐसी बेरोजगारी को जो वास्तव में होती तो है परंतु दिखती नहीं, को प्रच्छन्न बेरोजगारी कहते हैं। भारतीय कृषि क्षेत्र में पाई जाने वाली यह बेरोजगारी एक गंभीर समस्या है।

48. छिपी बेरोजगारी से तात्पर्य है- [U.P.P.C.S. (Mains) 2004 U.P.P.C.S. (Spl.) 2008 U.P.P.S.C. (GIC) 2010]

Correct Answer: (d) किसी कार्य में, जिसको कम व्यक्ति कर सकते हैं, अधिक व्यक्तियों का लगे रहना।
Solution:अर्थशास्त्र में छिपी या प्रच्छन्न बेरोजगारी शब्द का प्रयोग सबसे पहले श्रीमती जॉन रॉबिन्सन (Mrs. Joan Robinson) ने किया था। तकनीकी शब्दावली में श्रमिकों की सीमांत उत्पादकता के शून्य होने को छिपी बेरोजगारी कहा जाता है। अर्थात जब किसी काम में जितने श्रमिकों की वास्तव में आवश्यकता होती है, उससे अधिक लोग काम पर लगे हुए हों, तो इस बेरोजगारी को छिपी हुई बेरोजगारी कहा जाता है।

49. प्रच्छन्न बेरोजगारी का सामान्यतः अर्थ होता है कि- [I.A.S. (Pre) 2013]

Correct Answer: (c) श्रमिक की सीमांत उत्पादकता शून्य है।
Solution:अर्थशास्त्र में छिपी या प्रच्छन्न बेरोजगारी शब्द का प्रयोग सबसे पहले श्रीमती जॉन रॉबिन्सन (Mrs. Joan Robinson) ने किया था। तकनीकी शब्दावली में श्रमिकों की सीमांत उत्पादकता के शून्य होने को छिपी बेरोजगारी कहा जाता है। अर्थात जब किसी काम में जितने श्रमिकों की वास्तव में आवश्यकता होती है, उससे अधिक लोग काम पर लगे हुए हों, तो इस बेरोजगारी को छिपी हुई बेरोजगारी कहा जाता है।

50. भारत में छिपी हुई बेरोजगारी लक्षण है मुख्यतया _ [U.P. Lower Sub. (Pre)2004]

Correct Answer: (c) प्राथमिक क्षेत्र का
Solution:भारत में छिपी हुई (प्रच्छन्न) बेरोजगारी प्राथमिक क्षेत्र (कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों) में अधिक पाई जाती है, ऐसा भूमि एवं अन्य प्राकृतिक संसाधनों पर आबादी के अधिक दबाव के कारण होता है। तकनीकी विकास की कमी के कारण जनसंख्या का अधिकतर भाग कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों पर निर्भर करता है, जिस कारण एक ही कार्य में आवश्यकता से अधिक लोग लगे होते हैं। यही छिपी हुई बेरोजगारी का कारण बन जाता है।