Correct Answer: (b) 1995
Solution:वर्ष 1995 में कोपेनहेगन (डेनमार्क) में आयोजित 'सामाजिक विकास के लिए विश्व शिखर सम्मेलन' में संयुक्त राष्ट्र ने गरीबी को परम गरीबी (Absolute poverty) एवं समग्र गरीबी (Overall poverty) के दो रूपों में परिभाषित किया। मूलभूत मानवीय आवश्यकताओं जैसे- भोजन, सुरक्षित पेयजल, स्वच्छता सुविधाएं, स्वास्थ्य, आवास, शिक्षा तथा सूचना तक पहुंच से गंभीर रूप से वंचित रहने की स्थिति को 'परम गरीबी' (Absolute Poverty) के रूप में परिभाषित किया गया है। इसके अतिरिक्त कुपोषण, अस्थायी एवं अपर्याप्त आजीविका, बीमारी की स्थिति, दूषित वातावरण में निवास आदि जैसी स्थितियों में होने, जिनसे निर्णयन क्षमता तथा सम्मानजनक नागरिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक जीवन पर दुष्प्रभाव पड़ता है, को समग्र गरीबी के रूप में परिभाषित किया गया है।